हरेन पंड्या हत्याकांड / सुप्रीम कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराया, हाईकोर्ट का फैसला पलटा

हरेन पंड्या गुजरात के मंत्री थे, उनकी 26 मार्च 2003 को गोली मारकर हत्या हुई थी सीबीआई के मुताबिक, 2002 के गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए हरेन की हत्या की गई

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नई दिल्ली. गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निचली अदालत का फैसला बरकरार रखते हुए 12 आरोपियों को दोषी ठहराया। 2011 में गुजरात हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ सीबीआई और गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत में अर्जी दायर की थी।

26 मार्च 2003 को हरेन पांड्या सुबह की सैर पर गए थे तभी अहमदाबाद के लॉ गार्डन इलाके में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। उस समय ट्रायल कोर्ट ने आतंकवाद निरोधक कानून के तहत दोषियों को पांच साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई थी। आरोपियों की अपील पर 29 अगस्त 2011 गुजरात हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। सीबीआई ने 2012 में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

दोबारा जांच की मांग खारिज

जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने एनजीओ सीपीआईएल की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें कोर्ट की निगरानी में इस हत्याकांड की नए सिरे से जांच कराने का अनुरोध किया गया था। न्यायालय ने इस हत्याकांड की नए सिरे से जांच के लिए जनहित याचिका दायर करने पर इस एनजीओ पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और कहा कि इस मामले में अब किसी और याचिका पर विचार नहीं होगा।

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