दिल्ली आंदोलन के लिए ग्राम पंचायतों ने डाले प्रस्ताव, संघर्ष में हुए नुकसान की भरपाई लोगों से फंड इकट्ठा कर पूरा करेंगी पंचायते

ब्लाक मोड़ के चार गांव माईसरखाना, घुमन कलां, कमालू और राजगढ़ कुबे की ग्राम पंचायतों ने किसान यूनियनों व गांव निवासियों की सहमति के साथ हर परिवार के एक व्यक्ति को दिल्ली आंदोलन में शामिल होने के लिए फरमान जारी किया है।

बठिंडा/ मौड़ मंडी. खेती कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को बल देने के लिए राज्य भर की पंचायतों की तरफ से आंदोलन में शामिल करने के लिए प्रस्ताव डाले जा रहे हैं, वही ब्लाक मोड़ के चार गांव माईसरखाना, घुमन कलां, कमालू और राजगढ़ कुबे की ग्राम पंचायतों ने किसान यूनियनों व गांव निवासियों की सहमति के साथ हर परिवार के एक व्यक्ति को दिल्ली आंदोलन में शामिल होने के लिए फरमान जारी किया है।

इस संबंध में माईसरखाना के सरपंच सतनाम सिंह ने बताया कि मोदी सरकार की तरफ से किसानों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है इन कोशिशों को असफल बनाने के लिए गांव माईसरखाना निवासियों की तरफ से प्रस्ताव पास किया है, कि हर एक परिवार का एक जीव किसान आंदोलन में शामिल होगा और यदि कोई व्यक्ति किसी कारन से नहीं जा सकता, तो उस व्यक्ति की 1100 रुपए का किसान संघर्ष फंड जुर्माने के तौर पर देना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई व्यक्ति केंद्र सरकार के अत्याचार का शिकार होता है, या फिर दिल्ली में किसी किसान के ट्रैक्टर का नुक्सान होता है, तो इस नुक्सान की भरपाई गांव वासियें की तरफ से फंड इकट्ठा करके की जाएगी।

गांव घुंमण कलां के सरपंच जग्गा सिंह ने बताया कि गांव में हर रविवार को 55 सदस्यों का जत्था दिल्ली को रवाना किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति जत्थे के साथ नहीं जा सकता, तो वह व्यक्ति 2 हजार रुपए जत्थेबंदी को फंड देगा। सरपंच मनजीत कौर निवासी राजगढ़ कुबे ने कहा कि गांव में हर घर से व्यक्ति किसान मोर्चो के लिए जाएगा और ट्रैक्टर के तेल का खर्चा गाँववासियों की तरफ से किया जाएगा और वह व्यक्ति 10 दिन के लिए मोर्चो में रहेंगे। इसके इलावा गाँव कमालू, पुहली व काहन सिंह वाला की ग्राम पंचायतों ने किसान मोर्चा में हिस्सा लेने के लिए इसी तरह के फरमान जारी किए है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.