मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी हुए गिरफ्तार
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में नेशनल एकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने इस्लामाबाद में उनके घर से गिरफ्तार किया है. जरदारी की जमानत याचिका हाई कोर्ट से खारिज हो गई थी. उनकी कंपनी पर तीन करोड़ रुपये घूस देने का आरोप है. जरदारी को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां NAB उनकी रिमांड की मांग करेगी. इस्लामाबाद हाईकोर्ट की दो जजों की पीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जरदारी की जमानत अर्जी खारिज करने का फैसला सुनाया. तीस मई को इसी बैंच ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए 10 जून तक इसे बढ़ा दिया था.
नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को फर्जी बैंक अकाउंट मामले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. एनएबी की एक टीम जरदारी के घर पहुंची और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी को गिरफ्तार कर लिया. फर्जी बैंक अकाउंट मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर की अंतरिम जमानत को बढ़ाने की अर्जी ठुकरा दी थी. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इसके बाद एनएबी को जरदारी और फरयाल की गिरफ्तारी के आदेश दिए.
Pak Media: NAB has arrested former Pakistan President Asif Ali Zardari in fake bank accounts case. (File pic) pic.twitter.com/zwI5Ci0sf3
— ANI (@ANI) June 10, 2019
नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) के जरिए फर्जी खाता मामले का सामना कर रहे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को गिरफ्तार किया गया है. सोमवार को ही इस मामले में जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने झटका देते हुए स्थाई जमानत देने से मना कर दिया था. साथ ही कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जरदारी और उनकी बहन को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया. जिसके बाद ही गिरफ्तारी की गई है.
फर्जी खाता मामले में न्यायाधीश अमीर फारुख और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तार कयानी की खंडपीठ दोनों की स्थाई जमानत की सुनवाई कर रही है. दोनों पर फर्जी बैंक खातों और कई मुख्यधारा के बैंकों के जरिए अरबों मूल्य के हुए फर्जी लेनदेन की जांच से संबंधित एक मामला चल रहा है. इन फर्जी खातों का इस्तेमाल रिश्वत के जरिए मिली भारी भरकम रकम को ठिकाने लगाने के लिए किया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक जरदारी और तालपुर समेत सात लोग कथित रूप से कुल 35 अरब रुपए के संदिग्ध लेनदेन के लिए खास बैंक खातों के इस्तेमाल में शामिल रहे हैं.
वहीं हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने पाकिस्तान के लोगों से देश को बचाने की गुहार लगाई है. उनका कहना था कि अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नहीं हटाया गया तो देश कहीं का नहीं रहेगा. पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर पूर्व राष्ट्रपति जरदारी ने लोगों की तकलीफों को दूर करने के लिए इमरान खान को तत्काल प्रभाव से हटान की बात कह डाली थी.
जानिए कौन हैं आसिफ अली जरदारी
आसिफ अली जरदारी का जन्म 26 जुलाई, 1955 को कराची में सिंध-बलोच जरदारी कबीले में हुआ. आसिफ अली अपने पिता हाकिम अली जरदारी की इकलौती संतान हैं. आसिफ अली जरदारी के पिता हाकिम अली अपने कबीले के सरदार थे. आसिफ अली जरदारी वर्तमान में पाकिस्तान के राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्यक्ष हैं. उनकी पत्नी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद वे 9 सितंबर 2008 को वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने. बिलावल, बख्तावर और आसिफा उनके तीन बच्चे हैं.
जरदारी के पिता हाकिम अली अपने कबीले के सरदार थे
आसिफ अली जरदारी का जन्म 26 जुलाई, 1955 को कराची में सिंध-बलोच जरदारी कबीले में हुआ. आसिफ अली अपने पिता हाकिम अली जरदारी की इकलौती संतान हैं. आसिफ अली जरदारी के पिता हाकिम अली अपने कबीले के सरदार थे. आसिफ अली जरदारी वर्तमान में पाकिस्तान के राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्यक्ष हैं. उनकी पत्नी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद वे 9 सितंबर 2008 को वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने. बिलावल, बख्तावर और आसिफा उनके तीन बच्चे हैं.
