जालंधर. कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि, पंजाब सरकार पहले ही कर्फ्यू को 30 अप्रैल तक बढ़ा चुकी है। प्रदेश में संक्रमण के मंगलवार तक 180 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, 12 लोगों की संक्रमण से जान जा चुकी है। राहत की बात यह है कि राज्य में 25 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। राज्य सरकार ने संक्रमितों की संख्या के आधार पर प्रदेश को 4 जोन में बांटा है। इसमें 4 जिले रेड जोन में आ रहे हैं तो 13 ऑरेंज में। इसी के साथ 9 जिलों में 17 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। हालांकि, लगातार 23 दिनों से राज्य में कर्फ्यू लगा होने के चलते जरूरी सामानों की ऑपूर्ति की व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।
इंडस्ट्री अभी तैयार नहीं: न तो रॉ मटेरियल है और न सप्लाई चेन
पंजाब सरकार ने कुछ उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी है। लेकिन, इसमें नियम और शर्तें इतनी कड़ी है कि उद्योगों के लिए शुरू करना मुश्किल हो रहा है। जैसे मजदूरों के खाने-पीने का इंतजाम परिसर में ही कराया जाए। उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच कराई जाए। राज्य के उद्योगपतियों से जुड़े संगठन के एक प्रमुख गुरमीत कुलार कहते हैं कि हम फैक्ट्री चलाना चाहते हैं, लेकिन नियम कठिन है और इसको लेकर इंडस्ट्री अभी तैयार नहीं है। नियमों को थोड़ा आसान किया जाना चाहिए। वहीं, एक अन्य उद्योगपति डीएस चावला ने कहा कि इस समय न तो रॉ मटेरियलहै और न सप्लाई चेन है। ऐसी हालत में इंडस्ट्री चला पाना मुमकिन नहीं।
- जालंधर: शहर के लावां मोहल्ला, मिट्ठा बाजार, भैरों बाजार, मकसूदां के न्यू आनंद नगर, पुरानी सब्जी मंडी और निजात्म नगर में मामले मिलने के बाद सील कर दिया गया है। करतारपुर इलाके के गांव तलवंडी भीला में एक संक्रमित और शाहकोट के गांव कोटला हेरा की महिला की मौत के बाद उनके संपर्क में आने वाले 45 लोगों को सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है।
- लुधियाना: पुलिस कर्मियों का आरोप है कि शहर में 250 जगहों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। लेकिन, पुलिस कर्मियों को सुरक्षा के लिए सैनिटाइजर और मास्क वगैरह की पूर्ति नहीं की जा रही है। कुछ अपनी जेब से मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ रूमाल से ही काम चला रहे हैं।
आरोप- आढ़तियों के दो सौ करोड़ बकाया के भुगतान के लिए सरकार गंभीर नहीं
पंजाब के सब्जी-अनाज (आढ़तियों) दुकानदारों की एक संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने प्रदेश में गेहूं की खरीद का बायकॉट करने का ऐलान किया है। संघर्ष कमेटी के चेयरमैन पीपल सिंह और प्रदेश सचिव सुखविंदर सिंह गिल का कहना है कि कमेटी ने पिछले दिनों अपनी तीन मांगें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेजी थी। इनमें आढ़तियों की पिछली आढ़त की रकम की अदायगी करने, किसानों को एडवांस दिए पैसे का हिसाब करके बकाया रकम की अदायगी और मंडी मजदूरों का बीमा करना शामिल था। आढ़तियों को सरकार से करीब दो सौ करोड़ का बकाया लेना है, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है।