मध्य प्रदेश / दिग्विजय ने कहा- भाजपा नेताओं को यह बताना चाहिए कि गोडसे देशभक्त था या नहीं

दिग्विजय सिंह ने कहा- मैं गांधीवादी हूं, इसलिए कुशाभाऊ ठाकरे और विजयराजे सिंधिया के कहने पर जनसंघ में नहीं गया ‘भाजपा और बजरंग दल के लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की जासूसी करते पकड़े गए थे’

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ग्वालियर. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को भाजपा संगठन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे देशभक्त था या नहीं?

दिग्विजय ने कहा कि भाजपा नेता गांधी की जिस विचारधारा की बात करते हैं, वह सत्यता से बिल्कुल परे है। भाजपा नेता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर संकल्प यात्रा के बारे में बात करते हैं। उन्हें देश को गोडसे की राष्ट्रभक्ति के बारे में भी बताना चाहिए।’’

‘जनसंघ में शामिल होने का निमंत्रण मिला था’

दिग्विजय ने खुलासा किया, ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक कुशाभाऊ ठाकरे और राजमाता विजयराजे सिंधिया ने मुझे 1970-71 में जन संघ में शामिल होने के लिए कहा था। लेकिन मैंने उनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया, क्योंकि मैं महात्मा गांधी को मानता हूं।’’

‘भाजपा के लोग आईएसआई से पैसा लेते हैं’

राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने कहा, ‘‘भाजपा अपने को राष्ट्रवादी पार्टी बताती है और कहती है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ लड़ रही है। यह किस तरह की राष्ट्रवादिता है कि उनके लोग ही रुपए लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करते हैं।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘भाजपा और बजरंग दल के कुछ लोग आईएसआई की जासूसी करते हुए पकड़े भी गए थे। जो अब जमानत पर बाहर घूम रहे, लेकिन उन पर केस अब भी चल रहा है।’’

इंदौर में पूछा था- आपका गांधी, गोडसे या गोवलकर दर्शन?
दिग्विजय सिंह ने 2 अक्टूबर को इंदौर में कहा कि यह अजीब है कि जिस विचारधारा ने महात्मा गांधी की हत्या की, उसका अपने कार्यकर्ताओं को संदेश है कि एक महीने तक हर पंचायत में पदयात्रा करो। आप वहां कौन-सा दर्शन जनता के सामने रखेंगे, गांधी दर्शन रखेंगे या गोडसे या गोलवलकर दर्शन?

‘हिंदू कट्टरपंथ देश के लिए खतरनाक’

उन्होंने हिंदुओं के कट्टरपंथ को देश के लिए घातक बताया था। दिग्विजय ने कहा था- हमने यूएन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्रीजी इमरान खान का भाषण सुना, वे कट्टरपंथी इस्लाम की बात कर रहे थे। वहां बहुसंख्यक आबादी (मुस्लिम) का सांप्रदायिकरण हुआ। उसके जवाब में भारत में हिंदुओं का कट्टरपंथीकरण करना भी उतना ही खतरनाक है।

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