सालगिरह’ नाम की एक पाकिस्तानी ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में बाल कलाकार के रूप में काम किया
1969 में आसिफ अली जरदारी ने ‘सालगिरह’ नाम की एक पाकिस्तानी ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म में बाल कलाकार के रूप में काम किया. जरदारी अपनी जवानी के दिनों में पोलो के खिलाड़ी थे और ‘जरदारी फोर’ उनकी एक टीम थी, जिसके वे कप्तान हुआ करते थे. जरदारी की स्कूली शिक्षा को लेकर कई प्रश्न आज भी जिंदा हैं. हालांकि उन्होंने कराची ग्रामर स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ली. उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाईस्कूल में भी पढ़ाई की है. स्कूल के कलर्क के अनुसार फाइनल एग्जाम में जरदारी फेल हो गए थे. उनकी ऑफिशियल बायोग्राफी में बताया गया है कि उन्होंने 1972 में पेटारो के कैडेट कॉलेज से ग्रैजुएशन की है.
- शुरुआती राजनीतिक सफर में उन्हें निराशा ही हाथ लगी. 1983 में सिंध के नवाबशाह से डिस्ट्रिक काउंसिल के चुनाव में वे हार गए. इसके बाद उन्होंने रियल स्टेट में हाथ आजमाया. 18 दिसंबर 1987 को बेनजीर भुट्टो से उनकी शादी हुई. 1988 में जनरल जिया उल हक की एक प्लेन क्रैश में मौत के बाद बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं.
बेनजीर के हाथ में पाकिस्तान की बागडोर आयी तो जरदारी एकाएक बड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए
बेनजीर के हाथ में पाकिस्तान की बागडोर आयी तो जरदारी एकाएक बड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए. कहा जाता है कि उस दौर में कोई भी डील बिना जरदारी के ग्रीन सिग्नल के नहीं होती थी. कहा जाता है प्रधानमंत्री के पति होने के नाते किसी भी प्रोजेक्ट को पास करवाने के लिए जरदारी ने अपना कमीशन फिक्स किया हुआ था और यही दौर था जब उनका नाम ‘मिस्टर 10 पर्सेंट’ पड़ गया. 10 अक्टूबर 1990 को अपहरण और वसूली के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 90 के दशक में जरदारी ने पर्दे के पीछे से सियासत छोड़ सामने आने का फैसला किया और जेल में रहते हुए चुनाव लड़ा और जीते भी. 1993 में वे पहली बार पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार में मंत्री बने.
1993 में ही चुनाव हुए तो बेनजीर एक बार फिर प्रधानमंत्री बनीं और जरदारी को बड़ी जिम्मेदारियां दी
कार्यवाहक सरकार के बाद 1993 में ही चुनाव हुए तो बेनजीर एक बार फिर प्रधानमंत्री बनीं और जरदारी को बड़ी जिम्मेदारियां दी गई. 1996 में सरकार को बर्खाश्त कर दिया गया. इस बार भ्रष्टाचार और बेनजीर के भाई मुर्तजा भुट्टो की हत्या सरकार की बर्खाश्तगी का कारण बने. जरदारी पर मुर्तजा की हत्या के अरोप भी लगे हालांकि यह कभी साबित नहीं हो पाए. दुबई जाने की कोशिश में जरदारी को लाहौर में गिरफ्तार कर लिया गया और एक बार फिर वे जेल पहुंच गए. 1998 में स्विस सरकार ने बेनजीर और जरदारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी पाकिस्तान को दी. अगस्त 2003 में दोनों को इस मामले में दोषी करार दिया गया और स्विस सरकार ने उन्हें 6 माह की सजा भी सुनायी. कई मुश्किलों के बावजूद आज वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति हैं.