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पीएम ने बताया अपनी सरकार के चार सूत्र
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कहा- सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना उद्देश्य
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन औषधि केंद्र (दुकानों) के संचालकों से रूबरू हुए. पीएम मोदी ने जन औषधि दिवस और होली पर बधाई दी. पीएम मोदी ने लाभार्थियों और केंद्र संचालकों से बात की. इस दौरान देहरादून की एक बुजुर्ग महिला की कहानी सुनकर भावुक हो गए.
पीएम मोदी ने कहा कि कहा कि यह एक योजना को सेलिब्रेट करने का दिवस नहीं है. यह उन लाखो लोगों से जुड़ने का एक प्रसंग है, जो इस योजना से लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने कोरोना वायरस का भी जिक्र किया और कहा कि आज पूरी दुनिया नमस्ते कर रही है. हाथ मिलाने की जगह नमस्ते करने की आदत डालें. पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) सस्ता इलाज उपलब्ध कराने का संकल्प है.
पीएम मोदी ने 6000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह नेटवर्क बढ़ने के साथ लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इन केंद्रों से दवाएं लेने पर दो-ढाई हजार करोड़ रुपये बचे हैं. यह बड़ी मदद हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एक हजार से अधिक जरूरी दवाओं की कीमत नियंत्रित होने से मरीजों के 12500 करोड़ रुपये बचे हैं.
बताए सरकार के चार सूत्र
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार चार सूत्रों पर काम कर रही है. पहला- प्रत्येक नागरिक को बीमारी से कैसे बचाएं, दूसरा अगर वह बीमार हो गया तो सस्ता और अच्छा उपचार कैसे मिले, तीसरा इलाज के लिए बेहतर और आधुनिक अस्पताल, पर्याप्त डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हो, चौथा सूत्र है मिशन मोड पर काम.
शुरू करेंगे पुरस्कार
पीएम मोदी ने पुरस्कार शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि इसका सबसे अधिक लाभ गरीब वर्ग के लोगों को मिलेगा. उन्होंने लाभार्थियों से अपने अनुभव अधिक से अधिक लोगों से साझा करने की अपील करते हुए कहा कि इससे जन औषधि का लाभ अधिक लोगों तक पहुंच सकेगा.
- बताया जाता है कि पीएम मोदी चयनित जन औषधि केंद्रों के संचालकों और वहां मौजूद लाभार्थियों से बात भी करेंगे. गौरतलब है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जन औषधि योजना के तहत सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए देश के 700 जिलों में 6200 केंद्र खोले गए हैं.
- इन केंद्रों से वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 390 करोड़ रुपये की दवाओं की बिक्री हुई. इससे आम नागरिकों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की कुल बचत होने का अनुमान जताया गया. बता दें कि जन औषधि केंद्रों की गिनती दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा श्रृंखला में की जाती है.
- कोरोना वायरस की चुनौतियों ने भारत सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं. सरकार इससे निपटने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस पर नजर बनाए हुए हैं. अब तक देश में 33 पॉजिटिव केस सामने आए हैं, दो नए केस अमृतसर के हैं. जबकि 29000 लोग निगरानी में हैं.
31 मरीज, 29000 लोग निगरानी में
बता दें कि अबतक भारत में कोरोना वायरस के 31 पेशेंट पाए गए हैं. इन 31 में से 16 व्यक्ति इटली से भारत घूमने आए थे. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसके अलावा 29000 लोगों पर निगरानी रखी जा रही है. यानी लगभग 29000 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है.
मास्क की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई
इस बीच देश में मास्क की किल्लत और कालाबाजारी की खबरों के बीच स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो दुकानदार मास्क की ज्यादा कीमत वसूलेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि कई दुकानदार मास्क की बढ़ती मांग के बीच लोगों से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं. डॉ हर्षवर्धन ने ट्वीट कर कहा, “मास्क की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.”
डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कोरोना वायरस पर एक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में राज्यों से क्वारेनटाइन सुविधाएं, आइसोलेशन वार्ड्स, टेस्टिंग लैब को तत्काल तैयार रखने को कहा है. उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, मुख्य सचिवों, केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की. उन्होंने राज्यों से कहा कि वे इसे लेकर सूचनाओं का प्रसार करें और लोगों ज्यादा से ज्यादा शिक्षित करें.
230 स्पेशल बेड तैयार
कोरोना वायरस को लेकर किसी अनहोनी से बचने के लिए दिल्ली के अस्पतालों में 230 स्पेशल बेड तैयार किए गए हैं. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक जिन अस्पतालों में कोरोना वायरस के लिए ये स्पेशल वार्ड और बेड तैयार किए गए हैं, उनमें 6 प्राइवेट अस्पताल भी शामिल हैं. कोरोना वायरस के रोगियों के लिए ये 230 स्पेशल बेड और वार्ड दिल्ली सरकार की ओर से तैयार किए गए हैं.
दुनिया में 100000 से ज्यादा मरीज
बता दें कि दुनिया में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 1 लाख को पार कर गई है. इस बीमारी से अबतक दुनिया भर में 3400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इटली में शुक्रवार को इस बीमारी से 49 लोगों की मौत हुई.