शिवसेना की बीजेपी को चेतावनी, ‘महाजनादेश नहीं मिला; अति नहीं, उन्माद नहीं वर्ना समाप्त हो जाओगे’
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में बीजेपी से कहा है, 'महाराष्ट्र की जनता का रुझान सीधा और साफ है. अति नहीं, उन्माद नहीं वर्ना समाप्त हो जाओगे.'
मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना ने एक बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सामने ‘दहाड़’ लगाई है. 2014 के चुनाव के मुकाबले इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की कम हुई सीटों पर शिवसेना ने कहा कि यह ‘महाजनादेश’ नहीं है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है, ”महाराष्ट्र की जनता का रुझान सीधा और साफ है. अति नहीं, उन्माद नहीं वर्ना समाप्त हो जाओगे, ऐसा जनादेश ‘ईवीएम’ की मशीन से बाहर आया.”
शिवसेना ने कहा, ”‘ईवीएम’ से सिर्फ कमल (बीजेपी चुनाव चिह्न) ही बाहर आएंगे, ऐसा आत्मविश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आखिरी क्षण तक था लेकिन 164 में से 63 सीटों पर कमल नहीं खिला.” पार्टी ने कहा कि यह जनादेश है महाजनादेश नहीं, इसे स्वीकार करना पड़ेगा. जनता के फैसले को स्वीकार करके बड़प्पन दिखाना पड़ता है.
शिवसेना ने कहा, ”महाराष्ट्र में 2014 की अपेक्षा अलग नतीजे आए हैं. 2014 में ‘युति’ (गठबंधन) नहीं थी. 2019 में ‘युति’ के बावजूद सीटें कम हुईं. बहुमत मिला लेकिन कांग्रेस-एनसीपी मिलकर 100 सीटों तक पहुंच गई. ये एक प्रकार से सत्ताधीशों को मिला सबक है. धौंस, दहशत और सत्ता की मस्ती से प्रभावित न होते हुए जनता ने जो मतदान किया, उसके लिए उसका अभिनंदन!”
चुनाव से पहले एनसीपी छोड़कर बीजेपी में आए नेताओं को लेकर भी शिवसेना ने बीजेपी पर निशाना साधा. शिवसेना ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रवादी में ऐसी सेंध लगाई कि पवार की पार्टी में कुछ बचेगा या नहीं, कुछ ऐसा माहौल बन गया था. लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा छलांग राष्ट्रवादी ने लगाई है और 50 का आंकड़ा पार कर लिया है. बीजेपी 122 से 102 पर आ गई है.
शिवसेना ने कहा, ”पार्टी बदलकर ‘टोपी’ बदलनेवालों को जनता ने घर भेज दिया है. सातारा में उदयनराजे भोसले की करारी हार हुई. अपना कॉलर उड़ाते हुए घूमनेवाले शिवराय के वंशज उदयनराजे भोसले को नीतिगत व्यवहार करना चाहिए था.” पार्टी ने कहा कि शिवसेना-बीजेपी की ‘युति’ के बावजूद राष्ट्रवादी व कांग्रेस को इतनी सफलता क्यों मिली? प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में 10 सभाओं को संबोधित किया. अमित शाह ने अनुच्छेद 370 पर 40 सभाएं की.
शिवसेना ने कहा, ”मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र में खुद को तेल लगाए हुए पहलवान के रूप में प्रस्तुत किया लेकिन बड़े मन से इसे स्वीकार करना होगा कि ‘तेल’ थोड़ा कम पड़ गया और माटी की कुश्तीवाले उस्ताद के रूप में शरद पवार ने ‘गदा’ जीत ली है.”
महाराष्ट्र के चुनाव नतीजे
महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 105 पर जीत मिली है. वहीं शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के खाते में 44 सीटें गई हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 122, शिवसेना को 63, कांग्रेस को 42 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थी. उस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग चुनाव लडे़.
ताजा नतीजों के बाद शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है. सामना के पहले पन्ने पर भी पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे का बयान छापा गया है. शीर्षक में लिखा है ‘पहले फॉर्मूला, फिर सरकार.’ ठाकरे ने कहा है, ‘‘यह समय बीजेपी को वह फॉर्मूला याद दिलाने का है जिसका वादा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मेरे घर आकर किया था… यह फार्मूला 50-50 (ढाई साल बीजेपी का और ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री) का था.’’ उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने मुंबई की वर्ली सीट से जीत दर्ज की है. पहली बार है जब ठाकरे परिवार का कोई शख्स चुनाव लड़ा है.