अटल से अरुण तक, एक साल में BJP ने खो दिए अपने ये पांच ‘रत्न’

बीजेपी ही नहीं बल्कि पूरी राजनीतिक जमात जेटली के निधन से दुखी है. कुछ ही दिनों पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया. पिछले एक साल के भीतर बीजेपी ने अपने 5 दिग्गज नेताओं को खो दिया है.

 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं. बीजेपी ही नहीं बल्कि पूरी राजनीतिक जमात जेटली के निधन से दुखी है. कुछ ही दिनों पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया. पिछले करीब एक साल के भीतर बीजेपी ने अपने 5 दिग्गज नेताओं को खो दिया है. इनमें से चार चेहरे तो ऐसे थे जो 2014 की नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. इनमें एक शख्सियत ऐसी भी रही जिसने न सिर्फ पार्टी को खड़ा किया बल्कि पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.

अटल बिहारी वाजपेयी

 

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भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत काफी लंबी समय से खराब थी, 16 अगस्त, 2018 को उनका निधन हो गया. 2004 में राजनीति से संन्यास लेने वाले अटल बिहारी वाजपेयी को 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

25 दिसंबर 1924 को जन्में वाजपेयी बीजेपी के संस्थापकों में शामिल थे और 3 बार भारत के प्रधानमंत्री बने. हालांकि, वह एक बार ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर सके. वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.

वो पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही चल पाई थी. 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी. 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया.

अनंत कुमार

 

 

 

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बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का निधन 12 नवंबर, 2018  बेंगलुरु में हुआ. बेंगलुरु साउथ से लगातार 6 बार जीत हासिल करने वाले 59 वर्षीय अनंत कुमार को फेफड़ों का कैंसर था. उनका इलाज लंदन और न्यूयार्क में भी हुआ था. वह भाजपा सरकार में संसदीय कार्यमंत्री रहे.

छात्र राजनीति से शुरू हुआ उनका सियासी सफर केंद्र में मंत्री बनकर खत्म हुआ. इस बीच उन्होंने करीब दर्जनभर मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. वो वाजपेयी सरकार में खेल मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे. हालांकि उन्होंने कभी कर्नाटक की राजनीतिक में सक्रियता नहीं दिखाई, वे कर्नाटक में रहकर भी दिल्ली में पार्टी मजबूत करने में अपना जीवन खपा दिया.

मनोहर पर्रिकर

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पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में लोगों के दिलों पर राज करने वाले भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर 17 मार्च, 2019 को दुनिया छोड़कर चले गए. वह लंबे समय से अग्नाशय के कैंसरे से पीड़ित थे. पर्रिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे. 2014 में एनडीए सरकार में मनोहर पर्रिकर ने देश के रक्षा मंत्री की भूमिका निभाई.

साल 2000-05 में पहली बार सीएम बने. जब 2014 में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनी तो पीएम मोदी ने उन्हें दिल्ली बुलाया, उन्हें सबसे महत्वपूर्ण रक्षा मंत्री का पदभार सम्भाला. रक्षा मंत्री बनने के बाद उन्हें संसद सदस्य बनना जरुरी था और इसके लिए वह यूपी से राज्यसभा सांसद बने. उनके रक्षा मंत्री रहते हुए ही भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी.

सुषमा स्वराज

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पूर्व विदेश मंत्री, प्रखर वक्ता और भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने इसी महीने 6 अगस्त को दुनिया को अलविदा कह दिया था. वह 67 साल की थीं. साल 2014 से 2019 तक भारत की विदेश मंत्री रहीं सुषमा ने दुनिया भर के देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए काफी योगदान दिया. जुलाई 1977 में मुख्यमंत्री देवी लाल की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

वह पहली सबसे युवा कैबिनेट मंत्री रहीं. 1987 से 1990 तक वह हरियाणा की शिक्षा मंत्री भी रहीं. साल 1990 में उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री की. 1996 में दक्षिणी दिल्ली से सांसद चुनी गईं. लेकिन 1998 में वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं लेकिन बाद में बीजेपी चुनाव हार गईं और सुषमा ने वापस राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री की थी. हालांकि, पूर्व विदेश मंत्री ने स्वास्थ्य कारणों से पिछला लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था.

अरुण जेटली

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पूर्व वित्तमंत्री व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार 24 अगस्त को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जेटली को नौ अगस्त को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में  जेटली ने वित्तमंत्री का कार्यभार 2014 से 2018 तक संभाला. इससे पहले वह राज्यसभा में 2009 से 2014 तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे.

जेटली ने 1973 में दिल्ली के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 1977 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की. उसी समय उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की. आपातकाल के दौरान जेटली 19 महीने तक जेल में रहे.

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