आदेश यूनिवर्सिटी के नाम पर जाली डिग्री व माइग्रेशन सार्टिफिकेट बांटने वाले तीन लोगों पर केस
-राजस्थान के हनुमानगढ़ स्थित सूरतगढ़ में रहने वाले सातिरों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास -साल 2018 में जारी बैचलर डैंटल डिग्री के आधार पर दाखिला लेने आया था छात्र, जांच में हुआ घपले का खुलासा
बठिंडा. आदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी में जाली डिग्री व माइग्रेशन सार्टिफिकेट जारी करने व प्रभावित व्यक्ति की तरफ से आगे दाखिला दिलवाने वाले तीन युवकों पर थाना कैंट पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस बाबत यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जगदेव सिंह ने पुलिस के पास लिखित शिकायत दी ती जिसमें कहा गया था कि आदेश यूनिवर्सिटी के नाम पर जाली सार्टिफिकेट व माइग्रेशन सार्टिफिकेट जारी करने वाला एक गैंग सक्रिय है। इस गैंग में राजस्थान के सूरतगढ़ में रहने वाले तीन युवक शामिल है जो छात्रों को जाली डिग्री व सार्टिफिकेट के आधार पर दाखिला दिलवाने की कोशिश करते हैं इसमें ब्रिजेश कुमार नामक एक स्टूडेंट के दस्तावेज जांच करने पर सभी दस्तावेज गलत व जाली पाए गए।
जानकारी अनुसार सूरतगढ़ के रहने वाले विकास बिसनोई, अशोक कवातरा व भारत कुमार ने ब्रिजेश कुमार नामक छात्र को यूनिवर्सिटी की डिग्री दी वही उसे बताया गया कि उक्त डिग्री सही व यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी की गई है। यह डिग्री साल 2018 में डैंटल सर्जरी की बैचलर डिग्री से संबंधित है। वही तीनों ने बकायदा इसी साल का माइग्रेशन सार्टिफिकेट भी जाली तरीके से तैयार करवाया कर दिया था। यूनिवर्सिटी की तरफ से संबंधित दस्तावेजों में लगे रोलनंबर व मार्कशीट पर आशंका जताते मामले की जांच करवाई। ब्रजेश कुमार ने इस बाबत बैचलर आफ सर्जरी कोर्स करवाने के लिए आदेश यूनिवर्सिटी में उक्त प्रमाणपत्र जमा करवाए तो यूनिवर्सिटी ने बताया कि साल 2018 में उनकी तरफ से किसी भी स्टूडेंट को उक्त डिग्री जारी नहीं की गई है। वही माइग्रेशन सार्टिफेकेट को भी जाली करार दिया गया।
पुलिस को दी जांच रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने बताया कि जब उन्होंने तीनों आरोपियों को मामले में बुलाकर पूछा तो उन्होंने भी माना है कि उन्होंने प्रमाणपत्र जारी किए है। उक्त दलाल लोगों से मोटी राशि वसूल कर इस तरह के प्रमाणपत्र जारी करता है जो देखने में असली लगते हैं लेकिन उन पर दिया गया रजिस्ट्रेशन नंबर व अन्य नंबर जाली होते हैं। फिलहाल पुलिस ने तीनों नौजवानों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है वही मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है व पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उक्त गिरोह ने इसी तरह अन्य कितने छात्रों को अपने चुंगल में फंसा कर जाली डिग्री व प्रमाणपत्र वितरित किए।
गैरतलब है कि बठिंडा में साल 2015 में देश की नामी 8 यूनिवर्सिटीज शिक्षा बोर्ड के नाम पर जाली डिग्रियां बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को बठिंडा पुलिस ने पकड़ा था। इनसे तीन कंप्यूटर, एक लेपटॉप, दो प्रिंटर समेत 8 यूनिवर्सिटीज की 359 डिग्रियां और जाली सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं। सिविल लाइंस पुलिस ने रमन कश्यप वासी करनाल को 29 फरवरी 2015 को गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक लैपटाप, एक प्रिंटर, 198 विभिन्न यूनिवर्सिटीज, बोर्ड की डिग्रिया और सर्टिफिकेट बरामद किए गए। रमन कश्यप से पूछताछ के बाद गिरोह का पर्दाफाश हुआ और तफ्तीश के दौरान गिरोह के सरगना आयुर्वेदिक डॉक्टर विशाल नगर बठिंडा को गिरफ्तार कर विभिन्न यूनिवर्सिटीज के 27 जाली सर्टिफिकेट बरामद किए। आरोपियों का एक और साथी गुरविंदर सिंह उर्फ मनजिंदर सिंह उर्फ सुखविंदर सिंह वासी अमृतसर भी इसमें शामिल थे। उसकी दुकान से 134 जाली सर्टिफिकेट, 1 प्रिंटर, भारी मात्रा में जाली डिग्री अथवा सर्टिफिकेट बनाने वाले डाटा से भरे 3 सीपीयू बरामद किए थे।