धोनी पर ‘गंभीर’ का खुलासा, इन तीन महारथियों को एक टीम में नहीं खेलने देना चाहते थे
धोनी की बतौर कप्तान काफी तारीफ होती है क्योंकि उन्होंने भारत को दो विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया। वहीं टीम इंडिया को टेस्ट की नंबर-1 टीम बनाया।
नई दिल्ली: टीम इंडिया के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी का संन्यास इस समय चर्चा का सबसे खास मुद्दा बना हुआ हैं। धोनी ने अब तक अपने संन्यास की घोषणा नहीं की है और सूत्रों से जानकारी मिली है कि वह इस पर कुछ समय तक कोई प्रतिक्रिया नहीं देने वाले हैं। धोनी की बतौर कप्तान काफी तारीफ होती है क्योंकि उन्होंने भारत को दो विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया। वहीं टीम इंडिया को टेस्ट की नंबर-1 टीम बनाया। हालांकि, पसंदीदा खिलाडि़यों को मौका देने के कारण धोनी की आलोचना भी होती रही। उन्होंने खिलाडि़यों के चयन के समय कुछ ऐसे विवादित फैसले लिए कि कुछ सीनियर खिलाड़ी खुश नहीं रहे।
हाल ही में इंग्लैंड में संपन्न 2019 विश्व कप में पूर्व कप्तान धोनी ने काफी धीमी बल्लेबाजी की, जिसके कारण वह आलोचकों के निशाने पर हैं। विकेट के पीछे भी धोनी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा बाई के रन लुटाने वाले विकेटकीपर रहे। इसके बाद से उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर ने स्वीकार किया कि धोनी की कप्तानी के दौरान उनके बीच कुछ मामलों में खटपट होती थी और इस दौरान धोनी के बारे में गंभीर ने एक बड़ा खुलासा भी किया।
हाल ही में एक टीवी शो को दिए इंटरव्यू में गौतम गंभीर ने याद किया कि एमएस धोनी जब कप्तान थे तो उन्होंने फैसला किया था कि मुझे, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को एक टीम में खेलते नहीं देखना चाहते थे। यह घटना 2012 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीन देशों के बीच वनडे सीरीज की है। धोनी ने बतौर कप्तान कहा था कि वह एक साथ इन तीन महारथियों को मौका नहीं देना चाहते क्योंकि इससे टीम के फील्डिंग स्तर पर बुरा असर पड़ेगा। ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों को देखते हुए धोनी ने यह फैसला लिया था।
गंभीर के हवाले से एक न्यूज वेबसाइट ने कहा, ‘2012 में ऑस्ट्रेलिया में ट्राई सीरीज थी। धोनी ने फैसला किया कि वह मुझे, सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग को एक टीम में नहीं देखना पसंदे करेगा क्योंकि उनका ध्यान 2015 विश्व कप पर था। यह बड़ा झटका था। मेरे ख्याल से यह किसी भी क्रिकेटर के लिए बड़ा झटका होता। मैंने किसी को 2012 में ऐसा कहते हुए नहीं सुना कि वह 2015 विश्व कप का हिस्सा नहीं होगा। मेरा हमेशा से मानना रहा कि अगर आप रन बनाते रहोगे तो फिर उम्र महज एक नंबर है।’
गंभीर ने ध्यान दिलाया कि धोनी ने यह फैसला इसलिए किया था क्योंकि वह 2015 विश्व कप के लिए युवाओं को तैयार करना चाहते थे। गंभीर ने यह भी कहा कि चयनकर्ताओं को धोनी के भविष्य पर फैसला लेना चाहिए। रिपोर्ट्स मिली हैं कि धोनी वेस्टइंडीज दौरे पर नहीं जाएंगे। 38 वर्षीय धोनी मैदान पर लचर प्रदर्शन के कारण काफी आलोचनाएं झेल रहे हैं और अब लोगों को इंतजार है कि वह कब संन्यास की घोषणा करेंगे।