एक और दिग्गज कलाकार नहीं रहा / शोले में सूरमा भोपाली का किरदार निभाने वाले कॉमेडियन जगदीप का मुंबई में निधन
2018 में जावेद जाफरी ने एक वीडियो ट्वीट किया था, इसमें जगदीप ने शोले का डायलॉग बोला था अपनी कॉमेडी टाइमिंग के लिए मशहूर थे जगदीप, उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया
मुंबई. वेटरन कॉमेडियन जगदीप का बुधवार रात मुंबई में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था। वे एक्टर जावेद और नावेद जाफरी के पिता थे। जगदीप के दोस्त प्रोड्यूसर महमूद अली ने बताया कि बांद्रा स्थित घर में रात करीब 8.30 बजे उनकी मौत हो गई। वे ढलती उम्र के कारण हुई बीमारियों से लंबे समय से परेशान चल रहे थे।
जगदीप को गुरुवार सुबह 11 बजे मुंबई के मुस्तफा बाजार मझगांव शिया कब्रिस्तान सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
मप्र के दतिया में जन्में थे जगदीप
सूरमा भोपाली के नाम से मशहूर जगदीप 29 मार्च, 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में एक वकील के घर पैदा हुए थे। जगदीप ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट ‘मास्टर मुन्ना’ के रूप में बी आर चोपड़ा की फिल्म ‘अफसाना’ से की थी। इसके बाद चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में ही उन्होंने ‘लैला मजनूं’ में काम किया। जगदीप ने कॉमिक रोल बिमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ से करने शुरू किए थे। उन्होंने करीब 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। 2012 में वे आखिरी बार ‘गली गली चोर’ फिल्म में पुलिस कांस्टेबल की भूमिका में नजर आए थे।
सूरमा भोपाली के नाम पर फिल्म भी बनी
1975 में आई शोले में निभाए गए सूरमा भोपाली के किरदार ने उन्हें बॉलीवुड में मशहूर किया था। इस किरदार के नाम पर 1988 में भी फिल्म बनी, उसमें भी मुख्य भूमिका जगदीप ने ही निभाई। इसके अलावा ब्रह्मचारी, नागिन और अंदाज अपना-अपना जैसी फिल्मों में उनकी कॉमेडी को काफी पसंद किया गया। चाहने वालों में जगदीप सूरमा भोपाली के अपने इस किरदार के लिए ही मशहूर थे। जगदीप ने खुद को उस दौर में स्थापित किया, जब जॉनी वॉकर, केश्टो मुखर्जी और महमूद की तूती बोलती थी।
जावेद का ट्वीट किया वीडियो वायरल हो रहा
जगदीप की मौत पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियों में उन्होंने अपना सूरमा भोपाली वाला डायलॉग बोला है। यह वीडियो 29 मार्च 2018 का है। इसे उनके बेटे जावेद जाफरी ने ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था- आओ हंसते-हंसते और जाओ हंसते-हंसते।
As my respected father #Jagdeep, is not on social media he sends a mesaage to thank all the loving fans who wished him on his birthday today pic.twitter.com/K4mEW3Xz30
— Jaaved Jaaferi (@jaavedjaaferi) March 29, 2018
उन्हें स्क्रीन पर देखकर हमेशा खुशी मिली- अजय देवगन
बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन ने ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा- जगदीप साहब की मौत की दुखद खबर सुनी। उन्हें स्क्रीन पर देखकर हमेशा खुशी मिलती थी। उन्होंने दर्शकों को खूब हंसाया। जावेद और परिवार के सभी सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।
2020 में कई सितारों ने अलविदा कहा
2020 में जगदीप से पहले बॉलीवुड के कई सितारे दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। इनमें इरफान खान, ऋषि कपूर, निर्देशक बासु चटर्जी, संगीतकार वाजिद खान और कोरियोग्राफर सरोज खान जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वहीं, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी पिछले महीने आत्महत्या कर ली थी।
वकील के बेटे जगदीप ने गुजारे के लिए साबुन-कंघी बेची, 3 रुपए मेहनताने में ताली बजाने वाले बच्चे का पहला रोल मिला
शोल के सूरमा भोपाली जगदीप ऊर्फ सैयद इश्तियक जाफरी बुधवार रात दुनिया से रुखसत हो गए। उनका जान से बॉलीवुड में कॉमेडी के उस युग का अंत है जिसे महमूद, जॉनी वाॅकर, केश्टो मुखर्जी, राजेंद्रनाथ और जगदीप जैसे कलाकारों ने जिया था। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाले जगदीप ने हिन्दी सिनेमा में तमाम मुश्किलों से ऊपर अपना एक खास मुकाम बनाया।
81 साल की उम्र में भी जगदीप बेहद जिंदादिल से बीमारियों से जूझ रहे थे। कोरोना लॉकडाउन के दौरान वे काफी कमजोर हो गए थे और आखिरकार 8 जुलाई को अपने पीछे 6 बच्चों और नाती-पोतों से भरा परिवार छोड़कर दुनिया से कूच कर गए।
जगदीप को बतौर श्रद्धांजलि वो किस्से जो हर मायूसी को जिंदादिली में बदल देते हैं –
पार्टीशन के मारे 8 साल के बच्चे की हिम्मत का जवाब नहीं
29 मार्च 1939 को उस समय के सेंट्रल प्रोविन्स (मध्यप्रदेश) के दतिया में जन्में जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक जाफरी था। उनके पिता बैरिस्टर थे। 1947 में देश का बंटवारा हुआ और उसी साल उनके पिता गुजर गए। उनका परिवार दर-दर की ठोकरे खाने लगा। मां जगदीप और बाकी बच्चों को लेकर मुम्बई चली आई और घर चलाने के लिए एक अनाथ आश्रम में खाना बनाने लगी।
जगदीप मां की ये हालत देखकर रोते थे। मां की मदद के लिए उन्होंने स्कूल छोड़कर सड़क पर साबुन-कंघी और पतंगें बेचना शुरू कर दिया था। एक इंटरव्यू में जगदीप ने अपने बचपन के संघर्ष को याद करते हुए कहा था-मुझे जिंदा रहने के लिए कुछ करना था, लेकिन मैं कोई गलत काम करके पैसा नहीं कमाना चाहता था इसलिए सड़क पर सामान बेचने लगा।
3 रुपए के लालच में फिल्मों में आ गए
इसी बीच बीआर चोपड़ा ‘अफसाना’ नाम की फिल्म बना रहे थे और इसके एक सीन के लिए चाइल्ड आर्टिस्ट्स चाहिए थे। लिहाजा एक्स्ट्रा सप्लायर बच्चों को जमा कर लाया, जिनमें जगदीप भी थे। इस फिल्म में उन्होंने सिर्फ इसलिए काम किया, क्योंकि कंघी बेचकर दिनभर में वो सिर्फ रुपया-डेढ़ रुपया कमा पाते थे, जबकि अफसाना के सेट पर उन्हें सिर्फ ताली बजाने के 3 रुपए मिल रहे थे।
