किसानों ने जाम किया दिल्ली-कौशांबी रोड, पुलिस पर सप्लाई रोकने का आरोप
कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. कानून में संशोधन के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया, जिसके साथ ही आंदोलन को और बड़ा करने का ऐलान कर दिया. किसानों कृषि कानून को वापस लेने पर अड़े हुए हैं. किसानों ने दिल्ली- जयपुर और दिल्ली आगरा हाईवे को ब्लॉक करने का ऐलान किया है. वहीं 12 दिसंबर को टोल फ्री करेंगे. इतना ही नहीं 14 दिसंबर को पूरे देश में जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है। किसानों को मनाने के लिए 6 राउंड बातचीत के बाद सरकार की लिखित कोशिश भी बुधवार को नाकाम हो गई। इसके बाद किसानों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे हैं। वे शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि तोमर आज किसानों से आंदोलन खत्म करने और साथ मिलकर हल निकालने की अपील करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल तस्वीर) आज किसानों से अपील करेंगे कि वो अपना आंदोलन खत्म करे और सरकार के साथ काम करे। वह प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे: सूत्र pic.twitter.com/uLHTxXfoRo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
- केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नए कृषि कानूनों के बारे में फैलाई जा रही फर्जी और भ्रामक खबरों और अफवाहों का शिकार न हों. एपीएमसी मंडियों का संचालन जारी रहेगा और नए कृषि कानूनों के पारित होने के बाद कोई एपीएमसी मंडी बंद नहीं हुई. नए कृषि कानूनों और सुधारों के पीछे की वास्तविकता को जानें.
- शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर किसी केंद्रीय मंत्री को जानकारी है कि किसानों के आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है, तो रक्षा मंत्री को तुरंत चीन और पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सशस्त्र बलों के प्रमुखों को इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा करनी चाहिए.
अगर केंद्रीय के एक मंत्री ये जानकारी देते है कि ये जो किसान आंदोलन चल रहा इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है, तो रक्षा मंत्री को तुरंत चीन और पाक पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए और राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री,PM,HM को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए: संजय राउत, शिवसेना pic.twitter.com/7vnTvKi3Hc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
- किसानों ने दिल्ली से कौशाम्बी की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया है. किसानों का दावा है कि जो ट्रक फल वितरित कर रहा था, उसे जब्त कर लिया गया है.
- कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. भारतीय किसान यूनियन के मंजीत सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की है, लेकिन कई और किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं.
- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट करके कहा कि आज हमारे किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. सभी साथी नागरिकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम उनका समर्थन करते हैं. इस मानवाधिकार दिवस पर एक स्टैंड लें. मानवता के लिए इस लड़ाई में साथ खड़े रहे.
- तीनों कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों ने अपना आंदोलन और तेज करने का ऐलान किया है. किसान मजदूर संघर्ष समिति के ज्वाइंट सेक्रेटरी सुखविंदर सिंह का कहना है कि आने वाले दिनों में हमारा आंदोलन और तेज होगा. देश भर में यह आंदोलन चलेगा. एक दिन के लिए टोल फ्री किया जाएगा. इसके अलावा जिला मुख्यालय पर धरने दिए जाएंगे. 14 तारीख से देशभर के बाकी राज्यों में भी आंदोलन शुरू होगा. सरकार जब तक ये तीनो कानून वापस नहीं लेती. तब तक हम आराम से बैठने वाले नहीं हैं.
सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। "सरकार की मंशा ठीक नहीं है। सरकार चाहती है यह आंदोलन लंबा चले और कमजोर पड़ जाए। सरकार गलतफहमी में है। हमारा आंदोलन बढ़ रहा है। यहां से 5,000 लोग जाते हैं लेकिन 20,000 लोग आते भी हैं। सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।" मंजीत सिंह, किसान नेता pic.twitter.com/nMGubbwUMi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
- किसान नेता जसवीर सिंह का भी कहना है कि सरकार सिर्फ टालमटोल कर रही है, हमको संशोधन मंजूर नहीं है. पूरे के पूरे तीनों कानून वापस चाहते हैं. सरकार केवल बातों में उलझाना चाहती है. बार-बार बातचीत करके उन्हें मुद्दों को उठा रही है. अगर सरकार को कमियां लगती है तो कानून क्यों नहीं वापस ले लेती, इसलिए हम इस आंदोलन को और तेज करेंगे. ताकि सरकार यह तीनों कानून वापस ले.
- किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, ‘किसान आंदोलन भारत के इस लोकतांत्रिक मूल्य की पुनर्स्थापना का भी आंदोलन है कि सरकार के सभी फैसलों में आम जनता की भागीदारी होनी चाहिए, सरकार की मनमानी नहीं. इसीलिए भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए देश का हर नागरिक भी आज ‘किसान आंदोलन’ के साथ भावात्मक रूप से जुड़ता जा रहा है.’
‘सरकार आंदोलन को दबाना चाहती है’
सरकार किसानों को मनाने में जुटी है, उधर किसान देशभर में हाईवे जाम करने की तैयारी कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता मंजीत सिंह ने कहा है कि सरकार हमारे आंदोलन को कमजोर करना चाहती है। लेकिन, इसमें शामिल होने के लिए बहुत सारे किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। हम दिल्ली के लोगों से भी सपोर्ट की अपील कर रहे हैं।
जो प्रस्ताव आया है उसमें बिल वापसी की बात नहीं है। सरकार संशोधन चाहती है। संशोधन के लिए किसान तैयार नहीं है। हम चाहते है पूरा बिल वापस हो। बिल वापसी के अलावा कोई रास्ता निकलता नज़र नहीं आ रहा है। सरकार तीन कृषि बिल लाई है उसी तरह से MSP को लेकर भी बिल लाए: राकेश टिकैत, किसान नेता pic.twitter.com/nXNtgaNgZs
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
केंद्रीय मंत्री बोले- किसान आंदोलन में चीन-पाकिस्तान का हाथ
सरकार कानून वापस नहीं लेने की जिद पर अड़ी है, तो किसान भी अपनी बात पर डटे हैं। बयानबाजी भी हो रही है। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने का कहना है कि किसानों के आंदोलन में पाकिस्तान का चीन का हाथ है। दानवे ने कहा कि पहले CAA और NRC को लेकर मुसलमानों को भड़काया गया। ये कोशिशें नाकाम रही तो, अब किसानों को उकसाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने यह बात बुधवार को औरंगाबाद में हेल्थ सेंटर के इनॉगरेशन प्रोग्राम में कही।
‘मंत्री का बयान किसानों की बेइज्जती’
केंद्रीय मंत्री के बयान पर ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने जवाब दिया है। उनका कहना है कि यह देश के किसानों की बेइज्जती है। किसान अपने हितों के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें दूसरी ताकतें परेशान नहीं कर सकतीं।
किसानों को दूसरे प्रपोजल का इंतजार
सरकार किसानों को मज़बूत करने के लिए बिल लाई है न कि कमज़ोर करने के लिए। मोदी जी के PM रहते किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं कर सकता। दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष किसानों के कंधे को अपनी वैशाखी बनाना चाहता है। कांग्रेस और अन्य दलों को ऐसी ओछी हरकत नहीं करनी चाहिए: शहनवाज़ हुसैन,BJP pic.twitter.com/ttmdeyrJH1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 10, 2020
सरकार ने कृषि कानूनों में बदलाव करने समेत 22 पेज का प्रपोजल बुधवार को किसानों को भेजा था, लेकिन बात बनने की बजाय ज्यादा बिगड़ गई। किसानों ने सरकारी कागज को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि अब जयपुर-दिल्ली और आगरा-दिल्ली हाईवे समेत तमाम नेशनल हाईवे जाम किए जाएंगे। अंबानी, अडानी के प्रोडक्ट का बायकॉट और भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा। इस बीच सरकार के दूसरे प्रस्ताव का भी इंतजार रहेगा।