उत्तराखंड: टनकपुर-पिथौरागढ हाईवे दो दिन से बंद , पहाड़ी से रुक-रुक कर गिर रहा मलबा, 80 से ज्यादा वाहन फंसे

स्वांला-धौन के बीच मलबा आने से मंगलवार रात से बंद 80 वाहन फंसे, देवीधुरा के रास्ते भेजी जा रही सब्जी-रसद सामग्री

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टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर निर्माणाधीन बारहमासी मार्ग बृहस्पतिवार को भी नहीं खुल पाया। स्वांला-धौन के बीच सड़क पर भारी मलबा आने से मंगलवार रात नौ बजे से मार्ग बंद है। रास्ते में सेना के 12 वाहनों सहित 80 से ज्यादा वाहन फंसे हैं। 10 से ज्यादा वाहनों को चंपावत कोतवाली के पास रोका गया है। रुक-रुक कर पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से सड़क को सुचारु करने में दिक्कत आ रही है। वहीं अब सब्जी व रसद सामग्री की आपूर्ति देवीधुरा होते हुए की जा रही है।

मलबा हटाने में जेसीबी व पोकलैंड मशीनें लगी हुई हैं, मगर लगातार मलबा गिरने से मार्ग खोलने में भारी दिक्कत आ रही है। रास्ते में फंसे वाहन चालक व अन्य लोगों को प्रशासन की ओर से भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के लोहाघाट के ईई एलडी मथेला का कहना है कि मार्ग खोलने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कहा कि पहाड़ी से पत्थरों के गिरने से काम में व्यवधान हो रहा है।
सातवें दिन खुला गंगोत्री हाईवे
गंगोत्री हाईवे गुुरुवार को सातवें दिन सुचारू हो सका। भूस्खलन का सिलसिला थमने पर हाईवे पर जमा मलबा हटाकर यातायात बहाल किया गया। धरासू में भारी भूस्खलन से अवरुद्ध गंगोत्री हाईवे पर छठे दिन भी यातायात बहाल नहीं हो पाया था। बीआरओ ने इस हिस्से में वैकल्पिक सड़क तैयार कर यहां फंसे वाहनों को पास कराया था। वैकल्पिक सड़क को सभी वाहनों की आवाजाही लायक तैयार किया जा रहा था।

बीते शुक्रवार को धरासू के पास भारी भूस्खलन के कारण गंगोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया था। हाईवे अवरुद्ध होने से जिला मुख्यालय की लाइफ लाइन प्रभावित होने पर बीआरओ ने यहां एबीसीआई कंपनी के माध्यम से वैकल्पिक सड़क तैयार कराई।

धरासू थाने के पास से गंगा भागीरथी में ह्यूम पाइप डालकर पावर हाउस रोड तक चार सौ मीटर लंबी वैकल्पिक सड़क बुधवार को तैयार हुई। वैकल्पिक सड़क से बीते छह दिनों से फंसे लोडेड ट्रक पार कराए गए।

उत्तराखंड को केंद्र से मिला 669 करोड़ का जीएसटी मुआवजा, मेडिकल कॉलेजों को 10 करोड़ की धनराशि जारी

आर्थिक संकट का सामना कर रही प्रदेश सरकार को केंद्र से 669 करोड़ का जीएसटी मुआवजा मिलने से थोड़ी राहत मिली है। जीएसटी के कारण राज्य को हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र की ओर से यह प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। प्रदेश को अभी 579 करोड़ का राजस्व मिलना बाकी है। एक जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था से राज्य सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है।

हालांकि जीएसटी से प्रदेश में टैक्स कलेक्शन की दर में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन प्रदेश का सारा टैक्स बाहर जा रह है। जीएसटी से राज्य को राजस्व नुकसान की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार हर महीने मुआवजा देती है।

अक्तूबर 2019 से लेकर जनवरी 2019 तक प्रतिपूर्ति न होने पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस मामले को उठाया था। केंद्र सरकार ने अक्तूबर व नवंबर 2019 का कुल मुआवजा 669 करोड़ दो किस्तों में जारी किया है। पहली किस्त 379 करोड़ और दूसरी किस्त में 290 करोड़ की राशि सरकार को प्राप्त हुई है। दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 का 559 करोड़ का मुआवजा अभी केंद्र से मिलना बाकी है।

राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त विपिन चंद्र ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अक्तूबर व नवंबर 2019 का जीएसटी मुआवजा मिल गया है। जीएसटी व्यवस्था के तहत हर महीने टैक्स से जितना राजस्व नुकसान होता है। उसकी भरपाई केंद्र की ओर से की जाती है।

मेडिकल कॉलेजों को 10 करोड़ की धनराशि जारी

कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने राज्य के चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए 10 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। इससे मेडिकल कॉलेजों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए उपकरणों व अन्य व्यवस्थाओं में तेजी आएगी।

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज व बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, उत्तरकाशी के जिला अस्पतालों, अल्मोड़ा बेस अस्पताल, मेला अस्पताल हरिद्वार, बेस अस्पताल कोटद्वार, बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल को कोविड अस्पताल घोषित किया है।

कोरोना संक्रमण की आने वाली स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेडिकल कॉलेजों के लिए 20 करोड़ का बजट देने के निर्देश दिए थे। इसमें 10 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है। इस पैसे से मेडिकल कॉलेजों में वेंटीलेटर, आईसीयू, पीपीई किट समेत अन्य मेडिकल उपकरण की व्यवस्था की जाएगी।

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्रदेेश के चार मेडिकल कॉलेजों को 10 करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है। इससे मेडिकल कॉलेजों में सभी आवश्यक मेडिकल उपकरणों व अन्य व्यवस्थाओं को पूरा किया जा सकेगा।
– राधिका झा, सचिव, मुख्यमंत्री

तैनाती स्थल के थाने की बैरक में रहेंगे पुलिस कर्मी, ड्यूटी का समय भी घटाया जाएगा

कोरोना वायरस की जंग में दिन रात जनमानस की सेवा में जुटे पुलिसकर्मियों का मूवमेंट रोकने की तैयारी है। इसके तहत पुलिस कर्मचारी अब घर जाने के बजाए ड्यूटी स्थल वाले थाने की बैरक में ही रहेंगे।

कोरोना के संक्रमण से प्रभावित होने का खतरा सबसे ज्यादा पुलिसकर्मियों को है, क्योंकि उनके पास बचाव के पर्याप्त संसाधन नहीं है। इसी लिहाज से डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने पुलिस कर्मियों का मूवमेंट कम करने का फैसला लिया है।

उन्होंने बताया कि दिनभर ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों को अब थानों की बैरक में ठहराया जाएगा। यहीं पर उनके खाने और सोने का इन्तजाम किया जायेगा।

पुलिसकर्मियों की ड्यूटी का समय घटाया जाएगा

इसी तरह पुलिस लाइन में ड्यूटी करने वालों को बाहर जाने की इजाजत नहीं होंगी। लाइन में सैकड़ों पुलिस कर्मियों के परिवार रहते हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर भी ये जरूरी है।

डीआईजी अरुण मोहन जोशी लॉकडाउन में पुलिस कर्मियो की ड्यूटी कम करने की तैयारी में हैं। सड़क पर सिपाही आठ घंटे की ड्यूटी कर रहा है। इसके अलावा थाने में पुलिस कर्मी उससे ज्यादा ड्यूटी कर रहे हैं।

इस लिहाज से उन्होंने एसपी क्राइम लोकजीत सिंह को उपलब्धता के हिसाब से ऐसा प्लान बनाने को कहा है, ताकि पुलिसकर्मियों की ड्यूटी को कम किया जा सके।

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