मुंबई. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को मुंबई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। ईडी ने कहा कि मेहुल चौकसी ने कभी भी जांच में सहयोग नहीं किया। उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। इंटरपोल उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुका है। वह वापसी से भी इनकार कर चुका है। वह एक भगोड़ा है।
दरअसल, पिछली बार चौकसी ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि जांच एजेंसियां गलत कह रही हैं कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं। जबकि मैं तो हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हूं।
जांच एजेंसियां चौकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी
- चौकसी 13,700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में आरोपी है। 15 जनवरी 2018 को उसे एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता मिल गई थी। चौकसी वहां ही रह रहा है। पिछले दिनों उसने भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी। भारतीय जांच एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हुई हैं।
- चौकसी ने बीते सप्ताह कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें उसने ईडी और सीबीआई के दावों को नकारा था। उसने कहा कि एजेंसियां कह रही हैं कि मैं जांच में शामिल होना नहीं चाहता, यह गलत है। मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, पर मैं जांच में शामिल होने के लिए तैयार हूं। एजेंसियां चाहें तो मुझसे एंटीगुआ आकर पूछताछ कर सकती हैं।
- चौकसी ने कहा- मैंने 15 फरवरी 2018 को विदेश में सर्जरी करवाई थी। इसके बाद मुझे सफर करने से मना कर दिया गया था। मुझे लगातार मेडिकल सुपरविजन की जरूरत पड़ती है। कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में यह भी कहा गया कि चौकसी को कोरोनरी आर्टरी डिसीज, डायबिटीज मेलीटस, हाइपरटेंशन, वेट लॉस जैसी बीमारियां हैं।
- इससे पहले ईडी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर मेहुल चौकसी की दोनों याचिकाएं खारिज करने की अपील की थी। चौकसी ने एक याचिका भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया के खिलाफ दायर की थी। दूसरी याचिका में उसने कहा था कि ईडी जिनके बयानों के आधार पर उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना चाहता है, उनसे बहस की इजाजत दी जाए।