नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने देशभर की अदालतों में अंग्रेजी के अलावा हिंदी या स्थानीय भाषा में कामकाज और जिरह किए जाने की मांग की है. पासवान ने कहा है स्थानीय अदालतों के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी हिंदी में कामकाज होना चाहिए.
अंग्रेज़ी में कामकाज होने से लोगों को होती है परेशानी- पासवान
रामविलास पासवान का तर्क़ है कि केवल अंग्रेज़ी में जिरह और कामकाज होने से उन लोगों को परेशानी होती है, जिन्हें ये भाषा नहीं आती है. उन्होनें दावा किया कि इस कमी के चलते ग़रीबों को नुकसान उठाना पड़ता है.
हालांकि रामविलास पासवान ने ये साफ़ नहीं किया कि इस समय उनके द्वारा ऐसी मांग करने का क्या मतलब है. पासवान का कहना है कि वो अगले कुछ ही दिनों में अपनी पूरी बात सबके सामने रखेंगे.
‘एक राष्ट्र, एक मानक’ पर हो रहा काम- पासवान
वहीं, उपभोक्ताओं के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं सुनिश्चित करने पर पासवान ने कहा इसके लिए सरकार ‘एक राष्ट्र, एक मानक’ पर गंभीरता से काम कर रही है.
पासवान ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड की तरह ही हम देश में उत्पादों की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये ‘एक देश, एक मानक’ की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. फिलहाल देश में एक ही उत्पाद या सेवा के लिये कई मानक विद्यमान हैं. हमारा उद्देश्य है कि इन सभी को बीआईएस के साथ मिला दिया जाये.’’ उन्होंने कहा कि एक समान राष्ट्रीय मानक से अधिक उत्पादों के लिये इसे अनिवार्य बनाने में मदद मिलेगी.