खुशखबरीः बन गई कोरोना की वैक्सीन, बढ़ा रही वायरस से लड़ने की ताकत
प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि इस वैक्सीन का नाम हमने पिटगोवैक (PittGoVacc) रखा है. इस वैक्सीन की असर की वजह से चूहे के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज पैदा हो गए हैं जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर हैं.
कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में रिसर्च चल रहा है. अलग-अलग देश यह दावा कर रहे हैं कि उनके यहां वैक्सीन बन रही है. इस बीच अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन ने उस स्तर की ताकत हासिल कर ली है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण को मजबूती से रोका जा सके.
Researchers at University of Pittsburgh School of Medicine working on a prototype vaccine delivered via a fingertip-sized patch in mice have shown it can induce an immune response against SARS-COV-2 at levels that might prevent infection.https://t.co/DHnPHN255P
— Coronavirus (COVID-19) Alerts (@coronaviruscare) April 3, 2020
पूरी दुनिया भर के वैज्ञानिक इस घातक बीमारी की दवा खोजने में लगे हैं. कोरोना वायरस की वजह से अब तक 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 10 लाख लोग बीमार हैं. इसलिए वैज्ञानिकों की चिंता ये है कि वो जल्द से जल्द वैक्सीन बनाएं.
यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे बाकी देशों की तुलना में बहुत जल्द कोविड-19 कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित कर चुके हैं. इस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने जो वैक्सीन बनाई है उसके लिए इन लोगों ने सार्स (SARS) और मर्स (MERS) के कोरोना वायरस को आधार बनाया था.
पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि ये दोनों सार्स और मर्स के वायरस नए वाले कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से बहुत हद तक मिलते हैं. इससे हमें ये सीखने को मिला है कि इन तीनों के स्पाइक प्रोटीन (वायरस की बाहरी परत) को भेदना बेहद जरूरी है ताकि इंसानों के इस वायरस से मुक्ति मिल सके.
प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने कहा कि हमें यह पता कर लिया है कि वायरस को कैसे मारना है. उसे कैसे हराना है. हमने अपनी वैक्सीन को चूहे पर आजमा कर देखा. और इसके परिणाम बेहद पॉजिटिव थे.
प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि इस वैक्सीन का नाम हमने पिटगोवैक (PittGoVacc) रखा है. इस वैक्सीन की असर की वजह से चूहे के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज पैदा हो गए हैं जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर हैं.प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि इस वैक्सीन का नाम हमने पिटगोवैक (PittGoVacc) रखा है. इस वैक्सीन की असर की वजह से चूहे के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज पैदा हो गए हैं जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर हैं.
प्रोफेसर आंद्रिया गमबोट्टो ने बताया कि इस वैक्सीन का नाम हमने पिटगोवैक (PittGoVacc) रखा है. इस वैक्सीन की असर की वजह से चूहे के शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज पैदा हो गए हैं जो कोरोना वायरस को रोकने में कारगर हैं.इस पैच का आकार उंगली के टिप जैसा है. इस पैच में 400 से ज्यादा छोटी-छोटी सुइयां है जो शक्कर से बनाई गई हैं. इसी पैच के जरिए उसमें मौजूद दवा को शरीर के अंदर पहुंचाया जाता है. वैक्सीन देने का यह तरीका बेहद नया है और कारगर भी.
हालांकि, गमबोट्टो की टीम ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस एंटीबॉडी का असर कितनी देर रहेगा चूहे के शरीर में. लेकिन टीम ने कहा कि हमने पिछले साल MERS वायरस के लिए वैक्सीन बनाई थी जो बेहद सफल थी.