Farmer Protest : केंद्र ने किसान संघों को दिया बातचीत का न्योता, तारीख तय करने की अपील की

0 1,000,172
  • किसान संघों से अपनी रणनीति का खुलासा करने को कहा।
  • केंद्र ने 39 किसान संघों को लिखा खत।

 

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन आज भी जारी है। 26 दिनों से आंदोलनरत किसान आज एक दिन की क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। इस बीच केंद्र सरकार ने किसान संघों के नेताओं को पत्र लिखकर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। सरकार ने अपने पत्र में किसान संघों के नेताओं से कहा है कि वो बातचीत के लिए तारीख तय करें। इस संबंध में किसानों को विचार और वार्ता की तिथि बताने को भी कहा गया है।

39 किसान संगठनों को पत्र जारी

यह पत्र केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने किसान संगठनों के 39 प्रतिनिधियों को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र किसानों की सभी चिंताओं का उचित समाधान निकालने की खातिर खुले मन से हरसंभव प्रयास कर रहा है। बता दें कि सरकार ने किसानों से वार्ता के लिए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में मंत्रिस्तरीय एक समिति गठित की थी। इस समिति में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश सदस्य हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 26वां दिन है। किसान आज भूख हड़ताल करेंगे। हर रोज 11 किसान 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठेंगे। हरियाणा में 25 से 27 दिसंबर तक टोल फ्री किए जाएंगे। किसानों ने रविवार को ये ऐलान किया। इसके 5 घंटे बाद ही सरकार ने बातचीत के न्योते की चिट्ठी भेज दी। इसमें तारीख तय करने के लिए किसानों से ही कहा गया है। किसान आज इस पर फैसला लेंगे।

कृषि मंत्री की किसानों से आज मीटिंग हो सकती है
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को बंगाल में कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसानों के बीच एक-दो दिन में बैठक हो सकती है। दूसरी ओर किसान नेताओं ने रविवार को कुंडली बॉर्डर पर बैठक के बाद ऐलान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को जितनी देर मन की बात करेंगे, किसान ताली-थाली बजाएंगे।

NDA में शामिल सभी दलों से मुलाकात करेंगे किसान नेता
23 दिसंबर को किसान दिवस है। किसान संगठनों ने अपील की है कि इस दिन देशभर के लोग एक दिन का उपवास रखें। 26 और 27 दिसंबर को किसान NDA में शामिल दलों के नेताओं से मिलकर उनसे अपील करेंगे कि वो सरकार पर दबाव डालें और तीनों कानून वापस करवाएं। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ भी प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे। अदाणी-अंबानी का बायकॉट जारी रहेगा। आढ़तियों पर छापेमारी के विरोध में किसान इनकम टैक्स ऑफिसों के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.