नसीरुद्दीन शाह बोले हैं और इस बार क्या खूब बोले हैं। उन्होंने भारत में रहने वाले उन मुस्लिमों पर निशाना साधा है, जो अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी का जश्न मना रहे हैं। नसीरुद्दीन ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने हिंदुस्तानी इस्लाम और दुनिया के बाकी हिस्सों के इस्लाम के बीच फर्क बताया है।
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नसीरुद्दीन ने सवाल पूछा है कि तालिबान की पैरवी करने वाले भारतीय मुस्लिम अपने मजहब में सुधार चाहते हैं पिछली सदियों जैसे वहशीपन के साथ जीना चाहते हैं। शाह ने कहा, ‘हिंदुस्तानी इस्लाम हमेशा दुनिया भर के इस्लाम से हमेशा मुख्तलिफ (अलग) रहा है। और खुदा वो वक्त न लाये कि वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें।’
On #TalibanTakeover, actor Naseeruddin Shah has a question for Indian Muslims.
Is a secularism-compliant Sharia militant Islam's antidote? READ on https://t.co/anUlORHwpG pic.twitter.com/MQiM9ODQ1S
— TOI Plus (@TOIPlus) August 30, 2021
खालिस उर्दू में रिकॉर्ड किया है वीडियो
उर्दू में रिकॉर्ड की गई एक वीडियो क्लिप में शाह ने कहा, ‘हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है, लेकिन भारतीय मुसलमानों के एक तबके का इस बर्बरता का जश्न मानना भी कम खतरनाक नहीं है।’
मुझे सियासी मजहब की जरूरत नहीं है
उन्होंने आगे कहा, ‘हर भारतीय मुसलमान को खुद से पूछना चाहिए कि उसे अपने मजहब में रिफार्म (सुधार), जिद्दत पसंदी (आधुनिकता) चाहिए या वे पिछली सदियों के जैसा वहशीपन चाहते हैं। मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्जा गालिब ने एक अरसा पहले कहा था, मेरे भगवान के साथ मेरा रिश्ता अनौपचारिक है। मुझे सियासी मजहब की जरूरत नहीं है।’