ब्रह्मोस मिसाइल की बढ़ी ताकत, अब 500 किलोमीटर तक दुश्मनों की खैर नहीं

इससे पहले सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.

0 887,792

नई दिल्ली। बालाकोट हवाई हमलों के बाद सरकार ने ठोस कदम उठाते हुए ब्रह्मोस का मारक क्षमता को बढ़ाने की तैयारी की है. अभी तक 290 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेदने वाली ब्रह्मोस एरोस्पेस की क्षमता अब 500 किलोमीटर तक बढ़ा दी गई है. इससे पहले सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.

India, Indian Army, Pakistan, BrahMos Missile, Missile, Sukhoi Plane, Surgical Strike

ब्रह्मोस एरोस्पेस के सीईओ सुधीर कुमार मिश्रा ने कहा है कि 500 किलोमीटर तक की बढ़ी हुई रेंज के साथ स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल का उन्नत संस्करण तैयार है. मिश्रा ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल की सीमा बढ़ाना संभव है क्योंकि भारत अब मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का एक हिस्सा है. उन्होंने बताया कि भारत ने वर्टिकल डीप संस्करण का सफल परीक्षण किया है. उन्होंने कहा कि 500 किलोमीटर तक की बढ़ी हुई रेंज के साथ स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल दुश्मनों से लोहा लेने के लिए तैयार है.

ब्रह्मोस मिसाइल का भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 विमान से परीक्षण किए जाने के बाद लड़ाकू विमानों पर लंबी दूरी की मिसाइलों को एकीकृत करने वाला भारत दुनिया में एकमात्र देश है.

भारत, अमेरिका गोपनीय रक्षा टेक्‍नोलॉजी पर कर रहे काम
भारत और अमेरिका महत्वपूर्ण सैन्य प्रौद्योगिकी और गोपनीय सूचनाएं साझा करने की रूपरेखा पर काम कर रहे हैं. ताकि अमेरिकी रक्षा कंपनियां संयुक्त उपक्रम के तहत भारतीय निजी क्षेत्र को ये प्रौद्योगिकी हस्तांरित कर सकें. यह जानकारी ऑटोमोबाइल क्षेत्र के सूत्रों ने दी. रूपरेखा में विशिष्ट उपायों का जिक्र होगा ताकि भारतीय कंपनियों के साथ साझा की गई संवेदनशील प्रौद्योगिकी और गोपनीय सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

India, Indian Army, Pakistan, BrahMos Missile, Missile, Sukhoi Plane, Surgical Strike
90 डिग्री तक लक्ष्य को भेदने में कामयाब
ब्रह्मोस एरोस्पेस के सीईओ सुधीर कुमार मिश्रा ने बताया कि ब्रह्मोस सेना, नौसेना और वायु सेना की पसंद का बन गया है और 90 डिग्री का संस्करण लक्ष्य को भेदने वाला एक महत्वपूर्ण विमान वाहक है. ब्रह्मोस एरोस्पेस द्वारा विकसित की गई तकनीकें इससे पहले भारत या रूस में मौजूद नहीं थीं. ब्रह्मोस एरोस्पेस भारत और रूस सरकारों के स्वामित्व वाला एक संयुक्त उपक्रम है और इसकी मिसाइलों का निर्माण भारत में किया जाता है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.