जरूरत की खबर / पब्लिक टॉयलेट्स में भी कोरोना का खतरा; सतह को छूते वक्त सावधानी बरतें, पेपर टॉवेल से खोलें दरवाजा, बच्चों को भी दूर रखें

एक स्टडी के मुताबिक- कोविड 19 से संक्रमित व्यक्ति के मल में भी कोरोनावायरस हो सकता है बच्चों के साथ सफर कर रहे हैं तो ट्रैवल टॉयलेट साथ लेकर जाएं, रेस्टरूम की सतह को भी न छुएं

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कैथरीन गैमन. कोरोनावायरस के कारण लोग पब्लिक टॉयलेट से बचने के लिए अलग-अलग तरीके खोज रहे हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में पब्लिक टॉयलेट्स बंद भी पड़े हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सही सामान और सावधानी के साथ आप पब्लिक टॉयलेट का उपयोग कर सकते हैं।

पब्लिक टॉयलेट्स के साथ हमेशा गंदगी की बात सामने आते ही। खासकर, उन पैरेंट्स में जिनके बच्चे हर चीज को छूते हैं और मुंह पर लगाते हैं। ऐसे में महामारी के दौर में यह चिंता ज्यादा बढ़ गई है। बीते महीने आई एक स्टडी इस बात की पुष्टि करती है कि कोरोनावायरस मल में भी होता है। हालांकि स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीडियाट्रिक इंफेक्शियस डिसीज की प्रोफेसर डॉक्टर यवोन मैलडोनाडो के मुताबिक, अभी तक यह साफ नहीं है कि कोविड 19 से बीमार व्यक्ति के मल में कितना वायरस होता है और फ्लश के कितनी देर बाद तक इसके एयरोसोल्स हवा में रहते हैं।

लोगों की सोच से कम है जोखिम

  • कई पब्लिक रेस्टरूम छोटे होते हैं, उनमें अच्छा वेंटिलेशन नहीं होता और लोगों का आना-जाना ज्यादा होता है। ऐसे में लोग यह महसूस करते हैं कि बाथरूम ऐसी जगह है, जहां लोग वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। डॉक्टर मैलडोनाडो का कहना है कि पब्लिक बाथरूम में कुल रिस्क शायद इतनी नहीं होती है, जितनी लोग कल्पना करते हैं। यह बात उस इलाके में संपर्क पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसका सबसे ज्यादा लेना-देना इस बात से हैं कि व्यक्ति अंदर कॉन्टेक्ट में कितनी देर रहा।
  • कई लोग घंटों तक बाथरूम में बैठे रहते हैं। अगर हम डाटा देखेंगे तो सबसे ज्यादा ट्रांसमिशन घर पर हुए हैं, क्योंकि वहां एक वक्त में कई सतह हैं जो बार-बार छूने में आती हैं। एक पब्लिक बाथरूम में एक संक्रमित सतहों को बार-बार छूने के बजाए केवल एक बार छूता है।

पब्लिक टॉयलेट्स के इस्तेमाल में क्या सावधानी बरतें?

  • मैलडोनाडो ने बताया कि जब तक साइंटिस्ट ऐसे पब्लिक बाथरूम में रिस्क का पता नहीं लगा लेते, जिसमें कुछ देर तक संक्रमित व्यक्ति रहा है। तब तक कुछ उपाय हैं जो पैरेंट्स अपना सकते हैं।
  • सतहों को डिसइंफेक्टेंट्स से साफ कर हाथों को धो लें। दरवाजों के हैंडल और टॉयलेट सीट को वाइप्स से साफ कर लें। कोरोनावायरस को डिसइंफेक्टेंट से खत्म करना आसान है। लोगों को किसी भी बिल्डिंग में जाने से पहले मास्क पहनना चाहिए और बाथरूम में जितना हो सके दूसरों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। सांस से निकली बूंदें भी सतह से ज्यादा बड़ा ट्रांसमिशन का जरिया होती हैं।
  • पीडियाट्रीशियन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की प्रवक्ता डॉक्टर तान्या ऑल्टमैन के मुताबिक, बच्चों को सतह न छूने दें। उनके लिए यह काम आप करें। पैरेंट्स सतह छूते वक्त हाथ में वाइप्स, ग्लव्ज पहनें या पेपर टॉवेल का इस्तेमाल करें।
  • तान्या के मुताबिक, इसका मतलब है कि पैरेंट्स ही दरवाजा खोलेंगे, टॉयलेट सीट कवर हटाएंगे, बच्चे को सीट पर बैठाएंगे, साफ करने में मदद करेंगे, फ्लश करेंगे और दरवाजा खोलेंगे। किसी भी सतह और त्वचा से छूने के बीच बैरियर रखने की सलाह देती हैं। केवल कोरोनावायरस के लिए नहीं, बल्कि आम साफ-सफाई के लिए।

