सूरत. कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में अव्यवस्थाएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे दो मामले सामने आए हैं। गुजरात के सूरत में एक कोरोना संक्रमित की मौत की सूचना उनके परिवार वालों को नहीं दी गई। जब वे मरीज का हाल जानने अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि उनका तो अंतिम संस्कार किया जा चुका है। उधर, हरियाणा के पंचकूला में एक रिटायर्ड कर्नल का सैम्पल लेने से पहले ही उनके मोबाइल पर जांच हो जाने का मैसेज भेज दिया गया।
पहला केस
सूरत के शक्तिनगर इलाके में रहने वाले दिलीपभाई मगनभाई गोंडलिया 17 जून को कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उन्हें गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया। 24 जून को रात 11 बजे उन्होंने परिवारवालों से मोबाइल पर बात की। दूसरे दिन दिलीप का भतीजा किशन उनका हाल जानने अस्पताल पहुंचा। तब पता चला कि सुबह साढ़े 5 बजे ही उनकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने एक ट्रस्ट से उनका अंतिम संस्कार भी करा दिया। अब दिलीपभाई के परिजन अस्पताल पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दूसरा केस
पंचकूला सेक्टर-7 की डिस्पेंसरी को सैंपल क्लेक्शन सेंटर बनाया गया है। सेक्टर-20 फरीदाबाद से एक रिटायर्ड कर्नल अपनी पत्नी के साथ शुक्रवार को सैंपल देने पहुंचे। करीब ढाई घंटे इंतजार के बाद उनकी डिटेल नोट की गई। इसके बाद उन्हें कुछ नाश्ता करके आने के लिए कहा गया। वे घर लौटकर खाना खा रहे थे तभी उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनके सैंपल ले लिए गए हैं। जबकि उन्होंने कोई सैंपल नहीं दिया था।
डाटा में नाम भी गलत लिखा था
मैसेज मिलते ही रिटायर्ड कर्नल तत्काल सेक्टर-7 की डिस्पेंसरी पहुंचे। वहां डॉक्टरों से भी इस बारे में बात की। उनसे जो डेटा लिया गया था, उसमें नाम भी गलत लिखा हुआ था। अब वे इस मामले में हेल्थ डिपार्टमेंट से भी कंप्लेंट करने की बात कर रहे हैं।