चीनी हैकर्स का इंडियन हेल्थकेयर वेबसाइट पर हमला, चुराया लाखों डेटा
वेबसाइट का नाम बताए बिना फायर आई ने कहा कि साइबर क्रिमिनल्स भारत सहित पूरी दुनिया से चुराए गए हेल्थकेयर डेटा को महंगे दामों पर बेचते हैं.
नई दिल्ली,आइएएनएस। पूरी दुनिया में डेटा चोरी और हैंकिंग की खबरें लगातार आ रही हैं. यूएस की साइबर सिक्योरिटी फर्म FireEye ने कहा है कि बीते गुरुवार हैकर्स ने भारत की एक हेल्थकेयर वेबसाइट पर अटैक किया और करीब 68 लाख रेकॉर्ड्स चुरा लिए. इनमें मरीज़ों और डॉक्टर्स से जुड़े डेटा भी शामिल है.
- वेबसाइट का नाम बताए बिना फायर आई ने कहा कि साइबर क्रिमिनल्स भारत सहित पूरी दुनिया से चुराए गए हेल्थकेयर डेटा को महंगे दामों पर बेचते हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया कि फरवरी में fallensky51 नाम के एक हैकर ने भारत से मरीज़ों और डॉक्टरों के 68 लाख रिकॉर्ड्स चुरा लिए.
- अमेरिकी का साइबर सुरक्षा फर्म फायरआइ (fire eye) ने गुरुवार को कहा कि हैकर्स ने भारत की एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा वेबसाइट को हैक कर लिया है। हैकर्स ने मरीज और डॉक्टर की जानकारी वाले 68 लाख रिकॉर्ड को चोरी कर लिया है। वेबसाइट का नाम बिना बताए फायर आइ ने कहा कि ज्यादातर हैकर्स चीन के है और वह भारत सहित दुनिया भर में स्वास्थ्य संगठनों और वेब पोर्टलों से चोरी किए गए डेटा को सीधे बेच रहे हैं।
फर्म ने आगे कहा कि फरवरी में भारत स्थित स्वास्थ्य सेवा वेबसाइट से जुड़े 6,800,000 रिकॉर्ड्स चुरा लिए हैं। जिसमें रोगी की जानकारी और व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई), डॉक्टर की जानकारी और पीआईआई और क्रेडेंशियल्स शामिल हैं। फायरआई ने एक रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि 1 अक्टूबर, 2018 और 31 मार्च, 2019 तक हेल्थकेयर से जुड़े डेटाबेस देखें जिसके बाद ये बात सामने आई है।
- वेबसाइट का नाम बताए बिना फायर आई ने कहा कि साइबर क्रिमिनल्स भारत सहित पूरी दुनिया से चुराए गए हेल्थकेयर डेटा को महंगे दामों पर बेचते हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया कि फरवरी में fallensky51 नाम के एक हैकर ने भारत से मरीज़ों और डॉक्टरों के 68 लाख रिकॉर्ड्स चुरा लिए.
- ओपन सोर्स रिपोर्टों से पता चला है कि हाल के दशकों में कैंसर की मृत्यु दर में वृद्धि हुई है, जिसमें कैंसर चीन की मौत का प्रमुख कारण बन रहा है। जैसा कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) 2020 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाता है, लागत को नियंत्रित करता है यह बात फायरआई ने अपनी रिपोर्ट में कही हैं ।
साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘ऐसा लगता है कि हैकर्स का इंटरेस्ट भारत में कैंसर के इलाज से संबंधित है क्योंकि यहां इलाज की कास्ट काफी कम है. चीन कैंसर को लेकर काफी चिंतित है क्योंकि यहां कैंसर से मरने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. दूसरा इस डेटा का प्रयोग करके मेडिकल रिसर्च से चीन मार्केट में नई दवाइयां ला सकता है, जिसकी वजह से कम पैसे में ज्यादा इलाज हो पाएगा. चाइनीज हैकर्स पहले भी कई सेक्टर्स में सेंध लगाकर डेटा जुटाते रहे हैं. हालांकि, हेल्थ सेक्टर से जुड़ा यह पहला मामला सामने आया है.
- पीआरसी दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते फार्मास्युटिकल बाजारों में से एक है, जो घरेलू फर्मों, विशेष रूप से ऑन्कोलॉजी उपचार या सेवाएं प्रदान करने वाले आकर्षक अवसर पैदा करता है। इस साल अप्रैल की शुरुआत में, संदिग्ध चीनी साइबर जासूसों ने अमेरिका के एक स्वास्थ्य केंद्र पर EVILNUGGET” malware के साथ निशाना साधा था। एक चीनी समूह जिसने जैव चिकित्सा, दवा और स्वास्थ्य संगठनों पर ध्यान केंद्रित किया पूर्व वर्षों में भी इसी संगठन को लक्षित किया है।
इसी साल अप्रैल की शुरुआत में चीन के हैकर्स ने यूएस बेस्ड हेल्थकेयर सेंटर को EVILNUGGET मैलवेयर के साथ निशाना बनाया था. एक चायनीज़ ग्रुप APT22 ने बायोमेडिकल, फार्मास्यूटिकल और हेल्थकेयर ऑर्गेनाइज़ेशन को निशाना बनाया था.