डेटा लीक, यूजर्स से झूठ बोलने के आरोप में FB पर लगा 5 अरब डॉलर का जुर्माना

Facebook data leak को लेकर अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन ने फेसबुक पर 5 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा कंपनी के लिए कुछ गाइडलाइन भी बताई गई है.

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वशिंटन। Facebook पर 5 अरब डॉलर (लगभग 3.44 खरब रुपये) का जुर्माना लगा है. Cambridge Analytica डेटा स्कैंडल को लेकर फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने ऐलान किया है कि प्राइवेसी ब्रीच और कैंब्रिज ऐनालिटिका स्कैंडल के सेटलमेंट के लिए फेसबुक को 5 अरब डॉलर देने होंगे.

फेडरल ट्रेड कमीशन ने फेसबुक पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. FTC ने फेसबुक पर कई आरोप लगाए हैं. इन आरोप में फेसबुक पर यूजर्स से झूठ बोलना, प्राइवेसी के साथ समझौता करना और सिक्योरिटी के लिए यूजर द्वारा दिए गए फोन नंबर के जरिए विज्ञापन देना शामिल हैं.

फेडरल ट्रेड कमीशन का आरोप है कि फेसबुक ने यूजर से फेशियल रिकॉग्निशन को लेकर भी झूठ बोला है और ये बाई डिफॉल्ट ऑफ नहीं था. FTC ने फेसबुक पर सिर्फ फाइन ही नहीं लगाया है, बल्कि कई चीजें और भी कही हैं.

फेडरल ट्रेड कमीशन ने फेसबुक से कहा है कि कंपनी हर नए प्रॉडक्ट और सर्विस के लिए प्राइवेसी रिव्यू करेगी और ये रिव्यू हर तिमाही में सीईओ और थर्ड पार्टी एसेसर को दिया जाएगा.

बताया जा रहा है कि FTC के इस आदेश के बाद अब फेसबुक को थर्ड पार्टी डेवेलपर्स, जो फेसबुक का डेटा यूज करते हैं उनसे उनका मकसद जानना होगा और इसके लिए सर्टिफिकेशन की भी जरूरत होगी.

फेसबुक ने जुर्माना देने के लिए हामी भर दी है.

तीन बड़ी वजहें जिसकी वजह से फेसबुक को देना होगा भारी जुर्माना

1.    कैंब्रिज अनलिटिका डेटा ब्रीच.

2.    फेसबुक ने यूजर्स से झूठ बोला कि फेशियल रिकॉग्निशन डिफॉल्ट ऑफ है.

3.    यूजर्स के फोन नंबर को सिक्योरिटी के लिए मांगा गया और फिर फेसबुक ने फोन नंबर्स को टार्गेट ऐड के लिए इस्तेमाल किया.

क्या है फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC)

ये अमेरिका की एक इंडिपेंडेट एजेंसी है जिसे फेडरल ट्रेड कमीशन ऐक्ट के तहत बनाया गया है. मौटे तौर पर समझें तो इस एजेंसी का मकसद कंज्यूमर के हित की रक्षा करना है. FTC कंज्यूमर या कंपनियों द्वारा की गई शिकायत की जांच करने का काम करती है. इनमें फ्रॉड, भ्रामक विज्ञापन शामिल हैं.

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