कोरोनावायरस और खतरनाक हुआ; क्या नए स्ट्रेन को रोक सकेगी वैक्सीन? जानिए सबकुछ
WHO ने पिछले हफ्ते कहा था कि अब तक नए स्ट्रेन की वजह से वैक्सीनेशन पर कोई असर नहीं दिखा है। अगर आगे की स्टडी में कोई पहलू दिखा तो उस पर विचार किया जाएगा और सदस्य देशों को उसके प्रति आगाह किया जाएगा।
कोरोनावायरस ने अपना रूप बदल लिया है। यह नया वैरिएंट VUI-202012/01 (दिसंबर 2020 में जांचा गया पहला वैरिएंट) पहले से ज्यादा खतरनाक है। यह तो नहीं पता कि इसकी वजह से केस बिगड़ सकता है या मौत हो सकती है, पर यह सामने आ चुका है कि नया स्ट्रेन ज्यादा इंफेक्शियस है। पहले के मुकाबले इसका ट्रांसमिशन रेट 70% अधिक है।
ब्रिटेन समेत यूरोप के ज्यादातर देशों में इसकी वजह से क्रिसमस से पहले सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है। भारत ने भी ब्रिटेन जाने और वहां से आने वाली फ्लाइट्स को बैन कर दिया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस नए स्ट्रेन को वैक्सीन रोक सकेगी? जानिए सबकुछ…
क्या होता है म्युटेशन? क्या वायरस में म्युटेशन नॉर्मल है?
- म्युटेशन का मतलब होता है कि किसी जीव के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव। जब कोई वायरस खुद की लाखों कॉपी बनाता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक या जानवर से इंसान में जाता है तो हर कॉपी अलग होती है। कॉपी में यह अंतर बढ़ता जाता है। कुछ समय बाद एकाएक नया स्ट्रेन सामने आता है।
- यह बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है। वायरस अपना रूप बदलते रहते हैं। सीजनल इन्फ्लूएंजा तो हर साल नए रूप में सामने आता है। इस वजह से कोविड-19 के नए वैरिएंट्स को लेकर वैज्ञानिकों को बहुत ज्यादा आश्चर्य नहीं है। वुहान (चीन) में नोवल कोरोनावायरस सामने आया था। इसने एक साल में दस लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली। इस वायरस में कई म्युटेशन भी हुए हैं।
ब्रिटेन में जो नया रूप सामने आया है, उसमें खतरनाक क्या है?
- कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन सबसे पहले UK के उत्तर-पूर्व में केंट काउंटी में सितंबर में सामने आया था। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की सुजन हॉपकिंस ने कहा कि एजेंसी ने नए स्ट्रेन की गंभीरता का मॉडल बनाकर ब्रिटेन की सरकार को 18 दिसंबर को इसकी सूचना दे दी है। UK ने इसी दिन अपनी स्टडी के नतीजे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को भी सौंप दिए हैं।
- सरकारों की चिंता बढ़ने की वजह यह है कि नया स्ट्रेन 70% ज्यादा इंफेक्शियस है। यानी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ गया है। लंदन में 9 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में सामने आए 62% केस नए स्ट्रेन के हैं, जो तीन हफ्ते पहले 28% थे।
- अमेरिका की रिपोर्ट कहती है कि अगस्त से नवंबर तक 15 हजार मिंक्स की कोरोनावायरस से मौत हुई। डेनमार्क ने भी कोरोनावायरस के बढ़ते केस को देखते हुए 17 मिलियन मिंक्स को खत्म करने का फैसला किया। डर था कि कोरोनावायरस का यह स्ट्रेन इंसानों में फैला तो वैक्सीन का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
- गार्जियन की एक रिपोर्ट में डेनमार्क के स्टेट सीरम इंस्टिट्यूट (SSI) के वैक्सीन एक्सपर्ट प्रोफेसर केयर मोलबैक ने कहा कि देश में मिंक्स से आए कोरोनावायरस के स्ट्रेन की वजह से नई लहर आ सकती है। हो सकता है कि नया स्ट्रेन पुराने से अलग हो और उस पर वैक्सीन बेअसर हो जाए।
क्या वैक्सीन नए कोरोनावायरस स्ट्रेन को रोक सकती है?
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि वैक्सीन नए वैरिएंट के खिलाफ कम इफेक्टिव है। ब्रिटेन के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर पैट्रिक वैलेंस ने कहा कि वैक्सीन से इस नए स्ट्रेन के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स पैदा करने में वैक्सीन प्रभावी है।
- ब्रिटिश सरकार की एडवायजरी बॉडी न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरल थ्रेट्स एडवायजरी ग्रुप ने एक रिसर्च पेपर जारी किया है। इसमें एक्सपर्ट्स को इस बात का कोई कारण नहीं मिला है कि नया म्युटेशन वैक्सीनेशन को प्रभावित करेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, नए स्ट्रेन के गंभीर प्रभाव या स्पाइक प्रोटीन में कोई बड़े बदलाव नहीं दिखे हैं, जो वैक्सीन की इफेक्टिवनेस कम करें।
- वेलकम ट्रस्ट के डायरेक्टर डॉ. जेरेमी फरार ने कहा कि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि नए स्ट्रेन की वजह से ट्रीटमेंट और वैक्सीन का असर कम होगा। इसके बाद भी यह म्युटेशन इस बात को याद दिलाता है कि वायरस परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढाल सकता है। भविष्य में ट्रीटमेंट और वैक्सीन को लेकर इसे ध्यान में रखकर प्लान बनाना होगा।
- गार्जियन ने बर्नी के हवाले से कहा कि वैक्सीन को वायरस के कई वैरिएंट्स पर टेस्ट किया गया है। इस वजह से यह माना जा सकता है कि वैक्सीन नए स्ट्रेन के खिलाफ कारगर रहेगी। जाहिर है कि इसके लिए पूरी तरह से टेस्ट भी करना होगा।
We’re in close contact with UK 🇬🇧 officials on the new #COVID19 virus variant. They’ll continue to share info & results of their analysis & ongoing studies. We’ll update Member States & public as we learn more about the characteristics of this virus variant & any implications.
— World Health Organization (WHO) (@WHO) December 19, 2020
अब क्या होगा? कब तक पता चलेगा नए स्ट्रेन और वैक्सीन से संबंध?
- ब्रिटेन में इस पर काम शुरू हो चुका है। देशभर में सर्वे कर यह बताने को कहा है कि कितने लोगों को नए स्ट्रेन ने इंफेक्ट किया है। हेल्थ अधिकारियों को देशभर में पॉजिटिव केस के सैम्पल्स की रैंडम सिक्वेंसिंग करने को कहा है।
- ब्रिटेन के अधिकारियों का कहना है कि हमने WHO को अलर्ट कर दिया है। उपलब्ध डेटा को एनालाइज कर रहे हैं ताकि नए स्ट्रेन के असर को लेकर हमारी समझ बढ़ सके। एंटीबॉडी रिस्पॉन्स की स्टडी करेंगे। कोविड-19 वैक्सीन के क्रॉस-रिएक्शन को टेस्ट करेंगे। इसमें दो हफ्ते लग जाएंगे।
- WHO ने पिछले हफ्ते कहा था कि अब तक नए स्ट्रेन की वजह से वैक्सीनेशन पर कोई असर नहीं दिखा है। अगर आगे की स्टडी में कोई पहलू दिखा तो उस पर विचार किया जाएगा और सदस्य देशों को उसके प्रति आगाह किया जाएगा।