दिल्ली पुलिस की सभी मांगें मानी गईं, 10 घंटे बाद धरना खत्म

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर 2 नवंबर को पुलिस और वकीलों के बीच जो हिंसक झड़प का मुद्दा और भी गरमा गया है. हालांकि, पुलिस की सभी मांगों को मानने के बाद मुख्यालय के सामने से पुलिसकर्मियों का धरना खत्म हो गया है.

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  • दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर जवानों का प्रदर्शन खत्म

  • तीस हजारी कोर्ट में भिड़ गए थे पुलिस-वकील


नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर 2 नवंबर को पुलिस और वकीलों के बीच जो हिंसक झड़प का मुद्दा और भी गरमा गया है. हालांकि, पुलिस की सभी मांगों को मानने के बाद मुख्यालय के सामने से पुलिसकर्मियों का धरना खत्म हो गया है. प्रदर्शनकारी वहां से हटने लगे हैं.

साथ ही सुबह से रोका गया ट्रैफिक 10 घंटे के बाद बहाल कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस ने अपने कर्मियों की सभी मांगें मान ली हैं. हालांकि, पुलिसकर्मी अब मुख्यालय से हटकर इंडियागेट पहुंचने लगे हैं. वहां पर धरना शुरू हो गया है. इस बीच हिमाचल प्रदेश आईपीएस असोसिएशन ने भी तीस हजारी कोर्ट में हुए दिल्ली पुलिस पर हिंसा की निंदा की है.

इससे पहले मंगलवार सुबह से ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में जवान जुटे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं. पुलिस कमिश्नर की ओर से जवानों से प्रदर्शन वापस लेने की मांग की गई है, लेकिन जवान हैं कि वापस हटने का नाम नहीं ले रहे हैं.

स्पेशल पुलिस कमिश्नर आरएस कृष्णा ने प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से घर जाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आपकी सभी मांगों पर विचार किया जा रहा है. इस घटना में जो भी पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनका इलाज दिल्ली पुलिस कराएगी. साथ ही घायलों को 25 हजार रुपए मुआवजा भी दिया जाएगा. पिछले 10 घंटे में 6 सीनियरों अफसरों की ओर से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की गई है.

अमित शाह से मिले गृह सचिव

बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर गृह सचिव अजय भल्ला गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं. उन्होंने पुलिस और वकीलों के बीच हुए हिंसक झड़प मामले की जानकारी अमित शाह को दी है. साथ ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर चल रहे प्रदर्शन से भी अवगत कराया है. वहीं, हेडक्वॉर्टर पर प्रदर्शन कर रहा एक पुलिसकर्मी बेहोश हो गया है, जिसे अस्पताल पहुंचाया गया है.

तीसरी बार पुलिस के आला अधिकारी ने की अपील

ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आपकी मांगों पर विचार किया जा रहा है. महकमे को पता चल गया है कि आप लोगों की क्या समस्याएं हैं, उसका समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पुलिसवाले अनुशासन के लिए जाने जाते हैं, इसलिए आप सभी प्रदर्शन समाप्त कर दें, किसी स्टाफ पर कोई एक्शन नहीं होगा. बता दें कि सुबह से तीसरी बार पुलिस के आला अधिकारी प्रदर्शनकारियों से ये अपील कर चुके हैं.

वहीं, दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों के परिजनों ने दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम कर दिया है. मौके पर मौजूद पुलिस के आला अधिकारी उन्हें समझाने में जुटे हैं, लेकिन परिजन हटने को तैयार नहीं हैं. इसकी वजह से यहां लंबा जाम लग गया है. हाइवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं.

इंडिया गेट पर भी परिजनों ने किया विरोध

गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मामले की न्यायिक जांच चल रही है. जांच के नतीजे का इंतजार करना चाहिए. गृह मंत्रालय मामले में पूरी नजर बनाए हुए हैं.

IAS एसोसिएशन भी समर्थन में आया

IAS एसोसिएशन भी दिल्ली पुलिस के समर्थन में आ गया है. वहीं, तमिलनाडु भारतीय पुलिस सेवा (IPS) एसोसिएशन ने तीस हजारी कोर्ट में ड्यूटी पर पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट की घटना की निंदा की है.

एसीपी ने की प्रदर्शन खत्म करने की अपील

वहीं, एसीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ही उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. आप प्रदर्शन खत्म करें. घायल पुलिसवालों का बेहतर इलाज कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब हम नौकरी में आते हैं तो हमें अनुशासन का ध्यान रखने की सीख दी जाती है. मैं चाहता हूं कि आप अनुशासन बनाए रखें और पुलिस अफसरों पर भरोसा रखें.

दिल्ली हाई कोर्ट ने बार काउंसिल और दिल्ली बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है. इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी. केंद्र ने आरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

ये है प्रदर्शन कर रहे है पुलिसवालों की मांग

पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन बनाने की मांग

-पुलिस पर हमला हो तो फौरन कार्रवाई हो

-पुलिसवालों का निलंबन वापस हो

-दोषी वकीलों के खिलाफ केस दर्ज हो

प्रदर्शन खत्म करने के लिए पुलिसकर्मियों को मैसेज भेज गए

वहीं, सूत्रों का कहना है दिल्ली पुलिस के सीनियर अफसरों ने सभी पुलिसकर्मियों को मैसेज भिजवाया है की अब वे कोई प्रोटेस्ट में ना जाएं वरना उनके खिलाफ एक्शन होगा. ये मेसेज सब डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी ने अपने अपने पुलिस कर्मियों को भिजवाया है, बावजूद इसके सभी पुलिस कर्मी प्रोटेस्ट में लगातार बने हुए हैं. इधर, पुलिस और वकीलों के बीच तनातनी के माहौल में बिहार पुलिस एसोसिएशन ने दिल्ली पुलिस को नैतिक समर्थन दिया और निष्पक्ष जांच की मांग की है.

सस्पेंड पुलिसकर्मियों को बहाल करने की मांग

रिटायर्ड पुलिसकर्मियों का एसोसिएशन भी प्रदर्शन में शामिल हो गया है. प्रदर्शन कर रहे पुलिसवालों का कहना है कि हमारे अधिकारी ही हमारी नहीं सुन रहे हैं. पुलिसवालों की मांग है कि सस्पेंड पुलिसकर्मियों को बहाल किया जाए और दोषी वकीलों का लाइसेंस रद्द की मांग की है.

दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के दफ्तर में दिल्ली के सभी छह जिला अदालतों के बार एसोसिएशन की मीटिंग हो रही है. मीटिंग में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आला पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है. पुलिस-वकीलों के विवाद में बीच का रास्ता निकालने और जांच कार्रवाई में तेजी की कोशिश की जा रही है.

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साकेत कोर्ट में पुलिसवाले की पिटाई के मामले में केस दर्ज

साकेत कोर्ट के पास बाइक सवार पुलिसवाले की पिटाई के मामले में केस दर्ज हो गया है. बाइक सवार कॉन्स्टेबल का नाम करण है. महरौली थाने में तैनात करण सोमवार को सरकारी काम से साकेत कोर्ट गए थे. तभी वकीलों ने उसके साथ मारपीट की थी. इस मामले में दो अज्ञात वकीलों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

जवानों के प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा है कि ये हमारे लिए परीक्षा की घड़ी है, सभी जवान शांति बनाए रखें और अपनी ड्यूटी पर वापस लौटें.हालांकि, दिल्ली पुलिस कमिश्नर की अपील के बाद भी पुलिस मुख्यालय के बाहर बैठे जवान डटे हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस के कई जवान अपने परिवार के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिसकर्मियों के परिवारजनों ने नरेला में सड़क जाम कर दी है और प्रदर्शन कर रहे हैं.

