हरियाणाः पैदल घर जा रहे आठ प्रवासी मजदूरों को गाड़ी ने कुचला; एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में चार की मौत

बड़ी संख्या में प्रवासियों के पैदल जाने की खबर आने के बाद रेवाड़ी में रोडवेज की बसें भेजी गईं गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी के बॉर्डर पर लगी घर यूपी-बिहार और अन्य राज्यों में जाने वालों की कतारें

पानीपत. कोरोनावायरस संक्रमण रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान एक दुखद घटना सामने आई है। नूंह से होकर गुजरने वाले कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर आठ लोगों को रविवार सुबह एक गाड़ी ने कुचल दिया। इसमें चार की मौत हो गई, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है। सभी मजदूर दिल्ली से अपने गांव जाने के लिए पैदल निकले थे।

लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा समस्या प्रवासी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है। वे सरकार की अपील के बावजूद शहरों में रुक नहीं रहे हैं। हरियाणा के हाइवे पर लोगों की भीड़ देखी जा सकती है।

रेवाड़ी में तेल के टैंकर पर लटककर जाते हुए मजदूर। 

 

फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम और सोनीपत में प्रवासियों की भीड़

दिल्ली से सटे फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम और सोनीपत में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। ज्यादातर मजदूर अपने बच्चों, परिवार के अन्य सदस्यों व कुछ सामान सिर पर लादकर ही निकले हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से रुकने की अपील की, लेकिन वे नहीं मान रहे। कुछ लोग दिल्ली से होकर गुरुग्राम के रास्ते यूपी जा रहे हैं, तो कुछ पलवल के रास्ते मथुरा की तरफ बढ़ रहे हैं। सोनीपत के राई में बड़ी औद्योगिक इकाइयां होने के कारण वहां से भी मजदूर पलायन कर रहे हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद में बसों की व्यवस्था भी की गई थी।

रेवाड़ी में जिला प्रशासन ने की बसों की व्यवस्था

रेवाड़ी में जिला प्रशासन ने प्रवासियों के लिए करीब 80 बसों की व्यवस्था की है। ये बसें उन्हें दिल्ली, यूपी और राजस्थान बॉर्डर पर छोड़ेंगी। हालांकि, बाकी लोगों के लिए शहर में पुलिस सख्ती दिखा रही है। लोग कम ही बाहर निकल रहे हैं।

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह गरीबों को खाना बांटते हुए।

 

अम्बाला, कैथल और कुरुक्षेत्र में व्यवस्था सामान्य

अम्बाला, कुरुक्षेत्र और कैथल जिले में व्यवस्था सामान्य है। अम्बाला में एक केस पॉजिटिव मिला है। इससे यहां लोगों में डर का माहौल है। पुलिस सख्ती दिखा रही है। कुरुक्षेत्र में राशन, दूध व सब्जी से जुड़ी दुकानें खुल रही हैं। शहरों की झुग्गियों में सामाजिक संस्थाओं द्वारा राशन व खाना पहुंचाया जा रहा है। शहर में रहने वाले बाबाओं को धर्मशालाओं में रहने की हिदायत दी गई है। वहीं, कैथल में भी हालात काबू में है। जरूरत की चीजें मिल रही हैं।

सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशानी

कोरोनावायरस के बचाव के लिए 21 दिन के लॉकडाउन का रविवार को पांचवां दिन है। वहीं, प्रशासन अभी तक भी सब्जियों के दामों पर लगाम नहीं लगा सका है। गांव-देहात में सब्जी बेचने जा रहे लोग मनमाने दाम वसूल रहे हैं। कुछ जगह राशन की दुकानें भी खाली नजर आने लगी हैं। थोक विक्रेताओं की शिकायत है कि उन तक सप्लाई नहीं आ रही है। ऐसे में आम लोगों को भी कुछ जगह परेशानी हो रही है।

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