बंगाल में मोदी की रैली:PM मोदी का ममता पर तंज- दीदी बुरी तरह से डरी हुई हैं, सुना है किसी और सीट से भी नामांकन भरेंगी

असम में कुल 126 सीटें हैं। यहां 2016 को अंतिम बाद विधानसभा चुनाव हुआ था। उसके पहले लगातार 15 साल तक कांग्रेस की सरकार थी। 2016 में भाजपा 60 सीटें जीतकर सत्ता में आई थी।

0 1,000,236

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल और असम में कई रैलियां कीं। उन्होंने बंगाल के उलूबेरिया में CM ममता बनर्जी पर तंज कसा। मोदी ने कहा कि उन्होंने सुना है कि ममता किसी और सीट से भी नामांकन भरने वाली हैं। पहले उन्होंने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला लिया और नंदीग्राम के लोगों ने उन्हें जवाब दे दिया है। अब यदि वो कहीं और से भी चुनाव लड़ती हैं तो बंगाल की जनता उन्हें जवाब देने के लिए तैयार है।

मोदी ने नंदीग्राम में ममता के हंगामे की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ देर पहले नंदीग्राम में जो हुआ है, वह हम सभी ने देखा। इससे साबित होता है कि ममता बनर्जी हार मान चुकी हैं। मोदी ने कहा कि बंगाल के लोगों ने दीदी की सरकार हटाने का फैसला कर लिया है। यहां के लोग अब और ज्यादा इंतजार करने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दीदी मुझे कभी-कभी टूरिस्ट (पर्यटक) और कभी बाहरी भी कहती हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वो घुसपैठियों को शरण देकर भारत माता के बच्चों को बाहरी क्यों कहती हैं?

इससे पहले उन्होंने बंगाल के जयनगर में रैली की। मोदी ने कहा कि दीदी हम सीजनल सत्ता वाले लोग नहीं हैं। हम अपनी परंपरा पर हमेशा गर्व करने वाले लोग नहीं है। मोदी ने कहा कि दीदी की समस्या क्या है यह पूरा क्षेत्र जानता है। दस साल में क्या किया इसका कोई ठोस जवाब दीदी के पास नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी की रैली के दौरान तीखी धूप से बचने के लिए महिलाओं ने छतरी का सहारा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी की रैली के दौरान तीखी धूप से बचने के लिए महिलाओं ने छतरी का सहारा लिया।

बंगाल में मोदी के भाषण की 5 खास बातें

1. ममता को तिलक और भगवा कपड़ों से भी दिक्कत
मोदी ने कहा पूरा बंगाल जानता है कि ममता दीदी को जय श्रीराम कहने से दिक्कत है। उन्हें दुर्गा जी की प्रतिमा के विसर्जन से दिक्कत है। दीदी को तिलक और भगवा कपड़ों से भी दिक्कत है। TMC के लोग तो चोटी रखने वालों को राक्षस कहने लगे हैं।

2. दूसरे राज्यों का अपमान कर रहीं दीदी
ममता दीदी जिस तरह UP और बिहार के लोगों के खिलाफ बोल रही हैं, इससे उनकी राजनीतिक समझ पर सवाल पैदा होता है। उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि CM होने के नाते उन्होंने संविधान की शपथ ली हुई है। भारत का संविधान इजाजत नहीं देता कि आप दूसरे राज्यों का अपमान करें।

3. हर जगह से कट मनी लेते हैं TMC के लोग
अम्फान तूफान के समय लोगों की मदद करने की जगह इन्होंने अपने लोगों को फायदा पहुंचाया। इसी लूट का नाम है- खेला होवे। TMC की तोलाबाजी ने गरीब, मिडिल क्लास और व्यापारियों का जीना मुश्किल कर दिया है। जॉब, होम लोन, एजुकेशन, अस्पताल में एडमिशन हर जगह कट मनी चल रही है। कोरोनाकाल में सरकार ने चावल भेजा तो उसमें भी कट मनी। गरीब की थाली में भी कट मनी।

4. दीदी की नीतियों से किसानों को नुकसान हुआ
बंगाल में केंद्र सरकार ने 30 लाख से ज्यादा घर गरीबों के लिए स्वीकृत किए हैं, लेकिन कट मनी के कारण यहां गरीबों के घर अधूरे पड़े हैं। इसे बंगाल में भाजपा सरकार बदलेगी। TMC की नीतियों का नुकसान किसानों को भी हुआ है। दीदी के कारण किसान सम्मान निधि से वंचित हैं।

5. दीदी ने किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर करने से रोका
3 सालों में देशभर के किसानों के खाते में डायरेक्ट पैसे ट्रांसफर हुए। केंद्र सरकार ममता से किसानों के नाम और अकाउंट नंबर मांगती रहीं, लेकिन दीदी ने कोई मदद नहीं की। मोदी ने कहा कि 2 मई को बंगाल में भाजपा की सरकार बनते ही किसानों के खाते में 18 हजार रु. ट्रांसफर किए जाएंगे।

असम में मोदी बोले, जिन्होंने हिंसा की उन्हें से कांग्रेस ने हाथ मिलाया
इससे पहले PM मोदी ने असम के कोकराझार में चुनाव प्रचार किया। उन्होंने कांग्रेस और बदरुद्दीन अजमल के गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस एक महाझूठ बनाकर, एक बार फिर कोकराझार सहित पूरे बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन को छलने निकली है। जिस दल के नेताओं ने कोकराझार को हिंसा की आग में झोंका था, आज कांग्रेस ने अपना हाथ और अपना भाग्य उन्हें थमा दिया है। कांग्रेस के कुशासन ने कैसे कोकराझार को सालों साल झुलसने दिया ये आप और हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं।

कांग्रेस ने जनजातियों के साथ धोखा किया
कांग्रेस ने टी गार्डन में काम करने वाले साथियों को कभी पूछा तक नहीं। ये NDA की ही सरकार है जिसने टी गार्डन्स में काम करने वाले मजदूर भाई-बहनों की हर चिंता के समाधान का प्रयास किया। ऐसी कोई जनजाति नहीं जिससे कांग्रेस ने विश्वासघात नहीं किया। वहीं NDA सरकार, कोच, राजबोन्शी, मोरान, मोटोक, सूतिया, सभी जनजातियों के हित में कदम उठा रही है। इसके लिए नई डेवलपमेंट काउंसिल बनाने का काम यहां तेजी से चल रहा है।

2016 में कांग्रेस को हराकर असम के सत्ता में आई थी BJP
असम में कुल 126 सीटें हैं। यहां 2016 को अंतिम बाद विधानसभा चुनाव हुआ था। उसके पहले लगातार 15 साल तक कांग्रेस की सरकार थी। 2016 में भाजपा 60 सीटें जीतकर सत्ता में आई थी। इस बार यहां 3 फेज में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को हो चुका है। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल यानी आज हो रहा है। आखिरी चरण का मतदान 6 अप्रैल को होना है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.