बस हिदायतों की वैक्सीन:मोदी बोले- कोरोना वैक्सीन की कीमत और डोज तय नहीं, पर हमें किनारे पर कश्ती नहीं डूबने देनी है

कोरोना की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ 9वीं बार मीटिंग कर रहे हैं। पिछली बार 23 सितंबर 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की. इस बैठक में कुल आठ राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए, जिसमें दिल्ली, गुजरात, बंगाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मौजूद रहे. बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से अतिरिक्त बेड्स की मांग की गई, तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यों से सतर्कता बरतने को कहा. पीएम मोदी इसके अलावा आज ही कोरोना वैक्सीन के वितरण पर भी चर्चा करेंगे.

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नई दिल्ली। देश में अभी कोरोना की वैक्सीन आने में वक्त है। और जब तक वैक्सीन न आ जाए, हिदायतें ही काम आएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को ऐसी ही हिदायतें दी हैं। मंगलवार को वे बीते आठ महीने में नौवीं बार मुख्यमंत्रियों की बैठक ले रहे थे। 9 राज्यों के सीएम के साथ करीब चार घंटे चली इस मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री बोले- ‘अभी यह तय नहीं है कि कोरोना वैक्सीन की एक डोज देनी होगी या दो। उसकी कीमत क्या होगी, यह भी तय नहीं है। अभी ऐसे किसी भी सवाल का जवाब हमारे पास नहीं हैं।’ हालांकि, प्रधानमंत्री ने वैक्सीन आने के बाद की बात जरूर की। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बारे में तो वैज्ञानिक ही बताएंगे, लेकिन हमें वैक्सीन आने के बाद की तैयारी अभी से करनी होगी। यानी उसका स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन।

इन 9 राज्यों के CM शामिल हुए
मीटिंग में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, केरल के सीएम पिनाराई विजयन और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात उन राज्यों में शामिल हैं, जहां एक्टिव केस तेजी से बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद PM की स्पीच के 7 प्वाइंट
1. वैक्सीन पर

मोदी ने कहा- वैक्सीन की रिसर्च आखिरी दौर में पहुंची है। भारत जो भी वैक्सीन देगा, वो वैज्ञानिक तौर पर खरी होगी। भारत सरकार हर डेवलपमेंट पर बारीकी से नजर रख रही है। अभी यह तय नहीं है कि वैक्सीन की एक डोज होगी, दो डोज होगी। कीमत भी तय नहीं है। इन सवालों के जवाब हमारे पास नहीं हैं। वैज्ञानिक हैं, जो वैक्सीन बनाने वाले हैं। कॉरपोरेट वर्ल्ड का भी कंपटीशन है। हम इंडियन डेवलपर्स और दूसरे मैन्यूफैक्चरर्स के साथ भी काम रहे हैं।

2. वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन पर
प्रधानमंत्री ने बताया कि वैक्सीन आने के बाद यही प्राथमिकता हो कि सभी तक पहुंचे। अभियान बड़ा होगा और लंबा चलने वाला है। हमें एकजुट होकर एक टीम के रूप में काम करना ही पड़ेगा। वैक्सीन को लेकर भारत के पास जैसा अनुभव है, वो बड़े-बड़े देशों को नहीं। भारत जो भी वैक्सीन देगा, वो वैज्ञानिक तौर पर खरी होगी। वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर राज्यों के साथ मिलकर खाका रखा गया है। फिर भी ये निर्णय तो हम सब मिलकर करेंगे।

3. राज्यों और उनके मुख्यमंत्रियों पर
मोदी बोले- हम सब जानते हैं कि हम वैज्ञानिक नहीं हैं। व्यवस्था के तहत जो चीज आती है, उसी को स्वीकार करना होगा। मन में जो योजना हो, खासतौर पर वैक्सीन के संबंध में कि कैसे नीचे तक ले जाएंगे। राज्यों का अनुभव काम आएगा। वैक्सीन अपनी जगह पर है, वो काम होना है और करेंगे। थोड़ी सी भी ढिलाई कोरोना के खिलाफ लड़ाई में नहीं आनी चाहिए।

