अर्थव्यवस्था / जीडीपी ग्रोथ रेट जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.5% रही, बीते 6 साल में सबसे कम

इससे कम 4.3% जीडीपी ग्रोथ 2013 की जनवरी-मार्च तिमाही में रही थी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में गिरावट का ज्यादा असर, इस सेक्टर में -1% ग्रोथ

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नई दिल्ली. देश की जीडीपी ग्रोथ जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 4.5% रह गई। यह 6 साल (26 तिमाही) में सबसे कम है। इससे कम 4.3% जनवरी-मार्च 2013 में रही थी। जीडीपी ग्रोथ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सुस्ती की वजह से ज्यादा प्रभावित हुई। इस सेक्टर की ग्रोथ (-)1% रही। पिछले साल सितंबर तिमाही में 4.9% थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को सितंबर तिमाही के आंकड़े जारी किए। इससे पहले अप्रैल-जून में ग्रोथ 5% और पिछले साल जुलाई-सितंबर में 7% रही थी। छमाही आधार पर देखें तो इस साल अप्रैल से सितंबर के 6 महीने में ग्रोथ 4.8% दर्ज की गई। पिछले साल इसी छमाही में 7.5% थी।

 

किस सेक्टर में कितनी ग्रोथ?

सेक्टर जुलाई-सितंबर 2018 में ग्रोथ अप्रैल-जून 2019 में ग्रोथ जुलाई-सितंबर 2019 में ग्रोथ
एग्रीकल्चर 4.9% 2% 2.1%
माइनिंग 2.2% 2.7% 0.1%
मैन्युफैक्चरिंग 6.9% 0.6% -1%
इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई 8.7% 8.6% 3.6%
कंस्ट्रक्शन 8.5% 5.7% 3.3%
ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन 6.9% 7.1% 4.8%
फाइनेंशियल सर्विसेज 7% 5.9% 5.8%
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन 8.6% 8.5% 11.8%

लगातार छठी तिमाही ग्रोथ में गिरावट

तिमाही जीडीपी ग्रोथ
जनवरी-मार्च 2018 8.1%
अप्रैल-जून 2018 8%
जुलाई-सितंबर 2018 7%
अक्टूबर-दिसंबर 2018 6.6%
जनवरी-मार्च 2019 5.8%
अप्रैल-जून 2019 5%
जुलाई-सितंबर 2019 4.5%

 

‘तीसरी तिमाही से ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद’
मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यन का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है। तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) से जीडीपी ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है।

आरबीआई रेपो रेट 0.25% और घटा सकता है: रिपोर्ट
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए आरबीआई 3-5 दिसंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो रेट में फिर से 0.25% कटौती कर सकता है। ऐसा हुआ तो ये रेपो रेट में लगातार छठी बार कटौती होगी। अर्थव्यवस्था में सुधार की कोशिशों में सरकार ने भी पिछले महीनों में कॉर्पोरेट टैक्स घटाने समेत कई कदम उठाए।

भाजपा के लिए जीडीपी ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’: कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला जीडीपी ग्रोथ में गिरावट को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा- जीडीपी ग्रोथ 6 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है, फिर भी भाजपा जश्न क्यों मना रही है? भाजपा के लिए जीडीपी ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स है। सुरजेवाला ने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान के संदर्भ में ये टिप्पणी की। प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहा था, हालांकि उन्होंने शुक्रवार को लोकसभा में दो बार माफी मांग ली।


GDP के आंकड़ों पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जताई चिंता, कहा- निवेश के लिए मोदी सरकार भयमुक्त माहौल पैदा करे

Manmohan Singh said  on GDP figures Modi government should create fear free environment for investment

नई दिल्ली: आर्थिक मोर्च पर एक और बुरी खबर आई है. दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 हो गई. इस पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने गहरी चिंता जताई है. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ”आज जारी हुए जीडीपी दर बेहद कम हैं और लगातार गिरती जीडीपी चिंता का विषय है, वहीं ये मंजूर नहीं है. देश के लोग चाहते हैं कि विकास दर 8 से 9 फीसदी होनी चाहिए. ये गंभीर चिंता का विषय है.”

 

डर की वजह से बैंक लोन हीं दे रहे हैं- मनमोहन सिंह

 

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ये भी कहा कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह डर का माहौल है. एक कार्यक्रम में अपनी बात शुरू करने से पहले उन्होंने कहा आज के हालात में वो आम नागरिक और अर्थशास्त्री के नाते अपनी बात रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ” मुझसे कई उद्योगपति मिलते हैं और कहते हैं कि डर है. उन्हें डर लगता है सरकार की अलग अलग एजेंसी की परेशानियों का. डर के कारण बैंकर लोन नहीं दे रहे हैं. वहीं कई उद्योगपति उसी डर के चलते नए उद्योग नहीं लगा रहे हैं.”

इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर मोदी सरकार और उनकी नीतियों जिम्मेदार बताया. उन्होंने ये भी कहा, “इस सरकार में एक डर और तनाव का माहौल है. अगर इस वित्तीय स्थिति से बाहर निकलना है तो मोदी सरकार को चाहिए कि वो एक भयमुक्त और अच्छा माहौल पैदा करे ताकि निवेश हो. उद्योगपति नए उद्योग शुरू करें, बैंक बिना डरे लोन दें तभी कुछ होगा.” इसे पहले तिमाही में यानी अप्रैल से जून में देश की आर्थिक वृद्धि दर यानी जीडीपी पांच फीसदी थी. जीडीपी में लगातार गिरावट हो रही है.

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