Budget 2020: राष्ट्रपति कोविंद बोले- देश को कमजोर करती है विरोध के नाम पर हिंसा

Budget 2020: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं, वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है.

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  • दोनों सदनों को राष्ट्रपति कोविंद ने किया संबोधित
  • बोले- CAA से बापू के सपने को पूरा किया गया

Budget 2020: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को कमजोर करने का प्रयास करार दिया. बजट सत्र के शुभारंभ के मौके पर शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है.

मोदी सरकार के फ्यूचर प्लान के बारे में बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं. विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है.

‘महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया’

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की तारीफ करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है. मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करता हूं और विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं.’

महात्मा गांधी को याद करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं. उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है.

बापू के विचार को आगे बढ़ायाः राष्ट्रपति

उन्होंने आगे कहा कि बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया. हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है.सीएए पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार यह फिर स्पष्ट करती है कि भारत में आस्था रखने वाले और भारत की नागरिकता लेने के इच्छुक दुनिया के सभी पंथों के व्यक्तियों के लिए जो प्रक्रियाएं पहले थीं, वे आज भी वैसी ही हैं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया CAA का जिक्र, बजने लगीं तालियां, फिर हुआ हंगामा

  • राष्ट्रपति ने नागरिकता कानून पास होने पर दोनों सदनों को बधाई दी
  • इस दौरान कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने हंगामा किया

राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ बजट सत्र 2020

बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सांसदों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नागरिकता कानून को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस तरह से महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया है. उन्होंने कहा, ‘माननीय सदस्यगण भारत ने हमेशा सर्वपंथ विचारधारा में यकीन किया है. लेकिन भारत विभाजन के समय भारतवासियों और उनके विश्वास पर प्रहार किया गया. विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वो भारत आ सकते हैं.’

राष्ट्रपति के इतना बोलते ही बीजेपी सांसदों ने मेज थपथपाने लगे. पीएम मोदी भी वीडियो में मेज थपथपाते नजर आए. काफी देर तक एनडीए के सहयोगी दलों ने मेज थपथपाकर राष्ट्रपति की बातों का समर्थमन किया. तकरीबन 15-20 सेकेंड तक ऐसा ही चलता रहा. फिर राष्ट्रपति ने अपना अभिभाषण शुरू किया. तालियां बजती रही.

राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘इन लोगों को सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है. पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने इसे आगे बढ़ाया. हमारे राष्ट्र निर्माताओं के उस इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है. मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता कानून बनकर महापुरुषों की इच्छा को सम्मान दिया गया.

एक बार फिर से सेंट्रल भवन में सांसदों ने मेज थपथपाना शुरू कर दिया. तकरीबन 40-50 सेकेंड तक सिर्फ मेज थपथपाने की अवाजें आती रही. उसके बाद राष्ट्रपति ने एक बार फिर से बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा विशेषकर ऐसे समय में….. लेकिन मेज थपथपाने की आवाज गूंजती रही. तकरीबन 10-15 सेकेंड के बाद फिर राष्ट्रपति ने बोलना शुरू किया.

उन्होंने कहा कि विशेषकर ऐसे समय में जब देश में महात्मा गांधी की जयंती का पर्व मना रहा हो.. इसी बीच पीछे से कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता ने विरोध करना शुरू कर दिया. वो नागरिकता कानून के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

लेकिन राष्ट्रपति रुके नहीं. उन्होंने कहा, ‘विशेषकर जब देश में महात्मा गांधी की जयंती का पर्व मनाया जा रहा हो उसी समय समय में सांसदों द्वारा इसे पास करवाना बेहद खास है. मैं संसद के दोनों सदनों का और सभी सांसदों का अभिनंदन करता हूं. इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद लगातार हंगामा करते रहे.

राष्ट्रपति ने उनके विरोध को पूरी तरह अनदेखा करते हुए अपना भाषण जारी रखा. उन्होंने कहा माननीय सदस्य गण, हम सभी….. इसी बीच सांसदों की आवाज और तेज हुई.. राष्ट्रपति 5 सेकेंड्स के लिए रुके लेकिन फिर बोलने लगे. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे उत्पीड़न का मामला उठाया.

उन्होंने कहा, ‘हाल ही में ननकाना साहिब में जो कुछ हुआ उसे सभी ने देखा है. हम सभी का यह भी दायित्व है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से पूरा विस्व परिचित हो. मैं पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों में हो रहे अत्याचार की निंदा करता हूं और विश्व समुदाय से इसे संज्ञान में लेने और इस दिशा में आवश्यक क़दम उठाने का आग्रह करता हूं.’

 

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