चंडीगढ़. बठिंडा में एक ब्लड बैंक में गलत तरीके से खून चढ़ाने की घटना के संबंध में जांच समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए निदेशक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कर्मचारियों को घोर लापरवाही बरतने पर आदेश जारी किए हैं। आज जारी किए गए आदेशों के अनुसार, बलदेव सिंह रोमाना, जो मेडिकल लैब टेक्नीशियन ग्रेड -1 हैं, ने NHM Pb के तहत ब्लड बैंक में डॉ कृष्ण गोयल, बीटीओ में पोस्टेड हैं। सिविल अस्पताल, बठिंडा में कार्यरत PHSC के तहत MLT ऋचा गोयल को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है। इस बीच, सिविल सर्जन बठिंडा ने बठिंडा के एसएसपी को पत्र लिखकर कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और अन्य आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने को कहा है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री बलबीर सिंह सिद्धू ने इस घटना की कड़ी जानकारी ली थी और तत्काल एक जाँच समिति के गठन का आदेश दिया था। उनके निर्देश पर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया, जिसने अपनी रिपोर्ट में कर्मचारी को घोर लापरवाही का दोषी पाया। कुछ दिनों पहले बठिंडा के भाई मणि सिंह सिविल अस्पताल में एक 7 वर्षीय थैलेसीमिया रोगी को एचआईवी पॉजिटिव मरीज का खून दिया गया था। अस्पताल में ब्लड बैंक ने डोनर से लेने के बाद यूनिट जारी कर दी थी और अनिवार्य जांच नहीं की थी।
बठिंडा के ब्लड बैंक में गलत खून चढ़ाने की घटना के मामले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने घोर लापरवाही के लिए कर्मचारियों को मुअत्तल करने के आदेश जारी किए हैं। शनिवार को जारी किये गए आदेशों में ब्लड बैंक में तैनात मेडिकल लैब टेक्नीशियन बलदेव सिंह रोमाना, एनएचएम बीटीओ डा. कृष्ण गोयल, सिवल अस्पताल में काम कर रहीं एमएलटी ऋचा गोयल को तत्काल प्रभाव से मुअत्तल किया गया है। साथ ही एसएसपी बठिंडा को इस मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने इस घटना के बाद जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे। उनके निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया, जांच में यह पाया गया कि बिना जांच किए रक्तदाता द्वारा दिए गए खून को जरूरतमंद को दिया गया। दिया गया खून एक एचआईवी पॉजिटिव रक्तदाता के द्वारा दिया गया था। जांच कर रही कमेटी ने पूरे मामले में कर्मचारियों की घोर लापरवाही उजागर हुई। कमेटी ने अग्रिम कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी। जिसके बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से यह कार्रवाई की गई है।
क्या है मामला?
अक्तूबर के पहले सप्ताह में बठिंडा के भाई मनी सिंह सिविल अस्पताल में एक सात वर्षीय थैलेसीमिया रोगी बच्चे को एचआईवी पॉजिटिव मरीज का खून दिया गया था। अस्पताल में ब्लड बैंक ने रक्तदाता से खून लेने के बाद यूनिट जारी कर दी थी और जरूरी जांच भी नहीं की थी।