नई दिल्ली। जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने के बाद बेरोजगारी के संकट से जूझ रहे कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. जेट एयरवेज कर्मचारी संघ और एडीआई ग्रुप ने बंद पड़ी एयरलाइंस की 75 फीसदी हिस्सेदारी की बोली लगाने के लिए साझेदारी का ऐलान किया है. कर्मचारी संघ एडीआई ग्रुप के साथ मिलकर बोली लगाना चाहता है लेकिन इसके लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) प्रकिया के तहत ही आगे की कार्रवाई पूरी की जा सकेगी.
Employee consortium, AdiGroup to bid for 75 pc stake in Jet Airways
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— ANI Digital (@ani_digital) June 28, 2019
जेट एयरवेज कर्मचारी संघ की ओर से कैप्टन अश्वनी त्यागी कहा कि जेट एयरवेज कर्मचारी संघ को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बीआईडी ग्रुप जेट एयरवेज के साथ एनसीएलटी प्रक्रिया के तहत 75 फीसदी अधिग्रहण के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि यह भारतीय विमानन के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि जेट एयरवेज में काम करने वाला हर कर्मचारी, कंपनी का मालिक होगा.
एडीआई ग्रुप के संस्थापक संजय विश्वनाथन ने कहा, ‘हम पिछले कुछ महीनों से जेट एयरवेज पर नजर बनाए हुए थे. हम इस वास्तविक प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं. यह एयरलाइन तीन महीने बाद एक बार फिर से उड़ान भरेगी. इस विमान कंपनी में कर्मचारियों की लगभग 26 फीसदी हिस्सेदारी होगी.’
संजय विश्वनाथन ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि एयर ऑपरेटर परमिट को बढ़ा दिया जाए, जो 16 जुलाई को खत्म हो रहा है.
गौरतलब है कि कर्ज में डूबी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के कर्मचारियों के लिए आजीविका का बड़ा संकट है. जेट एयरवेज पर 25 अन्य बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये बकाया है. साथ ही कंपनी पर 23,000 कर्मचारियों और सैकड़ों वेंडरों का भी 13,000 करोड़ रुपये बकाया है.
ऐसे में अब आस जगी है कि एक बार फिर जेट एयरवेज के कर्मचारी अपने काम पर लौट सकेंगे और लड़खड़ाई हुई अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट सकेगी.