पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने बताई वजह- सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी BJP सत्ता में क्यों नहीं आ सकी…

महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने रविवार को कहा कि भाजपा (BJP) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बावजूद सत्ता में नहीं आ सकी, क्योंकि 'राजनीतिक गुणागणित योग्यता पर भारी पड़ा.'

  • सरकार गठन में योग्यता पर भारी पड़ा राजनीतिक गुणागणित’

  • ‘मैं वापस आउंगा, लेकिन कुछ समय इंतजार करने की जरूरत’

  • चुनाव से पहले फडणवीस का यह नारा था ‘मैं वापस लौटूंगा’


मुंबई: महाराष्ट्र का सियासी नाटक खत्म हो गया है. महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर का चयन भी निर्विरोध हो गया है. कांग्रेस उम्मीदवार नाना पटोले महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर बन गए हैं. ये तब हुआ जब बीजेपी के किशन कथोरे ने अपना नाम वापस ले लिया. महाराष्ट्र (Maharashtra) की सभी राजनैतिक पार्टियों की सर्वदलीय बैठक के बाद बीजेपी ने ये फैसला लिया. बीजेपी ने साफ किया कि हमने महाराष्ट्र की परंपरा का ध्यान रखा है और हमें इस पद को विवाद में नहीं लाना चाहिए. इसलिए हमने अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया है. इस बीच महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने रविवार को कहा कि भाजपा (BJP) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बावजूद सत्ता में नहीं आ सकी, क्योंकि ‘राजनीतिक गुणागणित योग्यता पर भारी पड़ा.’

चुनाव से पहले फडणवीस द्वारा दिए गए नारे ‘मैं वापस लौटूंगा’ पर तंज कसने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा कहा, लेकिन इसके लिए समय देना भूल गए थे. उन्होंने कहा, ‘…आपको कुछ समय इंतजार करना होगा.’ फडणसीस राज्य विधानसभा में उनके विपक्ष का नेता बनने पर उन्हें बधाई देने के लिए प्रस्ताव लाए जाने के बाद बोल रहे थे. प्रस्ताव मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पेश किया गया, जिसका NCP के जयंत पाटिल और कांग्रेस के विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट सहित अन्य दल के सदस्यों ने समर्थन किया.

फडणवीस ने कहा, ‘भाजपा को जनादेश मिला, क्योंकि हमारी पार्टी अकेली सबसे बड़ी पार्टी है. 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव में हमारा स्ट्राइक रेट 70 प्रतिशत का रहा, लेकिन राजनीतिक गुणागणित योग्यता पर भारी पड़ा. जिन्हें चुनावों में 40 प्रतिशत अंक मिले उन्होंने सरकार बना ली.’ उन्होंने कहा, ‘हम इसे लोकतंत्र के हिस्सा के तौर पर स्वीकार कर रहे हैं.’ सदन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं ने चुनाव से पहले फडणवीस द्वारा दिए गए नारे ‘मैं वापस आऊंगा’ को लेकर उनपर कटाक्ष किया. इसके जवाब में फडणवीस ने कहा, ‘मैंने यह कहा था कि ‘मैं वापस आऊंगा’ लेकिन मैं इसके लिए आपको समय देना भूल गया. यद्यपि मैं आपको एक चीज का भरोसा दे सकता हूं कि आपको कुछ समय इंतजार करने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने न केवल पांच वर्षों में कई परियोजनाएं घोषित की बल्कि उन पर काम भी शुरू किया. मैं उनका उद्घाटन करने के लिए वापस आ सकता हूं.’ फडणवीस ने सदन को संवैधानिक एवं विधिक सीमा में काम करने का भरोसा भी दिया. उन्होंने कहा, ‘सरकार का विरोध मैं कुछ सिद्धांतों और बिना किसी निजी एजेंडे के करूंगा.’

भाजपा विधायक दल के नेता फडणवीस को रविवार को विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने विपक्ष का नया नेता घोषित किया. ठाकरे नीत शिवसेना द्वारा मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद शिवसेना, NCP और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई. 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 105 सीटें जीतकर अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने क्रमश: 56, 54 और 44 सीटें जीतीं.

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