- जाफराबाद में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात
- पुलिसकर्मियों पर जाफराबाद में हुआ था पथराव
- CAA के खिलाफ धरने पर बैठी थीं महिलाएं
दिल्ली के जाफराबाद में धरने पर बैठी महिलाओं को मौके से हटा दिया गया है. पुलिस ने रास्ता क्लियर करा दिया है. जो महिलाएं धरने पर बैठीं थीं, उन्हें पुलिस ने हटा दिया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ धरने पर बैठी हैं, जो बातचीत के बाद उठने के लिए तैयार हो गईं.
जाफराबाद में प्रदर्शन स्थल और अन्य जगहों पर भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है. सुरक्षा के मद्देनजर एसएसबी, आईटीबीपी और दिल्ली पुलिस के जवान मौजूद हैं. जाफराबाद में आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों पर जमकर पत्थरबाजी भी हुई है. पुलिस ने प्रदर्शन स्थल को पूरी तरह से खाली करा लिया है.
जाफराबाद में भी शाहीनबाग की तर्ज पर महिलाएं धरने पर बैठी थीं. महिलाओं ने सीलमपुर और मौजपुर रोड नंबर 66 का रास्ता बंद कर दिया था. जाफराबाद धरने पर बैठी महिलाएं मांग कर रही थीं कि हर हाल में केंद्र सरकार नागरिकता कानून वापस ले. महिलाओं ने ऐलान किया था कि जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेती है, तब तक वे प्रदर्शनस्थल से पीछे नहीं हटेंगी.
वहीं मौजपुर में सभी उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया है. इलाके में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है. इलाके में केवल पुलिस तैनात है. पुलिस की सख्ती का असर दिखने लगा है.
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हालात तनावपूर्ण
नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली इलाके में स्थिति गंभीर बनी हुई है. हिंसक प्रदर्शनों में कुल 10 लोग जान गंवा चुके हैं, वहीं 56 पुलिसकर्मियों समेत 200 लोग घायल हो गए हैं. उत्तरी पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद मौजपुर, बाबरपुर और चांदबाग में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इन इलाकों में भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात है.
दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्रालय की बैठक
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंगलवार को एक बैठक हुई, जिसमें दिल्ली के कई इलाकों में हो रही हिंसा के हालात की समीक्षा की गई. इस बैठक में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. इस दौरान अमित शाह ने सभी दलों से संयम बरतने, पार्टी लाइन से ऊपर उठने का आग्रह किया.