लॉकडाउन के बाद बदलेगा शॉपिंग का तरीका! इस तरह के कारोबार में होगा इजाफा

कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से 3 मई तक के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. इसके बाद भी भीड़ को लेकर जरूरी गाइडलाइन जारी की जा सकती है.

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  • लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने वाली है
  • इसके बाद भी भीड़ को लेकर सख्ती रह सकती है

कोरोना वायरस दुनियाभर के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है. इस वायरस की वजह से भारत में लगातार 40 दिनों का लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने वाली है.

इसके बाद जनजीवन पटरी पर आने की उम्मीद की जा रही है. लेकिन 3 मई के बाद भी भीड़ को लेकर नियमों में सख्ती रह सकती है, क्योंकि हालात इतनी जल्दी सामान्य होने की उम्मीद कम है. जानकारों की मानें तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद जागरूक लोग भीड़ में जाना पसंद नहीं करेंगे. ऐसे में शॉपिंग का तरीका भी बदल सकता है.

इन्वेस्ट ऑनलाइन डॉट इन के संस्थापक अभिनव अंगिरिश कहते हैं,​ ”जिन लोगों को कोरोना वायरस के खतरे के बारे में जागरूकता है वो अगले कुछ महीनों तक भीड़ में नहीं जाना चाहेंगे. लोग रेस्टोरेंट की बजाए किसी ऑनलाइन फूड डिलिवरी से खाना मंगाना पसंद करेंगे. शॉपिंग के लिए मॉल या दुकान में जाने की बजाए ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख कर सकते हैं. ग्रॉसरी के लिए राशन के दुकान जाने की बजाए ऑनलाइन मंगाना चाहेंगे.”

ऐसे में यह लगभग तय है कि ई-कॉमर्स/ऑनलाइन कंपनियों की चांदी होगी. इस हालात में ई-कॉमर्स कंपनियों के पास डिमांड बढ़ेगी लेकिन होम डिलिवरी के लिए कंपनियों के पास कर्मचारियों की संख्या कम पड़ सकती है. इस संकट को समझते हुए अधिकतर ई-कॉमर्स कंपनियों ने कर्मचारियों की भर्ती शुरू कर दी है. हाल ही में ऑनलाइन ग्रॉसरी प्रोडक्ट की डिलिवरी करने वाली कंपनी बिगबास्केट और ग्रॉफर्स ने कुल 12 हजार कर्मचारियों की भर्ती का फैसला लिया है.

कंपनियों पर बढ़ी जिम्मेदारी

अभी के जो हालात हैं उसमें ये लग रहा है कि कोरोना वायरस का प्रकोप इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाला है. इस परिस्थिति में ई-कॉमर्स कंपनियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. इन कंपनियों को डिलिवरी ब्वॉय के स्वास्थ्य की चिंता करनी होगी.

आपको बता दें कि दिल्ली में एक पिज्जा डिलिवरी करने वाला शख्स कोरोना पॉजीटिव निकला है. इस वजह से 72 परिवारों को होम क्वारनटीन कर दिया गया है. साथ ही संपर्क में आए 17 डिलिवरी ब्वॉय को भी क्वारनटीन किया गया है. कहने का मतलब ये है कि अगर कंपनियां अपने कर्मचारी या डिलिवरी ब्वॉय के स्वास्थ्य को लेकर सचेत नहीं रहीं तो कोरोना संक्रमण का फैलाव आसान हो सकता है.

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