नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर मुकरबा चौक के पास लगाए गए बैरिकेड के नजदीक यूट्यूब चैनल के माध्यम से किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने ट्रैक्टर परेड में शामिल उपद्रवियों को लाल किले में जाने की अपील की थी। इस बात की पुष्टि एक वायरल वीडियो में हुई है। दरअसल, मुकरबा चौक पर बैरिकेड तोड़ने से पहले साक्षात्कार के दौरान जब पंधेर से पूछा गया कि काफी लोग बाहरी रिंग रोड पर पहुंच गए हैं, उनके लिए आगे का क्या आदेश है।
इस पर पंधेर ने कहा कि लाल किले में जाकर बैठ जाओ, वहीं पर ही हम बैठकर बात करेंगे। हालांकि अब पंधेर सफाई दे रहे हैं कि उन्होंने लाल किले में जाने के लिए नहीं कहा था। पंधेर के इशारे पर ही मुकरबा चौक के बैरिकेड तोड़े गए थे और उपद्रवी लाल किले की ओर बढ़ गए थे। वहां पहुंचकर उन्होंने पुलिसकर्मियों को मारना-पीटना शुरू कर दिया। इस पूरे मामले में यूट्यूब चैनलों की कारगुजारी भी नकारात्मक रही जिन्होंने सर्खियां बटोरने के लिए ऐसे बयान चलाए जिससे मामला गंभीर हुआ व लोगों को हिंसा के लिए अकसाया गया। फिलहाल सरकार इस तरह के तमाम चैनलों की भी जांच में जुट गई है व उनके खिलाफ बनती कानूनी कारर्वाई के आदेश दिए गए है। सुरक्षा एजेंसियों ने दर्जनों ऐसे चैनलों की पहचान की है जो आंदोलन शुरू होने से लेकर दिल्ली में दंगों तक भड़काऊ बयान फेसबुक, यूट्यूब व दूसरे सोशल प्लेटफार्म में चलाते रहे।इसमें कई विदेशी सोशल मीडिया चैनलों की भी पहचान की गई है। इस हिंसक गतिविधियों में सुरक्षा एजेंसियों ने कई गायकों को भी जिम्मेवार माना है। इन गायकों ने अपने गीतों के माध्यम से नौजवानों को भड़काने का काम किया व उनहें हथियार उठाने व हिंसा करने के लिए उकसाया। उक्त सभी गतिविधियां सोशल साइट में लाइक लेने व वयूवर बढ़ाने के लिए किया गया जिसका खामिया दिल्ली को भुगतना पड़ा। सरकार ने सुरक्षाा एजेसियों से इस तरह के गीतकारों की पहचान करने के लिए भी कहा है। फिलहाल दिल्ली दंगों के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ सरकार सख्त कानूनी कारर्वाई करने की हिदायते जारी कर चुकी है। इसके लिए केंद्रीय एजेंसियां व दिल्ली पुलिस विभिन्न राज्यों में छापामारी भी कर रही है।
पंधेर ने ही किया था रिंग रोड पर परेड निकालने का एलान
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पुलिस की ओर से दिए गए रूट पर ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते थे, लेकिन सरवन सिंह पंधेर व कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने ही बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में परेड निकालने की जिद की थी। इसके बाद ही हजारों की संख्या में ट्रैक्टर बैरिकेडों को तोड़कर दिल्ली में प्रवेश कर गए थे।
यूट्यूब चैनलों की चालबाजी
इस समय कृषि कानूनों का मुद्दा सुर्खियों में है। ऐसे में सैकड़ों यूट्यूब चैनल सिंघु बार्डर के वीडियो डाल लोकप्रियता बटोर रहे हैं, वे प्रदर्शन के वीडियो बनाकर फेसबुक, ट्विटर आदि पर भी शेयर करते रहते हैं। कई यूट्यूब चैनलों के कर्मचारी जानबूझकर ऐसे वीडियो बना रहे हैं जिनसे मामले को भड़काया जा सके। वे पुलिस व भाजपा को भी निशाना बना रहे हैं। अब सरकार ऐसे चैनलों की भी जांच करवा रही है ताकि देश में असामाजिक गतिविधियों को प्रोत्साहन को रोका जा सके। इसमें कई लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी गई है।