नवजोत सिंह सिद्धू पर और सख्त हुए कैप्टन अमरिंदर के तेवर, स्थानीय विभाग पर सतर्कता विभाग के छापे
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच राजनीतिक रसूख की लड़ाई और तेज हो गई है। राज्य के सतर्कता विभाग ने स्थानीय विभाग के दफ्तरों पर छापेमारी की है। इससे सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
चंडीगढ़ : पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट के सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू के बीच राजनीतिक रसूख की लड़ाई और तेज हो गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार स्थानीय विभाग की नीतियों की जांच कर रही है। स्थानीय विभाग की ओर से दिए गए सीएलयू में कथित अनियमितता की शिकायत पर राज्य के सतर्कता विभाग ने शुक्रवार को कई जगहों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी है। स्थानीय विभाग का कार्यभार पहले नवजोत सिंह सिद्धू के पास था लेकिन कैबिनेट में हुए फेरबदल में उनसे यह विभाग वापस ले लिया गया। सिद्धू को बिजली विभाग की जिम्मेदारी दी गई है लेकिन उन्होंने अभी तक इस विभाग को नहीं संभाला है।
#Breaking | Fight between @capt_amarinder & @sherryontopp escalates. Punjab CM has taken up a step against Sidhu & the State Vigilance Department has started conducting raids at various offices which come under local bodies department.
TIMES NOW’s Gurpreet Chinna with details. pic.twitter.com/evxonTjSE7
— TIMES NOW (@TimesNow) June 28, 2019
कुछ दिनों पहले सतर्कता विभाग को रिपोर्ट मिली थी कि स्थानीय विभाग की और से दिए गए सीएलयू में नियमों की अनदेखी की गई है। इसके बाद से सतर्कता विभाग अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रहा है। अमृतसर में कार्रवाई से पहले सतर्कता विभाग की टीम ने फाइलों को मंजूरी दिए जाने की जांच की है और वह स्थानीय विभाग की ओर से सीएलयू देने में हुई नियमों की कथित अनदेखी की जांच कर रहा है। बताया गया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस मामले में अपना रुख कड़ा कर लिया है और वह इस मामले की तह में जाना चाहते हैं।
स्थानीय विभाग पहले सिद्धू के पास था लेकिन लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद पंजाब कैबिनेट में हुए फेरबदल में सिद्धू से यह विभाग वापस ले लिया गया। कैप्टन ने सिद्धू से स्थानीय विभाग की जिम्मेदारी वापस लेकर ब्रह्म मोहिंद्रा को दिया है। मंत्री मोहिंद्रा ने सिद्धू द्वारा बनाए गए सभी नीतियों की समीक्षा की है। इसके बाद सतर्कता विभाग की कार्रवाई हो रही है।
नगर सुधार ट्रस्ट के एससी राकेश कुमार ने कहा, ‘मैं शुरू से ही जांच की मांग कर रहा था लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। अब जाकर मुख्यमंत्री हरकत में आए हैं और जांच हो रही है। मैं कहूंगा कि देर आए दुरुस्त आए। जांच होने पर सच लोगों के सामने आएगा। सिद्धू साहब पर ईमानदारी की जो चादर चढ़ी है वह उतर जाएगी। इस विभाग में बहुत धांधली हुई है जांच के बाद सभी घोटाले सामने आ जाएंगे।’
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर ने अपने कैबिनेट का फेरबदल करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू का पोर्टफोलियो बदला था। उन्हें बिजली विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन उन्होंने अभी तक इस विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है। कैप्टन गुट के कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि सिद्धू अपने ‘अहंकार’ और कांग्रेस के आलाकमान से अपनी नजदीकियों का फायदा उठा रहे हैं।
सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच टकराव की बात नई नहीं है। हाल के समय में ऐसे कई मौके आए जब कैप्टन की बातों को न मानते हुए सिंद्धू ने नाफरमानी की। पंजाब में लोकसभा चुनाव के नतीजे पर कैप्टन ने कहा कि सिद्धू की वजह से कांग्रेस को नुकसान हुआ है। कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान से यहां तक कहा कि सिद्धू को पंजाब से बाहर कहीं और भेज देना चाहिए जबकि अपना पोर्टफोलियो बदले जाने पर सिद्धू ने कहा कि वह परफॉर्मर हैं और उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता।