बठिंडा. पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज बठिंडा शहर का दौरा किया। वह आज लोगों के दुख – सुख में शामिल हुए। वित्त मंत्री ने एचवीएम कालोनी, नारथ अस्टेट, गुरू तेग़ बहादुर नगर और परसराम नगर का दौरा करके लोगों के साथ बातचीत की। इस दौरान वह लोगों के दुख सुख में शामिल हुए। उन्होंने भाई जगता जी गुरुद्वारा साहिब गोनियाना में आयोजित भोग समागम में भी शिरक्त की। वित्त मंत्री ने किसानी संघर्ष की हिमायत करते कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की माँगों की तरफ तुरंत ध्यान देना चाहिए वही उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार कर उसे हल करना चहिए। इस मौके जिला कांग्रेस शहरी के प्रधान अरुण वधावन ने बताया कि किसानी संघर्ष को तेज करने और केंद्र सरकार और खेती कानून वापस कानून वापिस करवाने के लिए दबाव डालने की खातिर कांग्रेस पार्टी की तरफ से 14 दिसंबर को शंभू बार्डर पर धरना दिया जा रहा है जिसमें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के नेतृत्व में बठिंडा शहर के हजारों वर्कर धरने में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि काले कानूनों के खिलाफ राजपुरा अम्बाला रोड पर शंभू बैरियर पर प्रातःकाल ग्यारह बजे से तीन बजे तक रोष प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बठिंडा शहर के कांग्रेसी वरकरें का एक बड़ा काफ़िला 14 दिसंबर को प्रातःकाल साढ़े आठ बजे वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर नजदीक नगर सुधार ट्रस्ट से रवाना होगा।
सिक्स लेन मामले में एसडीएम आफिस की नोटिफिकेशन को लेकर फंसा पेच, लोग वित्त मंत्री से मिले
बठिंडा से डबवाली को जाते एनएच-54 को 6 लेन करने से पहले प्रशासन की तरफ से जारी हुई नोटिफिकेशन को लेकर बठिंडा डबवाली मार्ग पर पड़ती जमीनों में विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में 27 किलोमीटर के इस स्ट्रेच में जमीन अधिग्रहण संबंधी नोटिफिकेशन में प्रति वर्ग गज के दिए जा रहे कम रेटों के अलावा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर वित्तमंत्री मनप्रीत बादल से कमेटी के करीब 70 लोग मिले। बठिंडा में सुबह 11.30 बजे लोगों ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को समस्याओं से अवगत करवाया। इस बाबत डबवाली रोड ग्रिवेंस कमेटी के 21 सदस्य कमेटी व मीडिया इंचार्ज विनोद कुमार बांसल के अलावा रजिंदर कुमार, कृष्ण सिंगला, योगेश कुमार, आरएस रोमाणा, भूषण अग्रवाल सहित दो से तीन गांवों के मेंबर सरपंच भी मिलने पहुंचे। कमेटी प्रधान विनोद बांसल ने कहा कि बठिंडा से डबवाली रोड पर 27 किलोमीटर के स्ट्रेच में काफी बड़ा नंबर जमीन मालिकों का आता है। एसडीएम आफिस द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन में जमीनों को कृषि व कमर्शियल बताने की बजाए उसे गैर-मुमकिन रिहायशी दिखाया जा रहा है जबकि कई जगह पैट्रोल पंप तो कई जगह कंस्ट्रक्शन की गई है, लेकिन सब चीजों को अनदेखा कर प्रशासन अपने अलग से नियम बना रेट बना रहा है। उन्होंने कहा कि उनका 2003 से गुरुसर सैने वाला में पैट्रोल पंप है। 1995 पुडा एक्ट के अनुसार 30 मीटर तक पैट्रोल पंप को छोड़कर कोई कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकती जिसमें करीब 10 विभाग एनओसी देते हैं, लेकिन उसे गैर-मुमकिन रिहायशी दिखाया है।