अफगानिस्तान / काबुल के वेडिंग हॉल में आत्मघाती विस्फोट; 63 की मौत, 182 जख्मी
काबुल के दारुलमान इलाके में हुआ धमाका, यहां अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के लोग रहते हैं 8 अगस्त को भी काबुल पश्चिम में हुए कार बम धमाके में 14 लोग मारे गए थे अफगानिस्तान में 28 सितंबर को चुनाव, अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही वार्ता के बीच हिंसा बढ़ी
काबुल. अफगानिस्तान के काबुल में शनिवार को एक शादी समारोह में आत्मघाती धमाका हुआ। इसमें करीब 63 लोगों की मौत हो गई, जबकि 182 घायल हो गए। अफगान के पत्रकार बिलाल सरवरी के मुताबिक, हजारा समुदाय की शादी में धमाका हुआ।
दारुलमान इलाके में यह घटना हुई। यहां अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय के लोग काफी संख्या में रहते हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नुसरत रहीमी के मुताबिक, घटना शनिवार रात स्थानीय समय अनुसार 10.40 (भारतीय समयानुसार 11.40) बजे की है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विस्फोट के समय वेडिंग हॉल में मेहमान थे। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। अभी तक किसी आतंकी संगठन ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।
#AFG Tonight’s explosion inside the wedding hall in Kabul is a continued carnage of war. Heart wrenching to see wedding turned into funerals. Nothing can justify such horrific violence. The frontline is everywhere. Kabul is a city with a broken heart 💔💔💔💔💔
— BILAL SARWARY (@bsarwary) August 17, 2019
8 अगस्त को 14 लोग मारे गए थे
काबुल में इसी महीने यह दूसरा हमला है। 8 अगस्त को हुए धमाके में 14 लोग मारे गए थे, जबकि 145 घायल हुए थे। पश्चिमी इलाके में अफगान सुरक्षाकर्मियों को तालिबान ने अपना निशाना बनाया था। इसके लिए कार का इस्तेमाल किया गया था।
Aftermath of Kabul Explosion pic.twitter.com/5KhGgXQLa5
— Muslim Shirzad (@MuslimShirzad) August 17, 2019
28 सितंबर को होना हैं चुनाव
#Kabul – Video shows the aftermath of a heavy explosion close to the old Ministry of Interior building in Kabul's PD2. pic.twitter.com/T03iI0qicB
— TOLOnews (@TOLOnews) January 27, 2018
अफगानिस्तान में 28 सितंबर को चुनाव होना हैं। इसे लेकर अमेरिका और तालिबान के बीच चल रही वार्ता के साथ ही हिंसा बढ़ गई है। तालिबान के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद की 8वें चरण की वार्ता हो चुकी है। खलीलजाद ने इस शांति वार्ता को बहुत सकारात्मक बताया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका किसी भी हाल में अफगानिस्तान की धरती पर तालिबान नियंत्रण वाले क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का अड्डा नहीं बनने देगा।