आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया है और आज देश भर में हरियाली तीज या श्रावणी तीज मनाई जाएगी. यह दिन का महिलाओं के लिए खास महत्व है. वो समूह में एकत्र होकर गीत गाती हैं. हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं. अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी लड़कियां अच्छे पति की कामना करती हुई व्रत रखती है. सुहागिन स्त्रियां और नवयुवतियां दोनों इस दिन शाम को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं.
कई राज्यों में ये त्योहार नवविवाहित लड़कियां अपने मायके में मनाती हैं और उनके लिए ससुराल से कपड़े, गहनें, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई भेजी जाती हैं. वहीं कुछ राज्यों में महिलाएं ससुराल में ही ये पूजा करती हैं. इस दिन पति की सुख, समृद्धि के लिए व्रत रखा जाता है. यह व्रत निर्जला व्रत होता हैं. इस दिन हाथों में मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाया जाता है.
क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज
हरियाली तीज से जुड़ी एक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव ने पार्वती को उनके पिछले जन्म का स्मरण कराने के लिए कथा सुनाई. उन्होंने कहा- हे पार्वती तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था. तुमने अन्य-जल सब त्याग दिया था. तुम्हारा ये हाल देखकर तुम्हारे पिता दुखी थे. तभी नारद तुम्हारे घर पधारे और उन्होंने कहा कि उन्हें विष्णुजी ने भेजा है और विष्णु जी तुमसे विवाह करना चाहते हैं.
तुम्हारे पिता इस प्रस्ताव पर खुशी-खुशी मान गए. लेकिन जब तुम्हें इस बारे में पता चला तो तुम काफी दुखी हुई क्योंकि तुम मन से मुझे पति मान चुकी थी. इसके बाद तुमने अपने मन की बात अपने एक सहेली को बताई और फिर उसने तुम्हें एक घने वन में छुपा दिया. वहां तुम मेरी अराधना में लीन हो गई. तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न होकर मैंने तुम्हें मनोकामना पूरा करने का वचन दिया. जब तुम्हारे पिता तुम्हें ढूंढते हुए उस घने जंगल में पहुंचे तो तुमने शर्त रखी कि घर एक की शर्त पर जाओगी अगर तुम्हारा विवाह शिव से किया जाए.तुम्हारे पिता मान गए. वाद में विधि-विधान के साथ हमारा विवाह हुआ. हे पार्वती मैं उसी दिन से इस व्रत को करने वाली महिलाओं को मनवांछित फल देता हूं.
इसी कथा के मुताबिक हर महिला अच्छे वर और उस वर के लंबी उम्र के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती है.
किस समय पूजा करने से होगा लाभ?
- सुबह 01.36 से समय शुरू हो गया है.
- रात के 10.06 मिनट तक समय शुभ रहेगा.