जगन्नाथ मेले में मासूम बच्चों के शवों की नुमाइश, पोस्टमॉर्टम में खुलासे के बाद तीन गिरफ्तार
शनिवार को रिम्स में पोस्टमॉर्टम हुआ, कल पता चलेगा बच्चों की मौत कैसे हुई, जगन्नाथपुर मेले में बच्चों के शव दिखाए जा रहे थे, शिकायत पर 3 आरोपी गिरफ्तार, आरोपियों ने बताया- शवों को कोलकाता के गरीब परिवारों से खरीद कर लाए थे
रांची (झारखंड). रांची में चल रहे जगन्नाथपुर मेले में जिन चार बच्चाें के शवाें की नुमाइश की जा रही थी, वे असली निकले। राजेंद्र इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) के इंटरनल बाेर्ड ने शनिवार काे इन बच्चाें के शवाें का पोस्टमॉर्टम किया। हालांकि, अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बच्चाें की माैत कब और कैसे हुई। इसका पता लगाने के लिए इंटरनल बाेर्ड साेमवार काे अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेगा।
लोगों ने की शिकयत
यहां हम आपको बता दें कि मेले में पहुंचे लोगों ने ही इसकी शिकायत पुलिसकर्मियों से तब जाकर पुलिस इस मामले को लेकर हकरत में आई है। हालांकि, शुरूआती पूछताछ के दौरान लगातार हिरासत में लिए गए आरोपी इस बात से इनकार कर रहे थे कि ये शव है। लेकिन, जब उनसे कराई से पूछताछ की गई, तब उन्होंने इस बात को स्वीकार लिया और इनकार नहीं किया कि वे शव नहीं है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
मेले में बच्चों के शवाें की नुमाइश की शिकायत पर पुलिस ने 10 जुलाई काे छापेमारी कर काेलकाता के तीन लाेगाें वकील माइटी, पिंटू माइटी और प्रभात सिंह काे गिरफ्तार किया था। इन्हाेंने पहले बताया कि ये प्लास्टिक की डाॅल हैं। बच्चाें के शव असली हैं या नकली, यह पता करने के लिए चारों शव एक ही चालान पर पाेस्टमाॅर्टम के लिए रिम्स भेजे गए। इस पर अस्पताल ने पाेस्टमॉर्टम से इनकार कर दिया। फिर पुलिस ने सबके लिए अलग-अलग चालान भेजा और शनिवार काे पाेस्टमाॅर्टम हुआ।
शिकायत पर पहुंची थी पुलिस
- पिछले बुधवार को कुछ लोगों ने रांची पुलिस से शिकायत की थी कि मेले में एक जगह बच्चों के शवों को प्रदर्शनी के तौर पर दिखाया जा रहा है। दर्शकों से 10-10 रुपए के टिकट लिए जा रहे थे।
- पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से चार बच्चों और कई जानवरों के शव बरामद किए थे। सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने कबूल किया- ये बच्चों के शव हैं, जिन्हें कोलकाता के गरीब परिवारों से खरीदे हैं।
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
2017 में देवघर में भी ऐसी घटना हुई थी। तब 12 से ज्यादा अर्द्धविकसित बच्चों के शव केमिकल सॉल्यूशन में शीशे के जार में बंद मिले थे। इस पर काफी हंगामा हुआ था। पिछले साल सितंबर में कोलकाता में भी ऐसे बच्चों के शव मिले थे। पुलिस ने इसे मेडिकल वेस्ट बताकर पल्ला झाड़ लिया था।
रिम्स अस्पताल में भेजा गया शव
दरअसल, अगर कोई भी शख्स उस उस डमी को देखेगा तो उसे एक पल के लिए ऐसा ही लगेगा कि ये वाकई में शव ही है, जिसको ध्यान में रखते हुए अब इन शवों को रिम्स अस्पतालों में भेज दिया गया है, ताकि उसकी जांच की जा सके कि ये शव है या फिर जीवित बच्चे हैंं।