पैरेंट्स ध्यान से साफ करें हाथ

  • डॉक्टर तान्या ने बताया कि काम के बाद पैरेंट्स और बच्चे हाथ अच्छी तरह से साफ करें। दरवाजे को पेपर टॉवेल से खोलें। बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाएंगे, वे खुद ही रेस्टरूम में सतहों को छूने से बचने लगेंगे।
  • अगर नवजात और छोटे बच्चों के डायपर बदलने पड़ें तो डॉक्टर तान्या पेरेंट्स को साथ प्लास्टिक की कचरे की थैली लाने की सलाह देती हैं। इस थैली को टेबल पर बिछाएं और इसपर सभी जरूरी सामान को बाहर निकालें, ताकि बाद में आपको जरूरी चीजों को खोजने के लिए दूसरी सतहों को छूना न पड़े। चेंज के बाद डायपर को कचरे की थैली में लपेट कर फेंक दें।

बच्चों को रुकने के लिए न कहें

  • यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में प्रोफेसर एमेरिटस और पीडियाट्रीशियन डॉ. रिचर्ड जैक्सन बच्चों को रुकने के लिए कहना सही नहीं मानते। कहते हैं कि बच्चों को रोकने के लिए न कहें, क्योंकि किसी सुरक्षित स्थान पर रोकने के लिए कहना हेल्दी नहीं हो सकता है।
  • उन्होंने बताया कि वेस्ट को रोकने के कारण वॉइडिंग डिसफंक्शन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। यह जरूरी है कि बच्चों को कुछ वक्त तक इस प्रक्रिया को रोकना पड़े, लेकिन इसे तब तक न रोकें जब यह दर्द देने लगे।

ट्रैव्लिंग टॉयलेट लेकर निकलें

  • छोटे बच्चों के साथ यात्रा के दौरान डॉ. जैक्सन ट्रैवल टॉयलेट रखने की सलाह देते हैं। बाहर पेशाब करना छोटे बच्चों के बीच खासा लोकप्रिय है, खासकर लड़कों में। लेकिन डॉक्टर तान्या कहती हैं कि यह तय कर लें कि आप उस जगह की नियमों का पालन कर रहे हैं। अगर नियम बाथरूम का उपयोग करने के लिए कहते हैं तो गाइडलाइन फॉलो करें। वहीं, करें जो आप चाहते हैं कि दूसरे भी करें।
  • डॉ. जैक्सन ने कहा कि मल को ऐसी जगह पर छोड़ना अच्छा विचार नहीं है, जहां कई लोग आसपास घूम रहे हैं। हाइक या कैंपिंग ट्रिप्स के दौरान अगर बाथरूम नहीं मिल पा रहे हैं तो वेस्ट को अपने साथ कैरी करें। इसके अलावा पानी और रास्ते से दूर करीब 8 इंच का गड्ढा खोदें।
  • इसके बावजूद डॉक्टर तान्या के अनुसार, सूरज की रोशनी और ताजी हवा में बाहर जाना पब्लिक बाथरूम के जोखिम को कम कर देता है। बाहर जाना शारीरिक के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी जरूरी है।

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