4. राजनीति पर
मोदी ने मीटिंग के दौरान यह भी कहा, “कुछ लोग वैक्सीन को लेकर राजनीति कर रहे हैं।’ मोदी ने किसी पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया। दरअसल, मोदी की बिहार चुनाव के दौरान मुफ्त वैक्सीन देने की घोषणा पर उद्धव ने तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि बाकी राज्य बांग्लादेश या पाकिस्तान में हैं क्या? मोदी का आज का बयान इसी का जवाब माना जा रहा है।

5. कोरोना से लड़ाई पर
उन्होंने कहा कि एक समय था कि अनजान ताकत से लड़ने की चुनौती थी। देश के संगठित प्रयासों से इसका सामना किया गया। नुकसान कम से कम रखा गया। रिकवरी और फैटेलिटी रेट के मामले में भारत संभली हुई स्थिति में है। टेस्टिंग और ट्रीटमेंट का बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। टेस्टिंग का दायरा बढ़ाना है। फैटेलिटी रेट 1% और पॉजिटिविटी रेट 5% के दायरे में रखना है।

6. कोरोना काल में लोगों के व्यवहार पर
प्रधानमंत्री ने बताया कि कोरोना के दौरान भारत के लोगों का व्यवहार भी अलग-अलग चरणों में अलग-अलग रहा है। पहले चरण में डर था। दूसरे चरण में भय के साथ संदेह भी जुड़ा। बीमारी की वजह से समाज से कटने का डर भी लगने लगा। लोग संक्रमण को छिपाने लगे। तीसरे चरण में काफी हद तक समझने लगे और संक्रमण को बताने लगे। आसपास लोगों को समझाने लगे। चौथे चरण में कोरोना से रिकवरी का रेट बढ़ा तो लोगों को लगा कि वायरस कमजोर हो गया, नुकसान नहीं कर रहा है। बीमार हो भी गए तो ठीक हो जाएंगे, इसकी वजह से इस स्टेज में लापरवाही बढ़ गई है।

7. देश से अपील की
मोदी ने कहा- त्योहारों से पहले मैंने हाथ जोड़कर प्रार्थना की थी कि कोई दवाई-वैक्सीन नहीं है और आप ढिलाई मत बरतिए। चौथे चरण में जो गलती की हैं, हमें उन्हें सुधारना होगा। हमें तो कोरोना पर ही फोकस करना है। अब हमारे पास टीम तैयार है। जो-जो चीज तैयार करें, उसे इम्प्लीमेंट करें। ना कोरोना बढ़े और ना कोई गड़बड़ हो। आपदा के गहरे समुद्र से निकलकर हम किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसा न हो जाए कि हमारी कश्ती वहां डूबी, जहां पानी कम था। हमें वो स्थिति नहीं आने देनी है।

4 चरणों में होगा वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन
मीटिंग में शामिल रहे हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि वैक्सीन पहले फेज में हेल्थकेयर वर्कर्स और उन्हें दी जाएगी, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाएगी। फिर दो चरणों में उम्र के हिसाब से इसका डिस्ट्रीब्यूशन होगा। यानी 4 चरणों में वैक्सीन दी जाएगी।

ममता ने कोरोना की मीटिंग में GST का मुद्दा उठाया
बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम वैक्सीन को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाने के लिए केंद्र और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना से सही तरीके से निपट रहे हैं। चर्चा भले कोरोना पर हो रही थी, लेकिन ममता ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के बकाया पेमेंट का मुद्दा भी उठाया।

वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन की स्ट्रैटजी पर चर्चा
देश में 5 वैक्सीन डेवलपमेंट के एडवांस स्टेज में हैं। इनमें से 4 फेज-2 या फेज-3 में हैं। आज की मीटिंग में वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन की स्ट्रैटजी पर भी चर्चा की जा रही है। सरकार ने इस बारे में काम शुरू कर दिया है कि कोरोना वैक्सीन बाजार में आने के बाद इसका तेजी से और प्रभावी डिस्ट्रीब्यूशन कैसे किया जाएगा।

