ईरान / देश में राष्ट्रपति रुहानी से भी ज्यादा लोकप्रिय थे जनरल कासिम, ट्रम्प से कहा था- तुमने युद्ध शुरू किया, तो हम खत्म करेंगे

जनरल कासिम की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 में ईरान की पोलिंग एजेंसी ने अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के साथ एक सर्वे किया था। इसमें उनकी लोकप्रियता 83% के करीब थी, जो कि राष्ट्रपति हसन रूहानी और विदेश मंत्री जावेद जरीफ से भी ज्यादा थी। हालांकि, कुछ समय पहले जब उनसे पूछा गया कि क्या वे राष्ट्रपति बनेंगे, तो उन्होंने इससे इनकार किया था। 

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  • अमेरिका ने गुरुवार देर रात बगदाद एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमला कर जनरल कासिम को मार गिराया
  • अमेरिका ने पिछले साल ईरान को परमाणु संधि तोड़ने का जिम्मेदार माना था, इसके बाद विवाद शुरू हुआ
  • ट्रम्प ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से कहा था- ऐसी कार्रवाई करेंगे जो इतिहास में बहुत कम देशों ने देखी
  • इस पर जनरल कासिम ने ट्रम्प का नाम लेकर कहा था- हम अमेरिका का सब कुछ तबाह कर देंगे

तेहरान. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर गुरुवार देर रात अमेरिका ने ईरानी विशेष सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया। जनरल कासिम इराक और सीरिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने के लिए चर्चित थे। पिछले साल जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान को परमाणु संधि तोड़ने के लिए तबाही की धमकी दी, तो सबसे पहले जनरल कासिम ने ही उन्हें जवाब दिया। उन्होंने कहा था कि ट्रम्प ने युद्ध शुरू किया, तो खत्म हम करेंगे।

देश में राष्ट्रपति रुहानी से भी ज्यादा लोकप्रिय थे जनरल कासिम के लिए इमेज नतीजे"

जनरल कासिम की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 में ईरान की पोलिंग एजेंसी ने अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के साथ एक सर्वे किया था। इसमें उनकी लोकप्रियता 83% के करीब थी, जो कि राष्ट्रपति हसन रूहानी और विदेश मंत्री जावेद जरीफ से भी ज्यादा थी। हालांकि, कुछ समय पहले जब उनसे पूछा गया कि क्या वे राष्ट्रपति बनेंगे, तो उन्होंने इससे इनकार किया था।

अमेरिका से कैसे बढ़ी कुद्स सेना की दुश्मनी?
अमेरिका ने पिछले साल अप्रैल में ऐलान किया था कि वह ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स और उसकी यूनिट कुद्स सेना पर प्रतिबंध लगा रही है। इन्हें 15 अप्रैल से आतंकी संगठन घोषित किया गया। अमेरिका का आरोप था कि आईआरजीसी ने अपने गठन के साथ ही आतंक फैलाने का काम शुरू कर दिया। विदेशों में यह विशेष सेना कुद्स फोर्स के जरिए आतंकी अभियान को आगे बढ़ाती है। पिछले कुछ समय में भारत, जर्मनी, बोस्निया, बुल्गारिया, केन्या, बहरीन और तुर्की में भी कुद्स सेना की साजिशों का खुलासा हुआ।

अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, 2003-2011 के बीच जनरल कासिम की वजह से इराक में उसके 603 सैनिक मारे गए। यह इराक में उसके सैनिकों की कुल मौतों का 17% है। इसके अलावा इराकी शिया विद्रोहियों को बम बनाने की तकनीक कासिम कई और इराकी नागरिकों की मौत के जिम्मेदार हैं।

भारत में इजराइली राजनयिकों पर हमले की कोशिश 
दिल्ली में फरवरी 2012 को इजराइली राजनयिकों पर बम धमाके के जरिए हमले की कोशिश की गई थी। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था। दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया था कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की कुद्स सेना ने इस हमले की साजिश रची थी।

अमेरिकी अफसरों ने की थी कासिम से संपर्क की कोशिश
जनरल कासिम सुलेमानी 1998 में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स की स्पेशलिस्ट एजेंट्स की टुकड़ी ‘कुद्स सेना’ के प्रमुख बने थे। अमेरिकी खुफिया ‌विभाग के लीक दस्तावेजों के मुताबिक, कासिम पर आरोप लगा कि वे सीरिया और इराक में स्थानीय लड़ाकों को अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ युद्ध की तकनीक सिखा रहे हैं। विकीलीक्स के मुताबिक, 2009 में अमेरिकी अफसरों ने बगदाद में अपने ठिकानों पर हमले रोकने के लिए जनरल कासिम से संपर्क करने की बात कही थी। तब कासिम ने इन हमलों में हाथ होने की बात नकारी थी।

सुप्रीम लीडर के करीबी थे जनरल कासिम

कासिम सीरिया और इराक में आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ मोर्चा लेने वाले अहम लोगों में शामिल थे। बीते सालों में उनकी कई तस्वीरें ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खमेनेई के साथ देखी गईं। दोनों की करीबी इतनी ज्यादा थी कि कासिम की बेटी की शादी को खुद सुप्रीम लीडर ने मंजूरी दी थी।

कई बार हुआ हत्या का प्रयास, मौत की अफवाहें भी उड़ीं
कुद्स सेना के प्रमुख बनने के बाद पिछले 21 साल में इजराइल, सऊदी और पश्चिमी ताकतों ने जनरल कासिम की हत्या करने की कोशिश की। हालांकि, वे हर बार बच निकले। ईरान के सुप्रीम लीडर ने एक बार उन्हें ‘क्रांति का जिंदा शहीद’ तक करार दे दिया था। इस बीच कई बार उनके मरने की खबरें भी सामने आईं। सबसे पहले 2006 में उत्तर-पश्चिम ईरान में एक प्लेन क्रैश में उनके मारे जाने की बात कही गई। इसके बाद 2012 में सीरिया के दमिश्क में बम धमाकों में राष्ट्रपति असद के वफादार के साथ मरने की बात सामने आई। नवंबर 2015 में भी ऐसी ही अलेप्पो में आईएस के खिलाफ लड़ने के दौरान भी उनकी मौत की अफवाहें उड़ीं। हालांकि, वे हर बार जिंदा सामने आए।

जनरल कासिम की मौत का दुनियाभर पर असर
जनरल कासिम की मौत के बाद इजराइली सेना हाई अलर्ट पर है। इजराइल ने आशंका जताई है कि ईरान की हिज्बुल्ला सेना हमास के जरिए गाजा से उसके खिलाफ युद्ध छेड़ सकती है। इजराइल ने दूसरे देशों में मौजूद अपने राजनयिकों को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी ग्रीस दौरे से तुरंत लौटने का फैसला किया है। दूसरी तरफ सीरियाई सरकार ने कासिम के मारे जाने को अमेरिका का धोखेबाजी भरा कदम बताया। लेबनान के हिज्बुल्ला समर्थित अखबार ने इसे युद्ध की घोषणा करार दिया। रूस ने भी अमेरिका के इस कदम को तनाव बढ़ाने वाला बताया।

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