Coronavirus Vaccine: बिहार से कम आबादी वाले तमिलनाडु को वैक्सीन की ज्यादा डोज क्यों? ऐसे समझें
Coronavirus Vaccine Updates: कोविड वैक्सीन सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी. इसमें डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्स शामिल होंगे. दूसरा ग्रुप फ्रंटलाइन वर्कर्स का है. तीसरा ग्रुप 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों का है. चौथे ग्रुप में ऐसे लोग होंगे जिनकी उम्र तो 50 साल से कम है लेकिन उन्हें डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी अन्य बीमारियां हैं.
Coronavirus Vaccine Updates: भारत कोरोना वायरस संक्रमण (Covid-19 Pandemic) के मामले में 1 करोड़ का आंकड़ा छूने की तरफ बढ़ रहा है. इस बीच कोरोना वायरस को मात देने के लिए देश में कई वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पर काम चल रहा है. सरकार को उम्मीद है कि अगले एक या दो महीने में वैक्सीन मिल सकती है. केंद्र साफ तौर पर कह चुका है कि भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट और फाइज़र द्वारा डेवलप की गई वैक्सीनों में से किसी एक या तीनों को जल्द ही ड्रग रेगुलेटर से हरी झंडी मिल सकती है. सरकार जुलाई तक 25-30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की तैयारी में है. हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 50 साल से ज्यादा है. जिस राज्य में ऐसे लोगों की आबादी ज्यादा होगी, उन्हें वैक्सीन वितरण में प्रमुखता दी जाएगी. ऐसे राज्यों में वैक्सीन की ज्यादा डोज भेजी जाएंगी. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु प्रमुख हैं.
सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार, 50 से ज्यादा उम्र वाली सबसे ज्यादा आबादी उत्तर प्रदेश में रहती है. जबकि महाराष्ट्र में हाइपरटेंशन और पश्चिम बंगाल में डायबिटीज के सबसे ज्यादा मरीज हैं. वहीं, केरल की एक-तिहाई आबादी 50 साल से ज्यादा उम्र वाली है. वहां हाइपरटेंशन और डायबिटीज के मरीज भी ज्यादा हैं.
वैक्सीन वितरण को लेकर क्या है सरकार का प्लान?
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वैक्सीन वितरण पर चर्चा की थी, साथ ही सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी. कोविड वैक्सीनेशन के लिए ये चार प्राथमिकता समूह उन्हें कोविड के खतरे को देखते हुए बनाए गए हैं. प्लान के मुताबिक, कोविड वैक्सीन सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी. इसमें डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिक्स शामिल होंगे. दूसरा ग्रुप फ्रंटलाइन वर्कर्स का है. इनमें सेना, पुलिस, नगर निगम और जरूरी सेवाओं के लोग होंगे. तीसरा ग्रुप 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों का है. चौथे ग्रुप में ऐसे लोग होंगे जिनकी उम्र तो 50 साल से कम है लेकिन उन्हें डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसी अन्य बीमारियां हैं.
किन राज्यों को मिलेगी वैक्सीन की ज्यादा डोज?
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 15% आबादी ही 50 साल से ऊपर है. इस राज्य की जनसंख्या इतनी है कि उसे सबसे ज्यादा वैक्सीन सप्लाई होंगी. यूपी के बाद सबसे ज्यादा 50 प्लस आबादी वाले राज्यों में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार का नंबर आता है. हालांकि, इन सबमें केरल को सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज की जरूरत है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के 2019-20 के आंकड़ों के मुताबिक, केरल की 25.3% आबादी डायबिटीज और 13.7% आबादी हाइपरटेंशन की शिकार है.
बिहार को मिलेंगी कितनी डोज?
युवा आबादी वालों राज्यों जैसे बिहार में 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग कम है या फिर उनमें को-मॉबिडिटी कम है. ऐसे में बिहार जैसे राज्यों को कोरोना वैक्सीन की कम डोज भेजी जाएंगी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का दावा है कि पहले फेज में 6 से 7 लाख की संख्या में वैक्सीन बिहार आने वाली है और स्वास्थ विभाग को इसके भंडारण के लिए जरुरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं.
बिहार में कोरोना वैक्सीन के 2.25 करोड़ डोज स्टोर करने की तैयारी
सरकार दो करोड़ से ढाई करोड़ वैक्सीन का डोज के रखरखाव के लिए तैयारी कर रही है. बिहार में वैक्सीन के रखरखाव के लिए स्वास्थ्य विभाग पशुपालन विभाग के साथ तालमेल बनाकर काम कर रहा है. बिहार में फिलहाल 674 कोल्ड चेन पॉइंट हैं जहां 1.37 डोज रखने की जगह है. राज्य सरकार को जल्द ही 1 करोड़ डोज के स्टोरेज का इंतजाम करना है. पटना के वेटरनरी कॉलेज में फिलहाल 10 लाख वैक्सीन की डोज को रखने की तैयारी की जा रही है.
वैक्सीन को लेकर दिल्ली ने की कैसी तैयारी?
दिल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मोहल्ला क्लीनिकों तक 609 कोल्ड चेन पॉइंटों का दायरा फैलाया जा रहा है. हर ज़िले में करीब 60 कोल्ड चेन पॉइंट होंगे. इनके अलावा, दिल्ली के सभी बड़े अस्पताल कोल्ड चेन पॉइंट के तौर पर इस्तेमाल किए जाएंगे. सबसे पहले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्करों, उसके बाद उम्रदराज़ों और फिर बाकी लोगों को वैक्सीन दी जाएगी.