दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा सिखों के साथ मारपीट का मामला, अदालत ने लगाई फटकार

देश की राजधानी दिल्ली में हाल ही में पुलिसकर्मी और सिखों के बीच मुखर्जी नगर में जमकर बवाल देखा गया. जिसके बाद अब ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंच चुका है. वहीं अब मामले में कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. इस मामले में दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है. कोर्ट में आज जब घटना का वीडियो दिखाया गया तो दिल्ली पुलिस के वकील पर कोर्ट भड़क गई है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 15 साल के बच्चे को भी सड़क पर पीटा गया है. कोर्ट का कहना है कि वीडियो में करीब आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं लेकिन मामले में सिर्फ तीन पुसिलकर्मी को ही सस्पेंड क्यों किया गया. वहीं कोर्ट ने कहा है कि इस मामले पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.

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नई दिल्ली। मुखर्जी नगर में 16 जून की शाम एक सिख चालक और उसके पुत्र की पिटाई के बाद भड़के बवाल को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और पुलिस से अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है. हाईकोर्ट ने ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी से स्वतंत्र जांच करा रिपोर्ट देने को भी कहा है. कोर्ट ने मीडिया को भी इस मामले में नाबालिग पीड़त का नाम उजागर न करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.

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जज ने वीडियो देखने के बाद दिल्ली पुलिस के वकील को फटकार लगाई

मामले की सुनवाई कर रहे जज न्यायमूर्ति जयंत नाथ और नजमी वजीरी ने वीडियो देखने के बाद दिल्ली पुलिस के वकील को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि 15 साल के बच्चे को भी सड़क पर पीटा गया. इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि हम करवाई कर रहे हैं. इस पर भड़कते हुए कोर्ट ने कहा कि वीडियो में आधा दर्जन से अधिक पुलिस वाले दिखाई दे रहे हैं, जबकि सिर्फ 3 पुलिसकर्मी ही सस्पेंड किए गए हैं. ऐसा क्यों? हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से एक सप्ताह में अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. साथ ही गृह मंत्रालय से भी जवाब तलब करते हुए पूछा है कि कोई जांच हुई है? हाईकोर्ट ने कहा कि हमें स्टेटस रिपोर्ट चाहिए. कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को यह लगना चाहिए कि पुलिस फोर्स उनके साथ है, विशेषकर बच्चों को.

पिटाई को मानवाधिकारों का हनन और पुलिस की बर्बरता बताया

इससे पहले याचिका कर्ता ने ऑटो चालक और उसके नाबालिग पुत्र की पिटाई को मानवाधिकारों का हनन और पुलिस की बर्बरता बताया. याची वकील ने दलील दी कि ऑटो चालक और पुलिसकर्मी के बीच मामूली तकरार हुई. इसके बाद दोनों अपने-अपने रास्ते चले गए थे. इस पर जज ने पूछा कि आपके इस कथन का क्या आधार है? याची ने कहा कि ऑनलाइन वीडियो उपलब्ध हैं, जिनमे तकरार दिख रही है. वे मीडिया में भी हैं. याची ने अदालत के कम्प्यूटर पर वीडियो दिखाया भी. जज ने वीडियो की ऑथेन्टिकेशन के संबंध में भी पूछा.

पुलिस ने कहा, क्राइम ब्रांच को दी जांच

पुलिस ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. घटना की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के अधिकारी से भी जांच कराई जा रही है.

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