अपडेट्स

  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला से लगातार कॉन्टैक्ट में हैं। वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन समय पर हो सके, इसके लिए टास्क फोर्स भी बनाई गई है।
  • केजरीवाल ने पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की है। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने तक केंद्र सरकार के अस्पतालों में 1000 अतिरिक्त ICU बेड रिजर्व रखने की अपील भी की है।
  • कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी बकाये का मुद्दा उठाया है. ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि केंद्र सरकार को राज्यों का जीएसटी बकाये का पैसा जारी करना चाहिए.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जानकारी दी कि उन्होंने एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो राज्य में कोविड वैक्सीन के वितरण पर काम कर रही है. इसके अलावा वो सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला के संपर्क में भी बने हुए हैं.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन से हुई. अमित शाह ने कहा कि यूरोप-अमेरिका में फिर से मामले बढ़े हैं, ऐसे में हमें सावधान रहना होगा. अमित शाह ने राज्यों से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को अनिवार्य करने पर जोर देने को कहा. अमित शाह के बाद स्वास्थ्य सचिव ने आगामी दिनों की जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और राजस्थान को विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मंगलवार को मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई. इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए और उन्होंने केंद्र सरकार से राजधानी में 1000 अतिरिक्त आईसीयू बेड्स की मांग की है. साथ ही दिल्ली सीएम ने पीएम मोदी से प्रदूषण के मसले पर दखल देने की अपील की है.

मीटिंग में कौन-कौन मुख्यमंत्री शामिल?
ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल
उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र
अरविंद केजरीवाल, दिल्ली
अशोक गहलोत, राजस्थान
विजय रूपाणी, गुजरात
भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़
मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा

कोरोना पर मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ 9वीं बैठक
देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद से प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ यह 9वीं बैठक है। पिछली बैठक 23 सितंबर को हुई थी। उस मीटिंग में 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की गई थी।

पिछली 8 मीटिंग कब-कब हुईं, तब क्या स्थिति थी?

मीटिंग की तारीख क्या चर्चा हुई कोरोना के केस कोरोना से मौतें
20 मार्च मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग और 22 मार्च के जनता कर्फ्यू पर फोकस किया। 249 5
2 अप्रैल 9 मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा हुई। मोदी ने कहा- लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे छूट देना ही बेहतर होगा। 2,543 72
11 अप्रैल लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने पर सहमति बनी। मीटिंग में शामिल 10 मुख्यमंत्रियों ने समर्थन किया। 8,446 288
27 अप्रैल हॉटस्पॉट के बाहर 4 मई को लॉकडाउन खोलने पर सहमति बनी। पांच राज्य 3 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाने के फेवर में थे। 29,451 939
11 मई मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा- 15 मई तक बताएं कि अपने राज्य में कैसा लॉकडाउन चाहते हैं। 70,768 2,294
16-17 जून प्रधानमंत्री ने कोरोना से बचाव के तरीकों, लॉकडाउन के असर, अनलॉक-1, इकोनॉमी और रिफॉर्म्स की बात की। 3,67,263 12,262
18 अगस्त मोदी ने कहा कि 72 घंटे के फॉर्मूले पर बात की। उन्होंने कहा कि 72 घंटे में संक्रमित व्यक्ति के आस-पास वालों की भी टेस्टिंग हो जानी चाहिए। 2766627 53015
23 सितंबर मोदी ने कहा- देश में करीब 700 जिले हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 7 राज्यों के 60 जिले ही चिंता की वजह हैं। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सलाह देता हूं कि वे 7 दिन तक जिला और ब्लॉक स्तर पर लोगों से वर्चुअल कॉन्फ्रेंस करें। 5730180 91175

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