नीतीश मंत्रिमंडल में आठ नए चेहरे हुए शामिल, BJP-LJP से एक भी नहीं
लोकसभा चुनाव के बाद जीतकर संसद पहुंचे तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था जिसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार तय माना जा रहा था लेकिन केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद ही बिहार सरकार के कैबिनेट विस्तार को नीतीश के पलटवार से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
पटना। बिहार में एनडीए की सरकार का रविवार को विस्तार किया गया. राष्ट्रीय जनता दल से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल में आठ नए चेहरों को शामिल किया. मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी विधायक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से हैं. मंत्रिपरिषद में भारतीय जनता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के किसी विधायक को जगह नहीं दी गई।
Bihar cabinet expansion: JDU leaders Ashok Choudhary, Shyam Rajak, L Prasad, Beema Bharti, Ram Sevak Singh, Sanjay Jha, Neeraj Kumar and Narendra Narayan Yadav took oath as ministers today https://t.co/WiJXIKKDM8
— ANI (@ANI) June 2, 2019
पिछड़े वर्ग को ध्यान में रखते हुए नए मंत्रियों चयन किया है
नीतीश ने सामाजिक समीकरण खास कर पिछड़े वर्ग को ध्यान में रखते हुए नए मंत्रियों चयन किया है. 11:30 बजे से पटना के राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने सभी आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई. इनमें से कई नाम परिचित हैं तो कई नए भी हैं।
नीतीश कैबिनेट में जिन चेहरों को जगह दिया गया है. उनमें कांग्रेस छोड़कर जेडीयू में आए अशोक चौधरी, एमएलसी नीरज कुमार, लक्ष्मेश्वर राय, पूर्व मंत्री श्याम रजक, बीमा भारती, संजय झा, नरेंद्र नारायण यादव, रामसेवक सिंह शामिल हैं।
नीतीश का पलटवार!
लोकसभा चुनाव के बाद जीतकर संसद पहुंचे बिहार के तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था जिसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार तय माना जा रहा था लेकिन केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण के तीन दिन बाद ही बिहार सरकार के कैबिनेट विस्तार को नीतीश के पलटवार से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
नीतीश कुमार ने केंद्र में हिस्सेदारी से किया था इनकार
बता दें नीतीश कुमार की पार्टी ने केंद्र सरकार में सांकेतिक हिस्सेदारी से इनकार कर दिया था और आनुपातिक प्रणाली से कैबिनेट में हिस्सेदारी की बात कही थी. केंद्र सरकार के गठन के बाद इस्तीफा देने वाले मंत्रियों में बिहार के जल संसाधन मंत्री ललन सिंह, पशुपालन मंत्री पशुपति कुमार पारस और आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव हैं। इन तीनों में से दो जेडीयू से जबकि एक चेहरा लोजपा से था. लोजपा कोटे से खाली हुई सीट पर भी नीतीश ने किसी चेहरे को जगह नहीं दी है और इस विस्तार में केवल अपनी ही पार्टी के लोगों को जगह दी है।