एसिडिटी के लिए इस्तेमाल हो रही जेनटेक टैबलेट में कैंसर के तत्व , कंपनी ने बाजार से हटाई दवा

भारतीय एक्सपर्टों का कहना है कि रेनिटिडाइन को गैस के उपचार के लिए इस्तेमाल की जा रही कई अन्य दवाओं की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। इसे एसिडिटी और अपर इंटेस्टाइनल अल्सर के इलाज में भी मरीजों को दिया जाता है। किडनी की समस्या से जूझ रहे मरीजों में भी गैस के इलाज के लिए रेनिटिडाइन को तरजीह दी जाती है।

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  • रेनिटिडीन हाइड्रोक्लोराइड वाली ये दवा एसिडिटी दूर करने के काम आती है, जीएसके जेनटेक ब्रांड से बेचती है
  • अमेरिका में कुछ कंपनियों की दवा में कैंसर के तत्व मिले, इसलिए जीएसके ने एहतियातन फैसला लिया
  • भारत में रेनिटिडाइन टैबलेट का मार्केट 700 करोड़ रुपए का, अलग-अलग कंपनियां 180 नामों से बेचती हैं

नई दिल्ली. ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) फार्मा ने भारत समेत दुनियाभर के बाजारों से रेनिटिडाइन हाइड्रोक्लोराइड (जेनटेक) टैबलेट वापस लेने का बुधवार को ऐलान किया। ये दवा एसिडिटी के लिए इस्तेमाल होती है। अमेरिका में ड्रग रेग्युलेटर की जांच में कुछ कंपनियों की रेनिटिडाइन दवाओं में कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाने की रिपोर्ट की वजह से जीएसके ने एहतियातन इसे बाजार से हटाने का फैसला किया।

रेनिटिडीन एसिडिटी के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवा

  • अमेरिकी ड्रग रेग्युलेटर यूएसएफडीए का कहना है कि रेनिटिडाइन दवाएं अलग-अलग कंपनियों द्वारा कई तरह के ब्रांड नाम से बेची जा रही हैं। इनमें से कुछ में कैंसर कारक अशुद्धि मिली है। इस खबर के बाद भारत में भी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) हरकत में आ गया। डीजीसीआई ने स्टेट ड्रग रेग्युलेटर से कहा है कि सभी फार्मा कंपनियों को अपनी-अपनी रेनिटिडाइन टैबलेट की जांच के लिए कहा जाए।

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  • रेनिटिडीन एसिडिटी के लिए दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे जरूरी दवाओं की सूची में शामिल कर रखा है। भारत में ग्लेक्सोस्मिथक्लाइन, जेबी केमिकल्स, कैडिला फार्मा, जायडस कैडिला, डॉ. रेड्‌डी और सन फार्मा जैसी कंपनियां करीब 180 ब्रांड नेम से रेनिटिडाइन टैबलेट बनाती हैं। इनमें एसिलॉक, पैनटेक, रेनटेक, जेनटेक जैसे मशहूर ब्रांड शामिल हैं। हालांकि, अब तक रेनिटिडाइन दवा के किसी भी भारतीय ब्रांड में कैंसर कारक अशुद्धि मिलने का खुलासा नहीं हुआ है।
  • रेनिटिडीन दवाएं कई फॉर्मुलेशन में पाई जाती हैं। ये टैबलेट और इंजेक्शन दोनों फॉर्म में उपलब्ध हैं। भारत में रेनिटिडाइन दवाओं का सालाना कारोबार करीब 700 करोड़ रुपए का है। पिछले हफ्ते अमेरिका और यूरोप के रेग्युलेटर्स ने कहा था कि उन्होंने रेनिटिडाइन के ब्रांड में एनडीएम पाया है। वे अब आगे की जांच कर रहे हैं। मुमकिन है कि आने वाले दिनों में इसके इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी भी जारी की जाए। मामले की जानकारी रखने वाले भारत सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अभी लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार इस मामले पर सही समय पर उचित कदम उठाएगी।

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  • भारतीय एक्सपर्टों का कहना है कि रेनिटिडाइन को गैस के उपचार के लिए इस्तेमाल की जा रही कई अन्य दवाओं की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। इसे एसिडिटी और अपर इंटेस्टाइनल अल्सर के इलाज में भी मरीजों को दिया जाता है। किडनी की समस्या से जूझ रहे मरीजों में भी गैस के इलाज के लिए रेनिटिडाइन को तरजीह दी जाती है।

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