मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग रोकने की PAK की कोशिशों से APG असंतुष्ट, हो सकता है ब्लैक लिस्ट
APG ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से की जा रही कोशिशों में कई तरह की खामियां पाई हैं. पाकिस्तान की ओर से 50 पैमानों पर सुधार के दावों को लेकर कोई समर्थन नहीं मिल रहा.
इस्लामाबाद। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से संदिग्ध सूची में डाले जाने के बाद अब पाकिस्तान एशिया-पेसेफिक ग्रुप (APG) की ओर से ब्लैक लिस्ट किए जाने के क़गार पर है. FATF की कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया में बैठक हो रही है. यहां पाकिस्तान से जुड़ी म्युचुअल इवेल्यूशन रिपोर्ट (MER) पेश होने के बाद स्वीकार की जानी है.
पाकिस्तान ने बुधवार को FATF को अनुपालन रिपोर्ट सौंपी. इसमें 27 सूत्री कार्ययोजना (एक्शन प्लान) का उल्लेख है. APG की ओर से अभी इस अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है. APG ने पाया है कि इस्लामाबाद की ओर से कई मोर्चों पर खामियां हैं.
APG ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान की ओर से की जा रही कोशिशों में कई तरह की खामियां पाई हैं. पाकिस्तान की ओर से 50 पैमानों पर सुधार के दावों को लेकर कोई समर्थन नहीं मिल रहा.
नौ देशों के इस क्षेत्रीय संगठन में पाकिस्तान 40 पैमानों में करीब तीन दर्जन में नाकाम रहा है. इसके अलावा 11 ‘प्रभावकारी’ पैमानों पर भी पाकिस्तान 10 में फिसड्डी साबित हुआ.
पाकिस्तान को MER और FATF एक्शन प्लान, दोनों मोर्चों पर असरदार अनुपालन दिखाना है. अक्टूबर में FATF के पूर्ण सत्र में पाकिस्तान के मामले की अंतिम समीक्षा की जाएगी.
अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम के दबाव के बाद FATF पाकिस्तान को जून 2018 से संदिग्ध सूची में डाल चुका है. APG की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिकूल तथ्य पाए जाने के बाद अक्टूबर 2019 से उसे नकारात्मक रडार पर रखा जाएगा. इसके मायने हैं कि पाकिस्तान के लिए दिक्कतें और बढ़ेंगी. वो संदिग्ध सूची में बना रहेगा और उसे संभवत: काली सूची में डालने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी.
APG पाकिस्तान की दस वर्षीय समीक्षा कर रहा है. अभी बैठक जारी है. अगर डॉ रज़ा बाक़ीर के नेतृत्व वाला पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल क्षेत्रीय संगठन को आश्वस्त करने में नाकाम रहा तो पाकिस्तान को एपीजी की सबसे निचली सूची यानी ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा.