कोविन पर रजिस्ट्रेशन कैसे होगा? वैक्सीनेशन साइट पर कौन-कौन होगा? कैसे लगेगी वैक्सीन? जानिए सबकुछ

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा था कि कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन 16 जनवरी को शुरू होगा। मंगलवार को पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से कोवीशील्ड और बुधवार को हैदराबाद के भारत बायोटेक से कोवैक्सिन की डिलीवरी शुरू हुई। सरकार का कहना है कि वैक्सीनेशन शुरू होने से एक दिन पहले यानी 15 जनवरी तक सभी सेंटरों तक वैक्सीन पहुंच जाएगी।

सरकार ने पहले फेज में 1.65 करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर दिया है। 1.1 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर सीरम इंस्टीट्यूट को कोवीशील्ड के लिए और 3.85 करोड़ वैक्सीन डोज का ऑर्डर भारत बायोटेक को कोवैक्सिन के लिए दिया है। इसके अलावा भारत बायोटेक कोवैक्सिन के करीब 16.5 लाख वैक्सीन डोज सरकार को फ्री में उपलब्ध करा रहा है। इन दोनों ही वैक्सीन को भारत के ड्रग रेगुलेटर ने 3 जनवरी को इमरजेंसी अप्रूवल दिया था।

कोवीशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है और भारत में सीरम इंस्टीट्यूट इसका प्रोडक्शन कर रही है। वहीं, भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) के साथ मिलकर बनाया है। इसके फेज-3 ट्रायल्स के रिजल्ट्स अब तक नहीं आए हैं, ऐसे में इसका इस्तेमाल क्लिनिकल ट्रायल्स की ही तरह होगा। आइए जानते हैं कि इसके आगे वैक्सीनेशन का प्लान क्या है? लॉजिस्टिक्स के बाद अब किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?

वैक्सीनेशन में किस तरह की चुनौतियां हैं?

  • भारत में अगली बड़ी चुनौती होगी देश के कोने-कोने तक वैक्सीन को पहुंचाना। जरूरतमंदों को वैक्सीन लगाना। फिर साइड इफेक्ट्स की निगरानी करना। केंद्र सरकार ने पूरे देश में तीन बार वैक्सीनेशन के ड्राई रन किए हैं, ताकि खामियों को पकड़ा जा सके। इसके अनुसार कुछ जरूरी बदलाव भी किए गए हैं।

सबसे पहले किसे लगेगी वैक्सीन?

  • सरकार ने पहले फेज में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का फैसला किया है। इसमें हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल होंगे। फ्रंटलाइन वर्कर्स में म्युनिसपल कर्मचारी, पुलिस, होमगार्ड, सेना के जवान होंगे। इसके बाद अगस्त 2021 तक 27 करोड़ अन्य हाई-रिस्क ग्रुप के लोगों को वैक्सीनेट करने का प्लान है। इनमें 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ ही, उन्हें भी रखा गया है जिन्हें कोरोनावायरस की वजह से जान का खतरा है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन्हें कोरोना इंफेक्शन हुआ है और जिनमें उससे जुड़े लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें वैक्सीनेशन साइट्स पर न जाने की सलाह दी है ताकि वे अन्य लोगों को इंफेक्ट न कर सकें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर जवाब (FAQs) जारी किए हैं। इसमें भी कोरोना वैक्सीन लगवाने को पूरी तरह से लोगों की मर्जी पर छोड़ा गया है।

कोविन (Co-WIN) क्या है?

  • यह एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म है, जिस पर वैक्सीनेशन से जुड़ा हर डेटा उपलब्ध होगा। सरकार ने जो ड्राई रन कराए थे, उसमें न केवल राज्य सरकारों की तैयारी देखी गईं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) को भी परखा गया। इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल वैक्सीनेशन में होता है। इसे ही रीमॉडल कर कोविन (Co-WIN) बनाया गया है और ड्राई रन के दौरान मैदानी स्तर पर इसकी फंक्शनैलिटी भी चेक की गई।
  • कोविन भारत में लगाई जाने वाली हर कोरोना वैक्सीन का पूरा डिजिटल डेटाबेस होगा। वैक्सीन लगवाने वालों को ट्रैक करने, उन्हें वैक्सीन साइट्स की जानकारी की तारीख और समय बताने, वैक्सीनेशन से पहले और बाद की प्रक्रियाओं की निगरानी करने, बूस्टर डोज के लिए फॉलो-अप करने और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कोविन का इस्तेमाल होगा।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 5 जनवरी को बताया था कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स की जानकारी राज्यों और जिले के अधिकारियों ने कोविन सिस्टम पर अपडेट कर दी है। बताया जा रहा है कि अब तक 79 लाख लोगों की जानकारी सिस्टम पर दर्ज हो चुकी है। इस समय ऐप्लिकेशन पर सेल्फ-रजिस्ट्रेशन की इजाजत नहीं है।
  • सरकार ने यह भरोसा दिलाया है कि वैक्सीनेशन के बाद के चरणों में भारतीय भाषाओं में कोविन एक ऐप्लिकेशन या वेबसाइट के तौर पर उपलब्ध होगा। इस पर लोग सेल्फ रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीनेशन से जुड़ी प्रक्रिया की निगरानी कर सकेंगे। वैक्सीनेशन के पहले फेज के बाद कोई भी व्यक्ति इस पर सेल्फ रजिस्ट्रेशन कर सकेगा।
  • आधार या कोई भी किसी सरकारी फोटो आईडी का इस्तेमाल आवेदक की पहचान की पुष्टि के लिए किया जाएगा, ताकि इसका गलत इस्तेमाल न हो सके। इसके अलावा 50 वर्ष से कम उम्र के ऐसे लोगों का भी रजिस्ट्रेशन होगा, जिन्हें किसी न किसी तरह का रिस्क है। सेल्फ रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें किसी विशेषज्ञ के दस्तावेज पेश करने पड़ेंगे।

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