चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उन्होंने किसान आंदोलन के जल्द समाधान पर दबाव डालते हुए नेताओं को राज्य के अशांत अतीत के बारे में भी याद दिलाया. उन्होंने 1984 में किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) का हवाला देते हुए कहा कि उस समय भी मांगों पर लंबी वार्ता ऑपरेशन ब्लू स्टार का कारण बनी थी.
सर्वदलीय बैठक के बाद पंजाब सरकार की ओर से एक बयान जारी किया गया. इसमें किसान आंदोलन की समस्या को जल्द हल करने की जरूरत पर बल दिया गया. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान से खतरे को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘हम सबको इस समस्या का हल चीजें हाथ से बाहर जाने से पहले ही जल्द निकालना होगा.’
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेताते हुए कहा, ‘अगर यहां क्रोध उत्पन्न होता है तो इसका फायदा उठाया जा सकता है.’ उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि 42 मांगों को लेकर दो महीने की लंबी वार्ता के बाद ऑपरेशन ब्लू स्टार किया गया था.
पंजाब के सीएम ने राज्य में उग्रवाद फैलने से पहले अकाली दल द्वारा उठाई गई स्वायत्तता की मांगों का जिक्र किया, जिससे ऑपरेशन ब्लू स्टार को बढ़ावा मिला. इन 42 मांगों में पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ को पंजाब में ट्रांसफर करना शामिल था, हरियाणा और राजस्थान से सिंचाई के पानी के अपने हिस्से का ट्रांसफर, अमृतसर को एक पवित्र शहर घोषित करना, स्वर्ण मंदिर में रोजाना होने वाली प्रार्थना को प्रसारित करने के लिए रेडियो ट्रांसमीटर की स्थापना और संविधान द्वारा सिख धर्म को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देना शामिल था. जब हिंसा नियंत्रण से बाहर हुई तो कई मांगों को मान लिया गया था.
वहीं किसानों के मुद्दे पर पिछले साल सितंबर में बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद पहली बार बैठक में अकाली दल भी शामिल हुआ था. अकाली दल के राज्यसभा सांसद नरेश गुजराल बैठक में शामिल हुए. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चैंबर में यह बैठक हुई.