साकेत मामले में दो FIR दर्ज

इस बीच दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट के बाहर वकील की पिटाई किए जाने पर दो FIR दर्ज कर ली हैं. 4 नवंबर को दिल्ली पुलिस के एक जवान को वकीलों ने पीटा था. जो दो एफआईआर दर्ज की गई हैं, उनमें एक पुलिस जवान की ओर से और दूसरी टैक्सी ड्राइवर की तरफ से की गई है.

पुलिस जवानों की मांग है कि वकीलों के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए, उन्हें लगातार डर बना हुआ कि शहर में कहीं पर भी उनपर हमला हो सकता है. दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच चल रहे मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट मिल गई है. दिल्ली पुलिस ने इस रिपोर्ट को सौंपा है.

कांग्रेस का मोदी सरकार पर वार

दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच जारी जंग के बीच कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट किया और लिखा कि 72 साल में पहली बार पुलिस प्रदर्शन पर है. क्या ये है बीजेपी का न्यू इंडिया? देश को बीजेपी कहां ले जाएगी? कहां गुम है गृह मंत्री अमित शाह? मोदी है तो मुमकिन है.

जिला अदालतों में हड़ताल पर गए वकील

इसी मामले को लेकर दिल्ली की सभी जिला अदालतों में आज भी वकील हड़ताल पर हैं. किसी भी कोर्ट में जज के सामने वकील न तो खुद पेश हो रहे हैं और न ही मुवक्किल को कोर्ट परिसर के अंदर जाने दिया जा रहा है.

वकीलों की मांग है कि तीस हजारी कोर्ट में हमला करने वाले पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट में इस हड़ताल का कोई असर नहीं है. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में और दिनों की तरह कोर्ट में मामलों की सुनवाई चल रही है.

क्या कह रहे हैं प्रदर्शन करने वाले जवान?

प्रदर्शन कर रहे जवानों का कहना है कि हमारे साथ ज्यादती हो रही है, वो बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करेंगे और कमिश्नर से अपनी बात कहेंगे. प्रदर्शन कर रहे पुलिस जवान का कहना है कि हमें वर्दी पहनने में डर लग रहा है, क्योंकि वर्दी देखते ही वकील पुलिस जवानों को पीट रहे हैं.

जवानों का कहना है कि हम सिर्फ ये बताना चाहते हैं कि पुलिसवालों के साथ भी सही तरह से व्यवहार होना चाहिए और कानून के मुताबिक समान रूप से सजा मिलनी चाहिए. प्रदर्शन कर रहे एक जवान ने कहा कि पिछले तीन दिनों से वकील लगातार पुलिस और आम लोगों के खिलाफ गलत बर्ताव कर रहे हैं और सीनियर कुछ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

प्रदर्शन कर रहे पुलिस जवानों से DCP ने अपील की है कि अभी कोर्ट का ऑर्डर आया है, आप लोग संयम रखें. सीनियर लेवल पर इस मसले पर चर्चा चल रही है, लेकिन जवान यहां प्रदर्शन ना करें और अपनी ड्यूटी पर लौटें.

गौरतलब है कि दिल्ली में हुई घटना के बाद अन्य जगह भी ऐसे मामले देखने को मिले थे. दिल्ली की ही साकेत कोर्ट, कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर भी पुलिस-वकील आमने-सामने आए थे. साथ ही उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी वकीलों ने पुलिस जवान को पीट दिया था.

तीस हजारी कोर्ट में क्यों भिड़े थे पुलिस-वकील?

दरअसल, शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकील भिड़ गए थे. दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. जिसके बाद वकीलों ने पुलिस जीप समेत कई वाहनों को आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी.

आपको बता दें कि तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप में जब एक वकील को पुलिस जवानों ने अंदर जाने से रोका था. उसी के बाद कहासुनी बढ़ गई थी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे.

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