बंगाली एक्टर सौमित्र चटर्जी का 85 साल की उम्र में निधन, अस्पताल में चल रहा था इलाज

उल्लेखनीय है कि 85 वर्षीय चटर्जी को वर्ष 2012 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अपने करियर में 100 से अधिक फिल्मों में काम करने वाले चटर्जी को भारत सरकार ने 2004 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।

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बंगाली एक्टर सौमित्र चटर्जी का 85 साल की उम्र में निधन हो गया है। मशहूर बांग्ला एक्टर सौमित्र चटर्जी की हालत ‘बहुत गंभीर और चिंताजनक’ बनी हुई थी. कोलकाता के एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर उनकी सेहत को पटरी पर लाने के लिए अंतिम प्रयास कर रहे थे. सौमत्री चटर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम ने शनिवार को उनकी हालत गंभीर बताते सभी प्रयास असफल होने की बात कही थी. वही रविवार की सुबह अधिकारिक तौर पर उनकी मौत की खबर मिली है।

सौमित्र चटर्जी की तबीयत लगातार बिगड़ती गई और डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद उनका निधन हो गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉक्टर्स का कहना  था कि तंत्रिका तंत्र कोई काम नहीं कर रहा और सभी प्रयास असफल साबित हो रहे हैं. डॉक्टरों ने ये भी बताया कि हमने सीटी स्कैन किया था ताकी पता चल सके कि कोई समस्या तो नहीं है. हमने एक ईईजी किया था लेकिन उनके दिमाग में काफी कम गतिविधियां हो रही हैं.

85 वर्षीय सौमित्र चटर्जी के अंग अच्छी तरह से काम कर रहे थे, लेकिन उनके रक्त में यूरिया और सोडियम का स्तर गिर गया था. इसके बाद 6 अक्टूबर को कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे और तब से ही वह कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था.

सौमित्र चटर्जी (Soumitra Chatterjee) या कहें सौमित्र चट्टोपाध्याय, ये नाम भारतीय सिनेमा में किसी पहचान का मोहताज नहीं. सौमित्र चटर्जी ने मुख्य रूप से बंगाली फिल्मों में काम किया, लेकिन सिनेमा जगत में उनका नाम हर कोई जानता है. सौमित्र का जन्म 19 जनवरी, 1935 को पश्चिम बंगाल के उस समय के कलकत्ता में हुआ था. कह सकते हैं कि सौमित्र को अभिनय के गुण अपने पिता के जरिए मिले.

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दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित सौमित्र चटर्जी को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था और वह किसी तरह से रिस्पॉन्स नहीं कर रहे थे. उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों में से एक ने बताया, ‘हमारे सभी प्रयासों के बावजूद उनका फिजियोलॉजिकल सिस्टम रिस्पॉन्ड नहीं कर पाया. उनकी (चटर्जी की हालत) पहले से ज्यादा खराब हो गई थी।  कोरोना के चलते उनका तंत्रिका तंत्र निष्क्रिय हो गया और सभी प्रयास निष्फल साबित हुए. सत्यजीत रॉय की फिल्म ‘अपुर संसार’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले सौमित्र चटर्जी को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद 6 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद वह कोरोना निगेटिव हो गए, लेकिन कोविड एन्सेफैलोपैथी के चलते कई अन्य जटिलताएं पैदा हो गईं उल्लेखनीय है कि 85 वर्षीय चटर्जी को वर्ष 2012 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अपने करियर में 100 से अधिक फिल्मों में काम करने वाले चटर्जी को भारत सरकार ने 2004 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।

सौमित्र को ऑस्कर विनर फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे के साथ सहयोग के लिए जाना जाता है. सौमित्र ने सत्यजीत रे के साथ मिलकर 14 फिल्में की थीं. उन्होंने सत्यजीत रे के साथ 1959 से लेकर 1990 तक काम किया था.

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