इस तरह सैयद इश्तियाक़ से मास्टर मुन्ना बने और अपने सिने करियर की। जगदीप ने खुद को उस दौर में स्थापित किया, जब जॉनी वॉकर और महमूद की तूती बोलती थी। ख़ैर, बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कई फिल्मों में उन्होंने काम किया, लेकिन बिमल रॉय की ‘दो बीघा ज़मीन’ ने उन्हें पहचान दिलवाईं।
पंडित नेहरू खुश हुए और पर्सनल स्टॉफ तोहफे में दे दिया
साल 1957 में रिलीज हुई एवीएम प्रोडक्शन के बैनर तले बनी डायरेक्टर पीएल संतोषी की फिल्म हम पंछी एक डाल में 18 साल के युवा जगदीप के काम की बहुत तारीफ हुई थी। फिल्म में उनकी एक्टिंग देखकर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू इतने खुश हुए थे कि जगदीप के लिए कुछ दिन तक उन्होंने अपना पर्सनल स्टाफ तोहफे में दे दिया था।
जब जगदीप से लड़ने पहुंचे असली सूरमा भोपाली
फिल्म ‘शोले’ का ‘सूरमा भोपाली’ के किरदार की कहानी भी बड़ी रोचक है। दरअसल, ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार भोपाल के फॉरेस्ट ऑफिसर नाहर सिंह पर आधारित था। भोपाल में अरसे तक रहे जावेद अख्तर ने नाहर सिंह के किस्से सुन रखे थे। इसलिए जब उन्होंने सलीम के साथ फिल्म ‘शोले’ लिखना शुरू किया, जो कॉमेडी का पुट डालने के लिए नाहर सिंह से मिलता किरदार ‘सूरमा भोपाली’ तैयार कर दिया।
फिल्म रिलीज़ हुई और ‘सूरमा भोपाली’ मशहूर हो गए, लेकिन इधर, भोपाल में नाहर सिंह का काफी मज़ाक बनने लगा। नाहर सिंह सलीम-जावेद से खफा हो गए। एक तो उनका फिल्म में मज़ाक बनाया, ऊपर से फॉरेस्ट ऑफिसर को लकड़हारा बना दिया। ऐसे में नाहर सिंह सीधे मुंबई पहुंच गए और जगदीप के सामने आकर लड़ाई की मुद्रा में खड़े हो गए।
जॉनी वॉकर ने नाहर सिंह को समझाकर वापस भेजा
इस क़िस्से के बारे में जगदीप ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘फिल्म ‘शोले’ के रिलीज होने के सालभर बाद मैं स्टूडियो में शूटिंग कर रहा था। तभी मेरी नज़र एक आदमी पर पड़ी, वो मुझे घूर रहा था। मैं डर गया और चुपचाप वहां से निकल रहा था, तभी उसने मुझे रोककर कहा-‘कहां जा रहे हो खां। मुझे देखो, मेरा रोल किया है और अब पहचानते भी नहीं हो। दो साल का बच्चा भी मेरा मजाक बना रहा है।’ जगदीप को काफी देर बाद बात समझ आई, लेकिन वे डर रहे थे कि नाहर सिंह को कैसे समझाया जाए, लेकिन बाद में जॉनी वॉकर ने उनकी मदद की और नाहर सिंह को समझा कर वापस भोपाल भेज दिया।
जगदीप ने की 33 साल छोटी लड़की से तीसरी शादी
जगदीप अपनी तीसरी शादी को लेकर विवादों में घिर गए। दरअसल, मामला यह है कि जगदीप के दूसरे बेटे नावेद को देखने लड़की वाले आए थे, लेकिन नावेद ने शादी से मना कर दिया। दरअसल, नावेद उस वक्त अपना करिअर बनाने में लगे थे। इस बीच जिस लड़की से नावेद की शादी होन वाली थी, उसकी बहन पर जगदीप का दिल आ गया। उन्होंने लगे हाथ उसे प्रपोज कर डाला और वो मान भी गई।
उम्र में जगदीप से उनकी तीसरी पत्नी नाज़िमा 33 साल छोटी हैं। मीडिया की सुर्खिया बनी इस शादी से पहली पत्नी से जगदीप के सबसे बेटे जावेद जाफरी के भी खफा होने की खबरें भी आईं , लेकिन बाद में सब ठीक हो गया। नाजिमा और जगदीप के बेटी का नाम मुस्कान है जो कि अपने कजिन भाई जावेद के बेटे मिजान से सिर्फ 6 महीने छोटी है।